यूपी में लाउड स्पीकर को लेकर जारी नई गाइडलाइन के बाद अब राजस्थान में भी मोबाइल डीजे को लेकर गहलोत सरकार सख्त हो गई है। करौली में पिछले साल 2 अप्रैल 2022 को नवसंत्सर पर डीजे के धूम धड़ाके के साथ निकाली जा रही शोभायात्रा में हिंसा उत्पन्न होने के बाद सरकार द्वारा डीजे के संचालन पर प्रतिबंध का निर्णय ले लिया। इसमें डीजे के लिए पिकअप को मॉडिफाई करना मोटर व्हीकल एक्ट के खिलाफ है, तो तेज आवाज में डीजे बजाना कोलाहल एक्ट व सुप्रीम कोर्ट की अवहेलना है।

उदयपुर में आईजी अजयपाल लांबा के ज्वाइन करने के साथ ही पूरे संभाग में डीजे पर विशेष धरपकड़ अभियान पुलिस द्वारा शुरू किया गया। आईजी के निर्देश पर राजसमंद जिले में भी पुलिस द्वारा डीजे, साउंड सिस्टम व पिकअप भी जब्त किए जा रहे हैं। पुलिस की कार्रवाई कानूनन सही भी है, मगर दूसरी तरफ लाखों रुपए निवेश कर डीजे बनाने वाले युवकों के लिए रोजी रोटी को लेकर बड़ा संकट खड़ा हो गया है। राजसमंद जिलेभर से डीजे संचालक जिला कलक्ट्री पहुंचे और पुलिस द्वारा डीजे के विरुद्ध की जा रही कार्रवाई को लेकर आक्रोश जताया। डीजे संचालकों ने बताया कि राजसमंद जिले में एक अनुमान के मुताबिक 1200 डीजे है और ज्यादातर बैंक लोन पर है। अब अगर डीजे पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगता है, तो डीजे से जुड़े करीब चार से पांच हजार युवा बेरोजगार हो जाएंगे और बैंकों का लोन भरना भी मुश्किल हो गया है।

वाहन में मॉडिफिकेशन नहीं कर सकते कोई

मोबाइल डीजे चलाने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। पुलिस ने मोबाइल डीजे पर प्रतिबंध लगा दिया (Ban on mobile DJ in Jaipur) है। मोटर व्हीकल एक्ट के तहत किसी भी प्राइवेट या पैसेंजर वाहन का कामर्शियल वाहन में मॉडिफिकेशन नहीं किया जा सकता। लाउड स्पीकर को लेकर यूपी सरकार की नई गाइडलाइन जारी करने और सख्ती बरतने के बाद अब राजस्थान सरकार भी डीजे को लेकर कड़ा निर्णय किया है। क्षेत्र में मोबाइल डीजे के प्रयोग पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया (Ban on mobile DJ in Jaipur) है। । क्षेत्र जहां ग्रामीण परिवेश है और शादी समारोह में मोबाइल डीजे का प्रयोग किया जाता है, वहां पर विशेष सख्ती बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं।

डीजे वाहन पर है रोक

यह देखा जाता है कि लोग जीप या पिकअप के पीछे बड़े-बड़े स्पीकर लगवा लेते हैं और आगे बोनट पर जनरेटर लगवा कर मोबाइल डीजे का संचालन करते हैं। इस तरह का मॉडिफिकेशन मोटर व्हीकल एक्ट के तहत पूरी तरह से गैरकानूनी है और ऐसा करने पर एमवी एक्ट व धारा 188 के तहत सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं।