Dr. Manmohan Singh Memories : राजस्थान के राजसमंद जिले के खमनोर ब्लॉक में लगभग 22 साल पहले की बात है, जब पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने खमनोर ब्लॉक के मोलेला ग्राम पंचायत में स्थित एक छोटे से सरकारी स्कूल का दौरा किया था उस समय डॉ. मनमोहन सिंह राज्यसभा में प्रतिपक्ष के नेता थे, और उनकी यह यात्रा किसी राजनीतिक कार्यक्रम का हिस्सा नहीं थी बल्कि एक प्रेरणादायक और शैक्षिक दौरा था, जो अब भी भोपा की भागल स्कूल के बच्चों, शिक्षकों और ग्रामीणों की यादों में ताजगी से बसा हुआ है।
18 अक्टूबर 2002 को डॉ. मनमोहन सिंह उदयपुर में एक कार्यक्रम में शिरकत करने के लिए आए थे, लेकिन उनका यह दौरा एक ऐसे अद्भुत अनुभव का हिस्सा बना, जो गांववालों के लिए हमेशा यादगार रहेगा। उस दिन डॉ. मनमोहन सिंह ने एक घंटे से ज्यादा समय तक इस छोटे से स्कूल में बिताया और बच्चों से गणित, सामान्य ज्ञान, स्वास्थ्य और शिक्षा जैसे मुद्दों पर बातचीत की। उनके चेहरे पर खुशी का कोई ठिकाना नहीं था, जब उन्होंने देखा कि गांव के बच्चों में न केवल ज्ञान था, बल्कि उनके मन में शिक्षा के प्रति उत्साह भी झलक रहा था।
Manmohan Singh’s visit to Rajsamand : मनमोहनसिंह का स्कूल में स्वागत
Manmohan Singh’s visit to Rajsamand : काफिले के साथ एक गाड़ी से डॉ. मनमोहन सिंह ने भोपा की भागल स्कूल के पास आकर उतरते ही सीधे कक्षा में प्रवेश किया। वह इतने उत्साहित थे कि जैसे ही उन्होंने बच्चों को देखा, सबसे पहले उन्होंने भीमा गायरी और पुष्पा गायरी से बातें शुरू की। वह बच्चों से संख्या के ज्ञान के बारे में सवाल करने लगे और बच्चों ने एक लाख तक की गणना भी बिना रुके कर दी। यह देखकर डॉ. मनमोहन सिंह की खुशी का कोई ठिकाना नहीं था।
Manmohan Singh come to Rajsamand? : स्वास्थ्य, शिक्षा और पर्यावरण पर की थी चर्चा
Manmohan Singh come to Rajsamand? : मनमोहन सिंह ने बच्चों से सिर्फ शिक्षा के बारे में ही नहीं, बल्कि स्वास्थ्य, पोषाहार, और टीकाकरण के बारे में भी सवाल किए। उन्होंने स्कूल में दी जा रही शिक्षण सामग्री जैसे चार्ट, पोस्टर पेंटिंग और मॉडल को देखकर उनका सम्मान किया साथ ही बच्चों के स्वास्थ्य परीक्षण और मौसमी बीमारियों के प्रकोप से बचाव के लिए किए जा रहे प्रयासों के बारे में भी जानकारी ली। उन्होंने शिक्षक कृष्णगोपाल गुर्जर से बात की और उनके द्वारा किए जा रहे शैक्षिक और सहशैक्षिक प्रयासों की सराहना की। कृष्णगोपाल ने बच्चों में शारीरिक, मानसिक, और पर्यावरणीय विकास के लिए किए जा रहे उनके अनूठे प्रयासों की जानकारी दी। डॉ. मनमोहन सिंह ने स्कूल में बच्चों को दी जा रही गणवेश, जूते-मोजे, स्वेटर, पेन- पेंसिल, और अभ्यास पुस्तिकाएं देखकर भी उनकी सराहना की।
30 पहाड़े सुनाकर बच्चों ने मोह लिया था मनमोहन का मन
इसके बाद डॉ. मनमोहन सिंह ने बच्चों से गणित के सवाल पूछे, और उन सवालों के सही जवाब पाकर वह चकित रह गए। लेकिन बच्चों ने उन्हें सिर्फ सवालों का सही जवाब नहीं दिया, बल्कि कुछ बच्चों ने 30 तक के पहाड़े भी उन्हें फर्राटे से सुनाए। यह देखकर वह बहुत प्रभावित हुए। उनका चेहरा हर बार जब वे किसी बच्चे की शानदार समझ को देखते तो और भी खुशी से चमक उठता।
Manmohan Singh’s school visit : शिक्षक की मेहनत को किया सलाम
Manmohan Singh’s school visit : स्कूल के शिक्षक कृष्णगोपाल गुर्जर की मेहनत और समर्पण को डॉ. मनमोहन सिंह ने खुले दिल से सराहा। उन्होंने न केवल पाठ्यक्रम के अध्यापन, बल्कि पर्यावरणीय संरक्षण, पक्षी प्रेम, और बच्चों के समग्र विकास के लिए किए प्रयासों को देखा और सराहा। यह दौरा सिर्फ एक शैक्षिक यात्रा नहीं थी बल्कि यह उन बच्चों और शिक्षकों के लिए आत्मविश्वास और प्रेरणा का ऐसा सशक्त कदम था जिसने उन्हें अपने भविष्य के प्रति और भी आशावादी बना दिया। 22 साल पहले की यह यात्रा, डॉ. मनमोहन सिंह के लिए प्रेरणाश्चायक अध्याय था। आज भी भोपा की भागला स्कूल में उनकी यादें ताजा है।
Dr. Manmohan Sing News Rajsamand : विजिटर बुक में लिखी यह बात
Dr. Manmohan Sing News Rajsamand : मनमोहन सिंह का दौरा एक ऐतिहासिक पल बन गया, जब उन्होंने विजिटर बुक में लिखा “उच्च प्रयासों से सफलता प्राप्त होती है।” उनके इस शब्दों ने न सिर्फ बच्चों बल्कि शिक्षक और स्कूल के पूरे समुदाय को प्रेरित किया। उन्होंने अपनी हस्ताक्षर और पद भी बुक में दर्ज किए, जो आज भी स्कूल में मौजूद है।
बालिकाओं की संख्या पर खुश हुए डॉ. मनमोहन
जब डॉ. मनमोहन सिंह ने इस छोटे से गांव के स्कूल में बच्चों की संख्या देखी तो उन्होंने बालिकाओं का अनुपात देखकर खुशी जताई। उस समय स्कूल में 27 बालिकाएं और 12 बालक थे, और डॉ. सिंह ने यह देखकर बहुत प्रसन्नता व्यक्त की थी कि बालिकाओं की संख्या अपेक्षाकृत ज्यादा थी अब वही स्कूल, जो कभी राजीव गांधी पाठशाला के नाम से जाना जाता था, अब एक राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय के रूप में विकसित हो चुका है और आज इस स्कूल में 164 छात्र- छात्राएं शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं।