Donald Trump Birthright Citizenship : अमेरिका में जन्मजात नागरिकता के फैसले पर अमेरिकी जिला जज ने रोक लगा दी, जहां जिला न्यायाधीश जॉन कफेनोर ने कहा कि डोनाल्ड ट्रंप का यह फैसला साफ तौर पर अंसवैधानिक है। यह कोशिश गलत है, इसलिए इस पर अस्थाई रूप से रोक लगाई जाए। संघीय जज के इस फैसले के बाद इस आदेश (Temporary Block on US Birthright Citizenship) पर 14 दिनों की रोक लग गई है। संघीय जज के इस आदेश पर डोनाल्ड ट्रंप का भी बयान सामने आ गया है। उन्होंने कहा है कि वे जज के इस आदेश के खिलाफ अपील करेंगे।
अमेरिका राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा जन्मजात नागरिकता (Birthright Citizenship) पर प्रतिबंध लगाने के प्रयास को संघीय अदालत ने अस्थाई रूप से रोक दिया है। वाशिंगटन राज्य में इस मामले की सुनवाई के दौरान, जज जॉन कफेनोर ने ट्रंप के आदेश को संविधान के खिलाफ बताते हुए इसकी कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा, “मैंने 40 वर्षों तक कानून का पालन किया है, लेकिन ऐसा स्पष्ट और सीधा मामला मैंने पहले कभी नहीं देखा। यह आदेश संविधान के प्रावधानों को सीधा चुनौती देता है, और इसे लागू करना गलत होगा।”
कफेनोर ने न्याय विभाग के वकील ब्रेट शुमेट को भी फटकार लगाई, जो ट्रंप के आदेश का बचाव कर रहे थे। उन्होंने कहा, “यह आश्चर्यजनक है कि कोई व्यक्ति इस आदेश को संवैधानिक कहने का प्रयास कर सकता है।”
क्या है जन्मजात नागरिकता विवाद?
अमेरिकी संविधान के 14वें संशोधन के तहत यह प्रावधान है कि अमेरिका में जन्म लेने वाला हर व्यक्ति, चाहे उसके माता-पिता की नागरिकता कोई भी हो, अमेरिकी नागरिकता का हकदार होता है। यह अधिकार संयुक्त राज्य अमेरिका में जन्म लेने वाले सभी व्यक्तियों को नागरिकता सुनिश्चित करता है। लेकिन डोनाल्ड ट्रंप ने इस प्रावधान को चुनौती देते हुए एक कार्यकारी आदेश जारी किया, जिसमें यह तर्क दिया गया कि अवैध रूप से अमेरिका में रहने वाले लोगों के बच्चों को यह अधिकार नहीं मिलना चाहिए।
ट्रंप का कहना है कि अवैध प्रवासियों और वीज़ा धारकों के बच्चों को अमेरिकी नागरिकता से बाहर रखा जाना चाहिए, क्योंकि वे अमेरिकी क्षेत्राधिकार के अधीन नहीं आते। यह आदेश अमेरिकी कानूनी व्यवस्था में एक बड़े बदलाव का संकेत था और इसे लेकर देश में तीव्र बहस छिड़ गई है।
ट्रंप का बयान और अपील की योजना
डोनाल्ड ट्रंप ने संघीय जज के इस फैसले पर अपनी नाराजगी जाहिर की और इसे चुनौती देने का ऐलान किया। उन्होंने कहा, “हम इस फैसले के खिलाफ स्पष्ट रूप से अपील करेंगे। यह मामला संविधान की व्याख्या और हमारे देश की सुरक्षा के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।”
वहीं, न्याय विभाग ने भी ट्रंप के आदेश का बचाव करने की तैयारी कर ली है। विभाग के प्रवक्ता ने कहा, “हम अमेरिकी लोगों और अदालत के सामने यह साबित करने के लिए तैयार हैं कि यह आदेश संविधान की सटीक व्याख्या करता है। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि हमारे देश के कानूनों का सही तरह से पालन हो।”
14 दिनों की रोक का मतलब क्या है?
