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Fake IAS officer fraud : राजसमंद पुलिस ने एक बड़ी साइबर ठगी का पर्दाफाश किया है। आईएएस अधिकारी बनकर फर्नीचर बेचने के नाम पर लाखों रुपये ठग रहा था। साइबर पुलिस ने इस गिरोह के एक सदस्य को गिरफ्तार कर लिया है और उसके पास से दो मोबाइल फोन, सिम कार्ड और नकद राशि बरामद की है।

Rajsamand Police Action : राजसमंद जिला पुलिस अधीक्षक मनीष त्रिपाठी ने बताया कि कलेक्ट्रेट के एक सरकारी कर्मचारी साइबर थाने में 13 अप्रैल 2024 को एक रिपोर्ट दी। उस रिपोर्ट में पीड़ित कर्मचारी ने बताया कि 6 अप्रैल को फेसबुक आईडी पर जिले में पदस्थापित रह चूके एक आईएएस अधिकारी के नाम की फेस बुक आईडी से संदेश आया। बताया कि जब कर्मचारी परिचय के बाद आश्वस्त हो गया ताे उसने अपने मोबाइल नंबर दे दिए। उसके बाद उन्हें एक ओर मैसेज आया उसमें उसने अपने आप को आर्मी कैंप उदयपुर से आशीष कुमार बताया। उसके बाद उसने कहा कि उनका ट्रांसफर उदयपुर से कहीं ओर हो गया है। इसलिए उनके पास जो दो तीन महीने पुराना फर्नीचर है जिसे वो बेचना चाहते हैं। उसके बाद उसने फर्नीचर के फोटो भी भेज दिए। हालांकि पीड़ित ने बताया कि उसे फर्नीचर की कोई जरूरत नहीं थी मगर IAS अधिकारी के नाम की आईडी से मैसेज आया तो उनके फर्नीचर बेचने में सहायता करने के उद्धेश्य से उसने वो फर्नीचर अपने रिश्तेदार को बताया जाे कि उसे पसंद आ गया।

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Cyber Froud : फर्जी आईएएस अधिकारी ने फर्नीचर के नाम पर लगाया लाखों का चूना

Cyber Froud : फिर, आरोपी ने पीड़ित को WhatsApp पर कॉल किया और बताया कि सभी फर्नीचर 80 हजार रुपये में मिल जाएंगे, लेकिन पहले 30 हजार रुपये एडवांस देने होंगे। पीड़ित ने आरोपी के बताए बैंक खाते में 30 हजार रुपये जमा करवा दिए। इसके बाद आरोपी ने बाकी का बिल भेजकर कहा कि उसे भी जमा करवा दे। भरोसे में आकर पीड़ित ने बाकी बकाया राशि भी जमा करवा दी। लेकिन, जब उसे फर्नीचर नहीं मिला तो उसने आरोपी से संपर्क किया। आरोपी ने विभिन्न बहाने जैसे गेट पास आदि बताकर पीड़ित से लगातार पैसे मांगते रहे और कुल मिलाकर 4 लाख 36 हजार रुपये ठग लिए।

Rajsamand news today : पुलिस ने दबोचा, कई राज्यों में छापेमारी

Rajsamand news today : जब पीड़ित कर्मचारी ने इस मामले में आईएएस अधिकारी से संपर्क किया तो अधिकारी ने इस बारे में कोई जानकारी होने से इनकार कर दिया। इसी से पीड़ित को समझ में आया कि उसके साथ धोखा हुआ है। पीड़ित की शिकायत पर पुलिस ने धोखाधड़ी और आईटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया। पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए एक विशेष टीम का गठन किया। यह टीम आरोपियों को पकड़ने के लिए राजस्थान के टपूकड़ा, भिवाड़ी, तिजारा अलवर और हरियाणा के नगीना मेवात जैसे इलाकों में दबिश देती रही। पुलिस ने कॉल डिटेल, व्हाट्सएप चैट और बैंक खातों की जांच के आधार पर आरोपी आसिफ उर्फ आकिल खान(19) पुत्र अफसर खान मेव को गिरफ्तार किया। आरोपी ककराली मेव, पुलिस थाना सदर अलवर का रहने वाला है।

Froud in rajsamand : ठग के पास से मिले ठगी के सबूत

Froud in rajsamand : पुलिस ने आरोपी आसिफ उर्फ आकिल खान के पास से घटना में इस्तेमाल किए गए दो मोबाइल फोन बरामद किए हैं। इन मोबाइल फोन में आईएएस अधिकारियों की फेसबुक आईडी के कई स्क्रीनशॉट मिले हैं, जिनका इस्तेमाल आरोपी ने ठगी के लिए किया था। इसके अलावा, मोबाइल फोन में फर्नीचर बेचने से संबंधित रेट लिस्ट भी मिली है जिसमें विभिन्न प्रकार के फर्नीचर के दाम अलग-अलग लिखे हुए थे। पुलिस ने आरोपी के पास से ठगी की गई राशि भी बरामद कर ली है। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।

Online Froud : साइबर अपराधों से बचने के लिए सावधानी बरतें

Online Froud : साइबर अपराध तेजी से बढ़ रहे हैं। ऐसे में सावधान रहना बेहद जरूरी है। साइबर पुलिस की ओर से कुछ महत्वपूर्ण सुझाव दिए गए हैं:

  • सोशल मीडिया आईडी की जांच: किसी भी व्यक्ति की सोशल मीडिया आईडी को पहले अच्छी तरह से जांच लें। उसके दोस्तों, पोस्ट्स और अन्य गतिविधियों को देखकर आप उसके बारे में काफी कुछ जान सकते हैं। बिना पुष्टि के किसी पर भरोसा न करें।
  • कूरियर सर्विस से संबंधित धोखाधड़ी: अक्सर साइबर अपराधी कूरियर सर्विस के नाम पर लोगों से बार-बार पैसे मांगते हैं। ऐसे मामलों में सावधान रहें और किसी भी तरह का भुगतान करने से पहले अच्छी तरह से जांच पड़ताल कर लें।
  • धोखाधड़ी होने पर तुरंत कार्रवाई: अगर आपके साथ कोई साइबर धोखाधड़ी होती है तो तुरंत 1930 पर कॉल करें और स्थानीय पुलिस थाना या साइबर पुलिस थाना में संपर्क करें। जितनी जल्दी आप शिकायत दर्ज कराएंगे, उतनी ही जल्दी पुलिस आरोपियों को पकड़ सकती है।