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Desuri nal Accident के बाद शिक्षक निलंबित, बाल आयोग सदस्य ने की घायल बच्चों से मुलाकात

Desuri Accident https://jaivardhannews.com/desuri-nal-accident-on-teacher-suspendend/

Desuri nal Accident : राजसमंद में रविवार को हुए दर्दनाक सड़क हादसे के बाद प्रशासन सख्त कार्रवाई कर रहा है। जिसमें तीन स्कूली छात्राओं की मौत हो गई थी। इस घटना के बाद सोमवार को राज्य बाल आयोग के सदस्य राजसमंद पहुंचे और पूरी घटना की जानकारी ली।वहीं, जिला शिक्षा अधिकारी राजेंद्र कुमार गग्गड़ ने इस मामले में कठोर कदम उठाते हुए महात्मा गांधी राजकीय स्कूल मानक देह के अध्यापक राजेंद्र सिंह सिसोदिया को निलंबित कर दिया है। अध्यापक को बिना विभाग को सूचित किए और अभिभावकों की लिखित स्वीकृति के बिना स्कूल के बच्चों को ट्यूर पर ले जाने के आरोप में यह कार्रवाई की गई है। Desuri Accident Update

Rajsamand news today : राज्य बाल आयोग सदस्य ध्रुव कुमार कविया ने राजसमंद में हुए दर्दनाक सड़क हादसे के बाद बाल कल्याण समिति और बाल अधिकारिता विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर घटना की विस्तृत जानकारी ली। बैठक के बाद टीम आरके हॉस्पिटल पहुंची, जहां उन्होंने प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉ. रमेश रजक से बातचीत की। इसके बाद, टीम ने हॉस्पीटल के नानालाल कुमावत और प्रकाश वैष्णव के साथ मिलकर उन वार्डों का दौरा किया जहां दुर्घटना में घायल बच्चे भर्ती थे। इस दौरान उन्होंने घायल बच्चों और उनके परिजनों से मुलाकात की और उनकी कुशलक्षेम पूछी। इस महत्वपूर्ण दौरे के दौरान बाल कल्याण समिति अध्यक्ष कोमल पालीवाल, सहायक निदेशक बाल अधिकारिता विभाग दीपेन्द्र सिंह शेखावत और जेजेबी सदस्य विजय सिंह गौरवा भी मौजूद थे। राज्य बाल आयोग सदस्य ध्रुव कुमार कविया द्वारा हादसे में घायल बच्चों से मुलाकात के दौरान बच्चों ने बताया कि स्कूल में उनसे 300 रुपये वसूले गए थे। आयोग सदस्य कविया ने बच्चों के परिजनों को आश्वासन दिया कि उन्हें राज्य सरकार की ओर से पूरा सहयोग और राहत मिलेगी। उन्होंने इस मामले में उचित कार्रवाई का भी आश्वासन दिया। Teacher suspended

School Bus Accident : नाथद्वारा में हुए हादसे पर भी की चर्चा

School Bus Accident : राज्य बाल आयोग की टीम ने इस मामले में आगे की कार्रवाई करते हुए कलेक्टर बालमुकुंद असावा से मुलाकात की। इस मुलाकात में मुख्य रूप से विद्यार्थी बीमा योजना के लाभ के बारे में चर्चा की गई। आयोग ने कलेक्टर से अनुरोध किया कि इस दुर्घटना में मृतक दो बालिकाओं के परिवारों को आयुष्मान भारत योजना के तहत 5 लाख रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जाए। साथ ही, एक अन्य बालिका को मुख्यमंत्री राहत योजना के तहत आर्थिक सहायता उपलब्ध करवाई जाए। राज्य बाल आयोग के सदस्य ध्रुव कुमार कविया ने अपनी बैठक में नाथद्वारा में हुए एक अन्य स्कूली बालिका की दुर्घटना का भी उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि दो दिन पहले 120 फीट रोड पर एक स्कूली बालिका की दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी। इस घटना को देखते हुए उन्होंने सड़कों पर सुरक्षित और नियमित यात्रा सुनिश्चित करने के लिए सख्त निर्देश जारी करने की बात कही। आयोग के सदस्य कविया ने जिला प्रशासन द्वारा इस मामले में त्वरित कार्रवाई करने पर संतोष व्यक्त किया और बच्चों के सर्वोत्तम हित के लिए संवेदनशील रहने पर आभार जताया। इसके बाद, टीम ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों मुकुट बिहारी और राजेंद्र गग्गड़ के साथ बैठक की। इस बैठक में पूरे मामले की विस्तृत जानकारी ली गई और अधिकारियों को एक विस्तृत रिपोर्ट देने के निर्देश दिए गए। इस दौरान निलंबित किए गए शिक्षक के बारे में भी चर्चा की गई।

देसूरी नाल हादसे पर जिला कलक्टर ने बुलाई बैठक

जिला कलक्टर बालमुकुंद असावा ने देसूरी नाल हादसे को लेकर पीडब्लूडी, आरएसआरडीसी, एनएचएआई से जुड़े अधिकारियों की विशेष बैठक बुलाई है। बताया कि गंभीर घायल छात्र कन्हैयालाल गुर्जर (12) पुत्र लादूलाल गुर्जर निवासी किशनपुरा की तबीयत ज्यादा खराब होने पर उदयपुर से अहमदाबाद शिफ्ट कर दिया गया, जिसका इलाज जारी है। कलेक्टर ने बताया कि इस मार्ग पर पहले भी बड़े कई हादसे हो चुके है। ऐसे में अब इस प्रकार की दुर्घटनाए दुबारा न हो इसके मार्ग को सुगम बनाने के लिए अब तक क्या प्रयास किए गए व अब और क्या किया जा सकता है इसके लिए मंगलवार को संयुक्त रूप से बैठक आयोजित कर निर्णय लिया जाएगा। जिसमें पीडब्ल्यूडी, वनविभाग सहित संबधित विभाग के अधिकारी मौजूद रहेगे।
बैठक में मुख्य रूप मार्ग को सुगम बनाने के लिए अब तक राज्य सरकार को भेजे गए प्रस्तावों की प्रगति रिपोर्ट, फोरेस्ट विभाग के सहयोग की अपेक्षा सहित मार्ग बनाने में आने वाली बाधाओं की रिपोर्ट बनाकर भेजी जाएंगी जिससे कि जल्द से जल्द इस मार्ग को सुगम बनाया जा सके। इस प्रकार के भीषण हादसों को रोका जा सकें। फिलहाल सड़क की मरम्मत, सड़क की साइड दीवार की मरम्मत, रोड पर लगाए गए संकेत चिन्हों को ठीक करने का काम 2 दिनों में पूरा कर लिया जाएगा।

बेटियों की लाश देख फूट-फूटकर रोए पिता

राजसमंद में पिकनिक पर गए स्कूली बच्चों से भरी बस पलटने से दो चचेरी बहनों समेत 3 छात्राओं की मौत हो गई थी। जो बहनें सुबह-सुबह घर से खुशी-खुशी निकली थी, उनकी लाशें घर पहुंची थीं। आज दोनों चचेरी बहनों की एक साथ अर्थी उठी तो हर किसी की आंखें नम हो गईं। एक ही चिता पर दोनों बहनों का अंतिम संस्कार किया गया। एक बेटी के पिता बोले-अगर मैं उसे पिकनिक पर नहीं भेजता, तो आज वह मेरे पास होती। देसूरी की नाल में 8 दिसंबर को स्कूली बच्चों से भरी बस ब्रेक फेल होने से पलट गई थी। हादसे में चचेरी बहन ललिता (14) पुत्री प्रकाश, आरती (12) पुत्री मीठालाल निवासी गांव डांडिया और एक अन्य छात्रा प्रीति (12) पुत्री नरेंद्र सिंह निवासी चावंडखेड़ा की मौत हो गई थी। तीनों आमेट (राजसमंद) के राछेटी पंचायत के माणकदेह गांव के महात्मा गांधी राजकीय स्कूल में पढ़ती थी।

पिता बोले- मैंने ऐसा क्या गुनाह किया?

