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राजसमंद में बेकाबू दो बैलों से एक किसान की दर्दनाक मौत, जिसने भी देखा कांप उठी रूह

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पहाड़ी एवं आदिवासी कुंभलगढ़ क्षेत्र में ज्यादातर किसान आज भी इलेक्ट्रीक मोटर व इंजन नहीं, बल्कि रहट पर बैल जोतकर कुएं से पानी सींचकर खेतों की सिंचाई करते हैं। ऐसे ही एक रहट पर सिंचाई के दौरान रहट भारी चलने से किसान बैलों को रोककर गेड़ की माल में तेल डालने लगा, तभी अचानक बेकाबू हुए दो बैल चलने लग गए, जिसकी वजह से किसान रहट में फंस गया और उसकी दर्दनाक मौकेे पर ही मौत हो गई। किसान की चीख सुनकर बड़ी तादाद में लोग पहुंच गए, मगर तक किसान ने दम तोड़ दिया।
यह विभत्स एवं खौफनाक हादसा केलवाड़ा थाना क्षेत्र के बडग़ांव पंचायत का है।

कुएं से पारंपरिक संसाधन कृषि यंत्र (रेंट) से पानी निकलने के दौरान रेंट में फंसने से किसान की मौत हो गई। किसान खेत में पानी पिलाई करने के लिए रेंट चला रहा था। इस दौरान रेंट के पार्ट में तेल डालने लगा। तेल डालने के दौरान बैल चल पडे़। जिससे रेंट घुमाने के लिए लगे लकड़ी के पार्ट में किसान फंस गया। पुलिस ने किसान को रेंट से निकालकर हॉस्पिटल पहुंचाया। पोस्टमार्टम करवाकर शव परिजनों को सौंपा। केलवाड़ा थानाधिकारी शैतान सिंह ने बताया कि बड़गांव निवासी घासीराम भील (45) पुत्र खेतुराम भील की पारंपरिक कृषि यंत्र चलाने के दौरान मौत हो गई। किसान के रेंट में फंसने के बाद आस-पास खेत में काम कर रहे लोग कुएं के पास पहुंचे। लोगों ने किसान को रेंट से निकालने के प्रयास किए। मगर लकड़ी के दो पार्ट में किसान फंस जाने से निकालने में कमयाब नहीं हो सकें। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की। बता दे कि कुंभलगढ़ क्षेत्र के किसान पारंपरिक रूप से आज भी खेती करते है। कुएं से पानी निकालने के लिए रेंट में बैल बांध कर घुमाया जाता है। जैसे-जैसे बैल घूमते है वैसे कुएं से पानी बाहर आता है। इस पानी से खेत में पिलाई की जाती है।

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