लक्ष्मणसिंह राठौड़ @ राजसमंद
राजसमंद व पाली जिले की सरहद पर स्थित देसूरी नाल का पंजाब मोड़ फिर बुधवार अल सुबह सूर्योदय से पहले कई लोगों की जिन्दगी लील गया। अल सुबह साढ़े पांच बजे चारभुजा से पाली जा रही ट्रेवल्स बस पंजाब मोड़ के पास बेकाबू होकर चट्टान से टकरार पलट गई। हादसे में प्रथम दृष्टया 2 लोगों की मौत और 35 से ज्यादा लोगों के घायल होने की सूचना है। दुर्घटना होते ही चीख, चित्कार व बचाव का करुण क्रंदन गूंज उठा। हादसे के बाद कई एम्बुलेंस, पुलिस फोर्स पहुंची और घायलों को तत्काल चारभुजा, देसूरी व राजसमंद के आरके जिला चिकित्सालय पहुंचाया गया।
चारभुजा थाना क्षेत्र के देसूरी नाल में पंजाब मोड़ पर यह हादसा हुआ है। दुर्घटना की सूचना पर मिलते ही चारभुजा थाना प्रभारी भवानीशंकर मय जाब्ते के सबसे पहले मौके पर पहुंच गए। फिर चारभुजा, देसूरी से भी एम्बुलेंस मौके पर पहुंच गई। के्रन भी तत्काल मौके पर मंगवा ली गई और घायलों को तत्काल अस्पताल पहुंचाने की कार्रवाई शुरू की गई। फिलहाल मौके पर चारभुजा व देसूरी पुलिस के साथ पुलिस, प्रशासनिक अधिकारी, कार्मिकों के साथ कई लोग मौके पर जुटे हुए हैं।
हादसे के बाद लग गया जाम
देसूरी नाल के पंजाब मोड़ पर तडक़े साढ़े पांच बजे बस पलटने की सूचना के साथ नाल में जाम लग गया। सडक़ के दोनों तरफ वाहनों की लंबी कतार लग गई। हादसे के बाद कई भारी वाहनों को टोल प्लाजा से पहले ही रोक लिया गया, जबकि देसूरी नाल में पाली की तरफ भी ढलान से नीचे ही पुलिस द्वारा वाहनों को रोक लिया और धीरे धीरे वाहनों को रिलीज किया जा रहा है।
इंदौर से जोधपुर जा रही थी बस
ट्रवेल्स बस इंदौर से जोधपुर जा रही थी। कथित तौर पर बताया कि यह बस गढ़बोर में रूकी और यात्रियों ने चारभुजाजी के दर्शन करने की भी सूचना है।
शव रखवाए चारभुजा अस्पताल में
भीषण सडक़ हादसे में फिलहाल दो लोगों की मौत होने की थाना प्रभारी भवानीशंकर ने पुष्टि की है, जबकि पैंतीस से ज्यादा घायल है।
देश का सबसे बड़ा हादसा भी इसी जगह
7 सितंबर 2007 को भी इसी जगह सबसे बड़ा सडक़ हादसा हुआ था, जिसमें 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई। राजसमंद जिले के सोनियाणा, भावा, महासतियों की मादड़ी, साकरोदा क्षेत्र के लोग जैसलमेर के रूणेचा में रामदेवरा के दर्शन के लिए जा रहे थे। ट्रेलर में पार्टेशन करके लोगों को बिठाया गया था। कहा जाता है कि वह देश का सबसे बड़ा सडक़ हादसा था, एक साथ सर्वाधिक मौत हुई थी।
क्या सरकार से ऊपर है वन विभाग
देसूरी नाल के उत्थान को लेकर शासन, प्रशासन स्तर पर कई बार बातें हुई, लेकिन सवाल उठता है कि क्या वन विभाग केन्द्र सरकार से भी ऊपर है। यहां आए दिन सडक़ हादसे हो रहे हैं और कई लोगों की जान जा रही है। फिर भी न तो पुलिस, प्रशासन गंभीर है और न ही और सरकार तथा जिम्मेदार। विधायक सुरेंद्रसिंह राठौड़ और सांसद दीया कुमारी के साथ तमाम अधिकारी भी देसूरी नाल वन विभाग के अधीन होने का हवाला देकर टाल रहे हैं। इससे सवाल उठ रहे हैं कि क्या वन विभाग केन्द्र सरकार से भी ऊपर है क्या। आखिर कब इसका समाधान होगा।