Deadly Attack : आमेट उपखंड मुख्यालय पर अवैध गतिविधियों पर लगाम लगाने के लिए चलाए जा रहे अभियान के तहत एक महत्वपूर्ण कार्रवाई करते हुए पुलिस ने एक युवक को तलवार से हमले के आरोप में गिरफ्तार किया है। थानाधिकारी सुरेन्द्र सिंह ने बताया कि किशन सिंह (18), पुत्र देवीसिंह रावत ने 2 नवंबर को एक प्राथमिकी दर्ज करवाई थी। शिकायत में उन्होंने आरोप लगाया था कि उन पर एक युवक ने तलवार से हमला किया है। पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए आरोपी की तलाश शुरू की और उसे गिरफ्तार कर लिया। Amet news
Rajsamand news today : किशन सिंह ने अपनी शिकायत में बताया कि यह घटना 1 नवंबर को शाम 6:30 बजे हुई थी। उस दिन वह अपनी माता को लिकी से आमेट छोड़ने के बाद वापस लिकी लौट रहा था। रास्ते में, महेन्द्र सिंह पुत्र नारायण सिंह रावत, जो कि लिकी का ही रहने वाला है, ने उसे फोन करके अपने खेत पर बुलाया। महेन्द्र सिंह ने किशन सिंह को खेत पर आने के लिए कहा। किशन सिंह ने महेन्द्र सिंह की बात मानते हुए अपनी मोटरसाइकिल से लिकी स्थित अपने खेत पर पहुंचा। जब वह खेत पर पहुंचा तो उसने देखा कि महेन्द्र सिंह अकेला नहीं था। उसके साथ भैरू सिंह पुत्र रूप सिंह रावत और भरत सिंह पुत्र गणेश सिंह रावत भी मौजूद थे। महेन्द्र सिंह के हाथ में तलवार थी। जैसे ही किशन मोटरसाइकिल से उतरा, महेन्द्र सिंह और उसके साथी भैरू सिंह और भरत सिंह ने उसे रोक लिया और मारपीट शुरू कर दी। इस दौरान महेन्द्र सिंह ने तलवार से किशन पर हमला किया, जिससे किशन के हाथ पर गहरी चोट लग गई। किशन के शोर मचाने पर पड़ोस के खेत में काम कर रहे सोहन सिंह मौके पर पहुंचे। सोहन सिंह को आता देखकर महेन्द्र सिंह डर गया और उसने तलवार फेंककर मौके से फरार हो गया। Rajsamand Police Action
Accused Arrested : पुलिस ने किया आरोपियों को गिरफ्तार
Accused Arrested : किशन सिंह के साथ हुई इस घटना के बाद पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए एक विशेष अभियान चलाया। सहायक उप निरीक्षक प्रताप सिंह के नेतृत्व में गठित एक टीम ने इस मामले की जांच शुरू की। तलाशी अभियान के दौरान पुलिस ने भैरू सिंह (18) पुत्र रूप सिंह रावत, भरत सिंह (18) पुत्र गणेश सिंह रावत और एक नाबालिग बालक को गिरफ्तार किया। पूछताछ के दौरान इन तीनों ने किशन सिंह पर हमला करने की बात स्वीकार कर ली। पुलिस ने भैरू सिंह और भरत सिंह को गिरफ्तार कर लिया, जबकि नाबालिग बालक को प्रिंसिपल किशोर न्यायालय बोर्ड के समक्ष पेश किया गया। न्यायालय ने बालक को बाल सुधार गृह भेजने का आदेश दिया।