बढ़ते कोरोना संक्रमण को काबू में करने के लिए चिकित्साकर्मी व डॉक्टर अपने परिवार से अलग रहकर दिन- रात मरीजों की सेवा में जुटे रहे। इसके बावजूद बाबा रामदेव द्वारा नर्सेज, डॉक्टर व चिकित्सकीय पेशे पर किए गए अनर्गल बयान के विरोध में राजसमंद के सभी डॉक्टर एकजुट हो गए। बाबा रामदेव के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग करते हुए अस्पताल में कार्य बहिष्कार का बड़ा ऐलान कर दिया है।
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन राजसमंद के अध्यक्ष डॉ. आरपी शर्मा व सचिव डॉ. अनमोल पगारिया ने बताया कि डॉक्टर, नर्सेज के साथ अस्पताल में मारपीट व हिंसा की घटनाएं लगातार बढ़़ती जा रही है। साथ ही योग शिक्षक बाबा रामदेव द्वारा कोविड के मरीजों के इलाज को लेकर की गई टिप्पणी शर्मनाक है। क्योंकि कोविड मरीजों की सेवा करते हुए 1 हजार डॉक्टरों ने जान गवां दी, जिसका बाबा रामदेव द्वारा मजाक उड़़ाने व कोविड वेक्सीन के बारे में अनर्गल बयान देकर आमजन को भ्रमित करने का प्रयास किया है। ऐसे में एपिडेमिक डीजीज एक्ट के तहत बाबा रामदेव के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए, ताकि भविष्य में बिना सोचे समझे इस तरह की अनर्गल बयानबाजी नहीं करें।
काले कपड़े पहनेंगे डॉक्टर
डॉ. पगारिया ने बताया कि हिंसक घटनाओं व बाबा रामदेव के अनर्गल बयान के विरोध में 18 जून को सुबह 8 बजे से 10 बजे तक गैर आपातकालीन सामान्य ओडीपी सेवा का बहिष्कार करेंगे। साथ ही सभी डॉक्टर, नर्सेज काली पट्टी, काला मास्क व काला टीशर्ट पहनकर सेवाएं देंगे।
सेवारत डॉक्टरों का भी बहिष्कार
आईएमए के राष्ट्रव्यापी आंदोलन के समर्थन में सेवारत चिकित्सक भी समर्थन में उतर गए हैं। राजस्थान सेवारत चिकित्सक संघ प्रदेशाध्यक्ष डॉ. लक्ष्मणसिंह ओला व प्रदेश महासचिव डॉ. दुर्गाशंकर सैनी ने बताया कि बाबा रामदेव की अनर्गल बयानबाजी के बाद कोरोना वॉरियर्स डॉक्टर, नर्सेज पर हिंसक घटनाएं काफी बढ़ गई है। इसलिए बाबा रामदेव पर सख्त कार्रवाई करने व राष्ट्रीय चिकित्सक सुरक्षा कानून बनाने की मांग को लेकर भुजा पर काली पट्टी बांधकर विरोध प्रदर्शन करेंगे।