अस्थाई रोक का मतलब यह है कि ट्रंप का आदेश फिलहाल लागू नहीं होगा। अदालत ने दोनों पक्षों को यह मौका दिया है कि वे अपनी दलीलें पेश करें और यह साबित करें कि क्या यह आदेश अमेरिकी संविधान के अनुरूप है या नहीं।
इस फैसले के राजनीतिक और कानूनी निहितार्थ
जन्मजात नागरिकता का मुद्दा अमेरिका में लंबे समय से विवाद का विषय रहा है। यह न केवल कानूनी, बल्कि राजनीतिक और सामाजिक दृष्टि से भी अहम है। ट्रंप का यह आदेश उनकी प्रवासी-विरोधी नीतियों का हिस्सा है, जिसे उन्होंने अपने राष्ट्रपति कार्यकाल के दौरान प्राथमिकता दी थी।
हालांकि, कई कानूनी विशेषज्ञों का मानना है कि 14वें संशोधन को बदलने या सीमित करने के लिए कार्यकारी आदेश पर्याप्त नहीं है। इसके लिए संविधान में संशोधन की आवश्यकता होगी, जो कांग्रेस की मंजूरी के बिना संभव नहीं है।
क्यों महत्वपूर्ण है जन्मसिद्ध नागरिकता?
जन्मसिद्ध नागरिकता का प्रावधान अमेरिका के मूलभूत अधिकारों में से एक है। यह अधिकार अमेरिका को दुनिया भर में अलग पहचान देता है और इसे एक समावेशी लोकतंत्र के रूप में प्रस्तुत करता है। अगर इस अधिकार में कोई बदलाव होता है, तो यह लाखों लोगों के जीवन को प्रभावित कर सकता है, खासकर प्रवासियों और उनके परिवारों को।
ट्रंप का आदेश क्यों है विवादास्पद?
ट्रंप का आदेश अमेरिकी इतिहास में सबसे विवादास्पद नीतिगत फैसलों में से एक है। यह आदेश न केवल प्रवासी समुदायों के लिए चिंता का कारण बना, बल्कि अमेरिकी संविधान की व्याख्या को लेकर भी गंभीर सवाल खड़े करता है। ट्रंप के आलोचकों का कहना है कि यह आदेश मानवाधिकारों और लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ है।
अगले कदम क्या होंगे?
संघीय जज द्वारा अस्थाई रोक लगाए जाने के बाद, ट्रंप प्रशासन अब इस मामले को उच्च न्यायालय में ले जाने की तैयारी कर रहा है। यह देखना दिलचस्प होगा कि अदालतें इस मामले में क्या रुख अपनाती हैं।
डोनाल्ड ट्रंप के इस आदेश ने अमेरिकी राजनीति और समाज में गहरी बहस छेड़ दी है। यह विवाद केवल कानून तक सीमित नहीं है, बल्कि यह सवाल उठाता है कि अमेरिका अपने मूलभूत मूल्यों और सिद्धांतों के साथ कैसे खड़ा रहेगा।
अपील करेंगे ट्रंप तो कोर्ट करेगा बचाव
Donald Trump on Birthright Citizenship : कोर्ट का फैसला आने के बाद ट्रम्प ने मीडिया से कहा कि उनका प्रशासन स्पष्ट रूप से इस फैसले के खिलाफ अपील करेगा। न्याय विभाग ने कहा कि वह कार्यकारी आदेश का बचाव करेगा, जिसके बारे में एक प्रवक्ता ने कहा कि ये अमेरिकी संविधान की सही व्याख्या करता है। प्रवक्ता ने कहा कि हम कोर्ट और अमेरिकी लोगों के सामने सही तर्क पेश करने के लिए तैयार हैं। ये जो हमारे देश के कानूनों को लागू होते देखने के लिए उत्साहित हो रहे हैं।