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सांसद- विधायकों ने उतार दी अफसरों की कलाइयां, कलक्टर ने भी अधिकारियों को फटकारा, देखिए Video

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लक्ष्मणसिंह राठौड़ @ राजसमंद

जिला मिनरल फाउंडेशन ट्रस्ट (डीएमएफटी) की जिला स्तरीय बैठक कलेक्ट्रेट सभार में जिला कलक्टर नीलाभ सक्सेना की अध्यक्षता में आयोजित की गई। बैठक में पिछले वर्षों में चारों विधानसभाओं में जितने भी कार्य स्वीकृत हुए हैं, उसके मुकाबले विभागीय लापरवाही के चलते बहुत कम कार्य पूरे हो पाए हैं और ज्यादा अधूरे है या शुरू ही नही हो पाए। इसको लेकर सांसद दीया कुमारी के साथ राजसमंद विधायक दीप्ति माहेश्वरी व भीम विधायक सुदर्शन सिंह रावत ने भी अधिकारियों को फटकार लगाते हुए असंतोष व्यक्त किया। इस पर जिला कलक्टर नीलाभ सक्सेना ने भी अधिकारियों के प्रति नाराजगी व्यक्त करते हुए दो टूक स्पष्ट चेतावनी दी कि अब हर हाल में प्रत्येक कार्य तय समयावधि में पूरे होने चाहिए। इसमें किसी भी तरह की ढिलाई अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

बैठक के प्रारंभ में गत बैठक का प्रतिवेदन सदन में रखा, तो अब तक डीएमएफटी से स्वीकृत ज्यादातर कार्य अधूूरे होने पर राजसमंद विधायक दीप्ति माहेश्वरी ने सवाल उठाए। विधायक दीप्ति ने कहा कि कलक्टर साहब आप बताइए- कोई भी विभाग का अधिकारी अपनी ड्यूटी के प्रति गंभीर क्यों नहीं है। किसी भी विभाग में कार्य समय पर नहीं हो रहे हैं। जिला अस्पताल में अधूरे कार्य पर नाराजगी जताते हुए पीडब्लूडी, सिंचाई, जलदाय, नगर निकाय, शिक्षा व चिकित्सा विभाग तक के अधिकारियों की भूमिका पर सवाल खड़े करते हुए आक्रोश जताया। इसका समर्थन करते हुए ऑनलाइन जुड़ी सांसद दीया कुमारी ने भी अधिकारियों की कार्यशैली पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि कोई भी अधिकारी कोई भी कार्य तय समयावधि में पूरा क्यों नहीं कर पा रहे हैं। आखिर अधिकारियों की क्या मंशा है। शहर से लेकर गांव- ढाणी तक लोग परेशान हो रहे हैं। खास बात यह है कि डीएमएफटी में तो बजट की भी समस्या नहीं है, तो फिर अधिकारी कार्य क्यों नहीं कर पा रहे हैं। उसके बाद भीम विधायक सुदर्शन सिंह रावत ने भी कहा कि जब डीएमफटी के बजट से राजसमंद जिलेभर में कई तरह के विकास कार्य स्वीकृत कर दिए गए, मगर अगर कोई कार्य नहीं हो पाएंगे, तो स्थानीय जनप्रतिनिधियों के साथ ही राज्य सरकार की मंशा अनुरुप क्या रिजल्ट मिल पाएगा। रावत ने कहा कि एक तरफ मुख्यमंत्री अशोक गहलोत- आमजन की समस्या से लेकर विकास कार्य के लिए कटिबद्ध है, मगर अगर अधिकारी अपने दायित्व व ड्यूटी के प्रति इतने लापरवाह रहेंगे, तो सरकार की मंशा के अनुसार कार्य कैसे पूरे हो पाएंगे। इस तरह एक के बाद एक कर सभी जनप्रतिनिधियों ने सभी विभागों के जिला स्तरीय अधिकारियों की कार्यशैली पर सवाल उठाए। इसके बाद जिला कलक्टर नीलाभ सक्सेना ने भी समर्थन करते हुए अफसरों के के प्रति नाराजगी जताई और स्पष्ट तौर पर चेतावनी दी कि अब मैैं किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं करूंगा। जो अधिकारी कार्य नहीं करेगा, उसके खिलाफ सीधा सरकार को लिखा जाएगा। क्योंकि हम सब अधिकारी जनता के कार्य करने के लिए कटिबद्ध है और अगर कोई अधिकारी कार्य नहीं करेगा, तो वह किसी भी सुरत में नहीं चलेगा।

डीएमफटी के कार्यों की मॉनिटरिंग अब ऐप से

बैठक में नवाचार करते हुए प्रदेश में पहली बार विकास कार्यों की मॉनिटरिंग इंजीनियरिंग फर्म से करवाने और डीएमएफटी के कार्यों में पारदर्शिता लाने के लिए मोबाइल ऐप बनाने पर सहमति बनी। बैठक में जिले की चारों नगरपालिकाओं को पशु वेटनरी वैन देने पर सहमति बनी। डीएमएफटी के कार्यों की मॉनिटरिग सख्त नहींं होने व बार बार जनप्रतिनिधियों द्वारा सवाल उठाए जा रहे हैं। इस समस्या से निस्तारण के लिए बैठक मेंं विशेष ऐप बनाने का निर्णय लिया गया।

16.11.22 5 https://jaivardhannews.com/dmft-meetting-in-rajsamand/

राजसमंद विधायक ने उठाए कई सवाल

बैठक में राजसमंद विधायक दीप्ति माहेश्वरी ने जिला अस्पताल में रेडियोलॉजिस्ट का पद खाली होने और अन्य मेडिकल स्टाफ के अभाव में मरीजों को रेफर करने का मुद्दा उठाया और सीएमएचओ डॉ. प्रकाशचंद्र शर्मा की कार्यशैली पर ही सवाल खड़े करते हुए उन्हें जमकर फटकार लगाई। जिले में डॉक्टर्स और अन्य स्टाफ के खाली पदों को संविदा पर भरने और डीएमएफटी फंड से उनको सैलरी देने की बात पर बैठक में उपस्थित सभी जनप्रतिनिधियों ने सहमति जताई। इस पर जिला कलेक्टर ने करीब 1 करोड रुपए चिकित्सा सैलरी फंड में रिजर्व रखने के निर्देश दिए।

भीम विधायक बोले- अधिकारियों की लापरवाही अब नहीं चलेगी

विधायक सुदर्शन सिंह रावत ने समग्र शिक्षा के पिछले कई सालों से निर्माण कार्य नहीं होने पर नाराजगी जताई और जिला कलेक्टर से हायर सेकेंडरी स्कूल का निर्माण समग्र शिक्षा में और अन्य सरकारी स्कूलों का निर्माण पंचायत स्तर पर करवाने की बात कही। जिसका सभी जनप्रतिनिधियों ने समर्थन भी किया। विधायक रावत ने कहा कि मुख्यमंत्री प्रदेश की जनता का समग्र विकास करने के लिए लालायित है, लेकिन कुछ अधिकारी अपनी लापरवाही से सरकार की योजनाओं से आमजन को लाभान्वित नहीं करा पा रहे हैं। ऐसे अधिकारियों को जिला कलेक्टर ने तय समय सीमा में कार्य करने के निर्देश दिए। बैठक में अधिकारियों के बिना बताए जिला छोडऩे का मुद्दा भी उठा। जिस पर विधायक रावत, दीप्ति माहेश्वरी और जिला कलेक्टर ने नाराजगी जाहिर की। इस पर जिला कलेक्टर ने किसी भी अधिकारी को बिना जानकारी दिये जिला नहीं छोडऩे की हिदायत दी।

सांसद दीया कुमाररी ने भी जताया असंतोष

बैठक में डीएमएफटी में स्वीकृत कार्य समय पर पूरे नहीं होने को लेकर सांसद दीया कुमारी ने भी असंतोष व्यक्त किया। सांसद ने पूछा की डीएमएफटी मद का एक निश्चित हिस्सा राज्य सरकार पहले से ही ले रही है तो क्या मुख्यमंत्री द्वारा की गई नई घोषणाओं का खर्च भी डीएमएफटी से पूरा किया जाएगा। विवाद के बाद जिला कलक्टर ने स्पष्टीकरण देते हुए कहा की डीएमएफटी मद से सिर्फ निश्चित हिस्सा ही दिया जा सकेगा या सीएम की घोषणाओं को पूरा किया जाएगा। सांसद ने खारी फीडर के चौड़ाईकरण के कार्य में हो रहे विलंब पर आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा की डीएमएफटी की प्रत्येक बैठक में यह मुद्दा उठाती आई हूं लेकिन लंबे समय से फाइल राज्य सरकार के पास अटकी पड़ी है। सरकार ओर संबंधित अधिकारियों को जवाबदेही बनती है। इन्हे जनता की तकलीफ को समझना चाहिए।

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