Site icon Jaivardhan News

गड़बड़ी : बिजली मीटर रीडिंग मेंं गड़बड़ी, बिल आ रहा ज्यादा, जांच में 5 प्रतिशत मीटर तेज दौड़ रहे

01 113 https://jaivardhannews.com/disturbance-disturbance-in-electricity-meter-reading-bill-is-coming-more-5-percent-meter-is-running-fast-in-the-investigation/

राजस्थान में बिजली मीटर की रीडिंग में गड़बड़ी के चलते कई उपभोक्ताओं के बिल ज्यादा आए है। मीटर की जांच में 5 प्रतिशत मीटर तेज दोड़ रहे है। बिजली ज्यादा आने से उपभोक्ता कम करवाने के लिए डिस्कॉम के चक्कर लगा रहे है।

लॉकडाउन के बाद से बिजली मीटर की रीडिंग लेने व बिल वितरण में गड़बड़ी हाे रही है। घर का आर्थिक बजट गड़बड़ाया तो उपभोक्ताओं ने डिस्कॉम की लैब में बिजली मीटर की जांच करवाई, तो 5 प्रतिशत से ज्यादा मीटर तेज चलते पाए गए। अब उपभोक्ताओं को ज्यादा रीडिंग का दिया बिल एडजस्ट करवाने के लिए सबडिवीजन कार्यालयों के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं।

गर्मियों में ज्यादा तापमान होने के कारण मीटर के तेज चलने की 20 प्रतिशत तक शिकायतें आती हैं। गारंटी पीरियड में तय मापदंडों से ज्यादा मीटर खराब होने पर डिस्कॉम ने कई कंपनियों का पेमेंट भी रोक रखा है, लेकिन उपभोक्ताओं को ज्यादा रीडिंग के पेमेंट में कोई राहत नहीं मिली है। दूसरी ओर ऊर्जा मंत्री बीडी कल्ला का कहना है कि लॉकडाउन के कारण 3-4 महीने से बिल आए हैं, जो ज्यादा राशि के लग रहे हैं। किसी उपभोक्ता को दिक्कत है तो मीटर की जांच करवा सकते हैं। बिजली मीटर तेज चलने की आशंका या बिल ज्यादा आने पर उपभोक्ता संबंधित एईएन दफ्तर में शुल्क जमा करवाकर मीटर टेस्ट करवा सकता है। सिंगल फेज मीटर टेस्टिंग चार्ज 35 रुपए और थ्री फेज मीटर टेस्टिंग चार्ज 70 रुपए है। मीटर की गारंटी 5 साल तक रहती है।

खुद कर सकते हैं मीटर की जांच
एक हजार वॉट के किसी उपकरण को एक घंटे तक चलाने पर एक यूनिट बिजली खर्च होती है। बिजली मीटर सही है या नहीं ये जानने के लिए घर के एक हजार वॉट के एक उपकरण को चला दें। अगर एक घंटे में एक यूनिट से ज्यादा बिजली रीडिंग आ रही है तो डिस्कॉम की मीटर लैब में जांच करवा सकते हैं।

डिस्कॉम टेंडर से निर्माता कंपनियों से मीटर खरीदती है। निर्माता कंपनी की लैब में सभी मीटर की टेस्टिंग जरूरी है, लेकिन सप्लाई के बाद इंडियन स्टैंडर्ड के अनुसार डिस्कॉम की सेंट्रल टेस्टिंग लैब में एक लोट के 5 हजार मीटर में से केवल 32 मीटर की जांच होती है। मीटर लैब में केवल विद्युत सप्लाई की जांच होती है। इसके बाद उपभोक्ताओं के घरों में लगा देते हैं।

तीनों डिस्कॉम सिंगल फेज 800 रुपए और थ्री फेज मीटर 1400 रुपए में खरीदती है, लेकिन उपभोक्ताओं से सिंगल फेज मीटर के चार्ज के 900 रुपए और थ्री फेज मीटर के 2500 रुपए वसूल रहे हैं। अब सिंगल फेज प्रीपेड व स्मार्ट मीटर के 2500 रुपए देने होंगे। थ्री पेज स्मार्ट व प्रीपेड मीटर का चार्ज 5 हजार रुपए है।

Exit mobile version