ललिता के पिता प्रकाश फूट फूट कर रोने लगे। कहा- आखिर मैंने ऐसा क्या गुनाह किया कि बेटी को पिकनिक पर जाने की अनुमति दी? अब ऐसी स्थिति में सूरत जाकर काम करने की हिम्मत मुझ में नहीं है। ललिता मेरी सबसे बड़ी उम्मीद थी। उसके जाने से सब कुछ बिखर गया है। उन्होंने कहा ललिता चार बहनों में सबसे बड़ी थी। अनीता (12), डिंपल (7) और मनीषा (2) छोटी है।

परिजन बोले- जैसे सब कुछ खत्म हो गया

पत्नी रेखा ने मुझे कॉल कर कहा था कि बेटी पिकनिक पर जाने की जिद कर रही है। मैंने उसे मना करने को कहा, लेकिन वह मानने को तैयार नहीं थी। घर में रुपए नहीं थे। ऐसे में मैंने कहा कि किसी से रुपए लेकर दे दो, बच्ची का मन रह जाएगा। पत्नी ने आसपास से 300 रुपए लेकर ललिता को देकर कहा था कि सर को जमा करवा देना। हमें क्या पता था कि यह फैसला हमारी खुशियां छीन लेगा। खुशियों की जगह बेटी की मौत की खबर सुननी पड़ेगी। ऐसा लग रहा है, जैसे सब कुछ खत्म हो गया बेटियों की मौत की खबर सुनकर ललिता की मां रेखा और आरती की मां फूला बेहोश हो गई थीं। होश में आने पर बार-बार सिर्फ यही पूछती रहीं, ‘मेरी बेटी कहां है?’ दोनों बेसुध हालत में थीं। गांव की महिलाएं उन्हें संभालने की कोशिश कर रही थीं, लेकिन वे बार-बार खुद को कोसते हुए फूट-फूटकर रोने लगती थीं।

बेटी की मौत से वीरान हो गया घर

इधर, चावंडखेड़ा की रहने वाली छात्रा प्रीति कंवर का रविवार को ही अंतिम संस्कार कर दिया गया था, लेकिन बेटी को खोने के गम में मां बख्शी कंवर का रो-रोकर बुरा हाल था। पिता नरेंद्र सिंह भी गहरे शोक में डूबे हुए थे। उनका कहना था कि यह त्रासदी उनके जीवन की सबसे बड़ी पीड़ा बन गई है। मां बख्शी कंवर ने बताया- मैंने अपने बेटे धर्म सिंह और बेटी प्रीति दोनों को ही पिकनिक के लिए भेजा था। प्रीति ने मुझसे कहा था कि सभी बच्चे पिकनिक जा रहे हैं। मेरे सर भी कह रहे हैं, तो मैं भी जाना चाहती हूं।’ स्कूल में पिकनिक के लिए 300-300 रुपए मंगवाए थे। उसके कहने पर मैंने दोनों बच्चों को जाने दिया। मेरा बेटा धर्म सिंह सकुशल लौट आया, लेकिन बेटी को भगवान ने मुझसे छीन लिया।

भाई सदमे में, परिजन भी स्तब्ध

पिकनिक में बहन प्रीति के साथ भाई धर्म सिंह भी गया था। हादसे में बहन नहीं रही, लेकिन भाई अभी सदमे में है। जब उससे हादसे के बारे में पूछा गया तो वह कुछ बोल ही नहीं पाया। उसके चेहरे पर डर दिखाई दे रहा था। बात-बात करते ही वह रो पड़ा। जिसे परिजनों ने संभाला। चावंडखेड़ा के रहने वाले मदन सिंह ने बताया कि आसपास के पांच गांवों में खाना तक नहीं बना। एक अजीब सा डर छा गया कि आखिर ऐसा भगवान ने क्यों किया?

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