पैसे का लालच भी इंसान से क्या क्या करवा देता है। रुपए के लोभ में भाई बनकर खुद की ही पत्नी की दूसरे के साथ कोर्ट मैरिज करवा दी। फिर घर पर सात फेरे भी ले लिए। शादी के बदले दलाल ने 1 लाख 80 हजार रुपए भी ले लिए थे। सुहागरात के दौरान महिला व्रत होने सरीखे कई बहाने बनाने लगी, तो पति को शक हो गया। फिर पति ने काफी पूछताछ की, मगर पत्नी नित नए बहाने बनाती रही। इस हरकत से पति के बाद उसके पूरे घर के परिजन भी परेशान हो गए। ननद, सास व पति ने कढाई से समझाइश करते हुए पूछा कि वह सच बता देगी, तो कोई बात नहीं, वरना वे पुलिस थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाएंगे और उसे जेल भी जाना पड़ सकता है। तब घबराई महिला ने सारा सच उगल दिया। उसने बता दिया कि उसके 2 बच्चे भी है और वह तीन माह का प्रसव भी है। पैसे के लालच में उसी के पति ने भाई बनकर उसकी शादी करवाना बताया, तो कोर्ट मैरिज करने वाला पति व घर के सभी परिजनों के पैरों तले जमीन खिसक गई। साथ ही महिला के जेवर सहित घर से फरार होने का प्लान भी बता दिया।
कोटा जिले में रिश्तेदार को शर्मसार कर देने वाली घटना का खुलासा होने के बाद कोर्ट मैरिज करने वाले पीडि़त पति ने धोखे की दुल्हन को लेकर थाने पहुंच गया। इस बीच महिला का असली पति सोनू भी ऑटो चालक रवि के घर पहुंच गया, जहां से पता चला कि पत्नी को लेकर थाने गए हैं, तो वह भी पुलिस थाने पर पहुंच गया। पुलिस पूछताछ में सामने आया कि शादी के नाम पर रुपए ऐंठने वाला यह गिरोह नौकरी का झांसा देकर ऐसे कारनामों को अंजाम देता था। बिचौलिया देवराज संविदा पर रोडवेज में चालक था। उसका एमपी इंदौर आना जाना था। इसी दौरान उसकी मुलाकात सोनू से इंदौर में हुई थी। दो साल पहले देवराज की नौकरी चली जाने से वह बेरोजगार हो गया था। ऐसे में वह इस तरह के धोखाधड़ी के काम करने लगा। पुलिस ये पता करने की कोशिश कर रही है कि आज तक उसने कितने लोगों को ऐसी वारदात में ठगा है।
कुन्हाड़ी थाना एसआई मोहन लाल ने बताया कि सोनू व उसकी पत्नी कोमल इंदौर के सेल्फी हॉस्पिटल में ठेके पर काम करते हैं। यहां उन्हें कम वेतन मिलता था। इसी बात का फायदा उठाकर देवराज ने सोनू को अपने झांसे में लिया। नौकरी दिलाने की बात कहकर सोनू व उसकी पत्नी कोमल को अपने साथ लेकर कोटा आया। कहा कि इस तरह फर्जी शादी कर लो फिर लखपति बन जाओगे। कोटा में जानने वाला कोई है नहीं। इज्जत के कारण कई लोग तो सामने नहीं आते और वारदात के बाद निकल जाना। सोनू और कोमल इस झांसे में आ गए। हालांकि पुलिस इस कहानी पर पूरा यकीन नहीं कर रही है क्योंकि कोई अपनी पत्नी की शादी कैसे करवा सकता है। यह बड़ा सवाल है। पुलिस को शक है कि यह दंपती पहले भी इस तरह की वारदातों में कहीं शामिल तो नहीं रहा? पूछताछ में आरोपियों ने कोटा में 7- 8 दिन होटल में रुकना बताया है। पुलिस ने तीनों आरोपियों को कोर्ट में पेश किया। जहां से कोर्ट ने 2 दिन के पीसी रिमांड पर सौंपा।
पैसे के लालच में रचा षडय़ंत्र
पुलिस जांच में पता चला कि देवराज ने शादी कराने के एवज में पीडि़त रवि से 1 लाख 80 हजार रुपए लिए थे। देवराज ने इन पैसों में से सोनू को आधे रुपए दिए। कुछ पैसे होटल किराए में खर्च किए, वहीं कुछ रुपए से नए कपड़े खरीदे।
ऐसे रची ठगी की साजिश
सूत्रों के अनुसार इस ठगी में तीन से चार लोग शामिल हैं। पूरे खेल में रवि नामक युवक का नाम सामने आ रहा हैए जो रिश्ते में सोनू का मौसेरा भाई बताया गया। जो वर्तमान में दिल्ली में रहता है। रवि ने देवराज व एक पंडित नाम के व्यक्ति के साथ मिलकर पूरे खेल को अंजाम दिया। रवि ने अपने मौसेरे भाई सोनू व उसकी पत्नी को कोटा में नौकरी दिलाने का झांसा दिया और अपने साथ इंदौर से कोटा लेकर आया। आरोपी एक विमला नाम की महिला को भी साथ लेकर आए थे। उसके साथ 6- 7 साल की एक बच्ची थी। इसकी जयपुर में शादी करने की बात बताई थी। शादी के दिन देवराज, रवि व पंडित नामक व्यक्ति कोर्ट के बाहर ही खड़े रहे। पीडि़त रवि से 1 लाख 80 हजार रुपए लेने के बाद देवराज ने सोनू के मौसेरे भाई रवि को रुपए दिए। कोर्ट में शादी होने के बाद सभी ने साथ खाना खाया। फिर अपने हिस्से के रुपए लेकर रवि फरार हो गया। फिलहाल पुलिस आरोपियों से पूछताछ में जुटी है, जिसमें धोखाधड़ी की अन्य वारदातों का भी खुलासा हो सकता है।