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Video : राजसमंद में नरभक्षी पैंथर से किसान का महामुकाबला, आखिर पैंथर को हटना पड़ा पीछे

लक्ष्मणसिंह राठौड़ @ राजसमंद

राजसमंद जिले में ठीक डेढ़ माह पहले कुंभलगढ़ के आदिवासी 16 वर्षीय किशोर के पैंथर से हुए महामुकाबले के बाद अब नाथद्वारा क्षेत्र के एक किसान ने पैंथर खूनी संघर्ष किया। नरभक्षी पैंथर से किसान लड़ा और जैसे तैसे खुद को सुरक्षित करते हुए पैंथर को वापस लौटने पर मजबूर कर दिया। हालांकि किसान हाथ, कंधा व पीठ पैंथर के तीखे नाखुनों से जख्मी हो गया, लेकिन अस्पताल में उपचार के बाद किसान अब ठीक है।

यह घटना है राजसमंद जिले के नाथद्वारा उपखंड क्षेत्र के टांटोल पंचायत के पासुनिया गांव की। पासुनिया निवासी किसान किशनसिंह पुत्र नाथूसिंह खरवड़ सुबह अपनी गाय व भैंस को खेत पर ले गया। तभी दीवार के पीछे घात लगाए बैठे पैंथर ने अचानक हमला कर दिया। अचानक हुए हमले के बावजूद किसान किशनसिंह ने खुद को संभाला और आपा नहीं खोकर मुकाबला करने लगे। पैंथर के नाखुन से वे जख्मी हो गए, लेकिन फिर भी हिम्मत नहीं हारी और डटकर पैंथर से मुकाबला किया। पैंथर ने एक बारगी किसान को नीचे गिरा कर गर्दन पर हमला करने लगा, तभी किसान ने लात देकर पैंथर को पीछे धकेल दिया। साथ ही वे तेज चिल्लाए और उनके हाथ में रस्सी से मारने लगे। इस तरह पैंथर व किसान के बीच खूनी संघर्ष में आखिर पैंथर को पीछे हटना पड़ा और किसान किशनसिंह जैसे तैसे खुद को संभालते हुए गांव की तरफ वापस दौड़ आए और खुद की जान बचा ली। घटना के बाद किशनसिंह खरवड़ को अस्पताल पहुंचाया गया, जहां उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई। इस तरह किसान अभी ठीक है।

कुंभलगढ़ में भी लड़ा था 16 वर्षीय दिनेश

कुंभलगढ़ तहसील में मजेरा ग्राम पंचायत के चित्तौड़ा ढाणी निवासी 16 वर्षीय दिनेश पुत्र मोहनराम गमेती ने 22- 23 अक्टूबर को खेत पर भैंस चराते वक्त अचानक पैंथर ने भैंस पर हमला किया, तो दिनेश खुद उससे लडऩे के लिए पहुंच गया। फिर किशोर के साथ पैंथर गुत्थमगुथा हो गया, लेकिन किशोर ने हिम्मत नहीं हारी और किशोर के चीखने चिल्लाने की आवाज पर अन्य दौड़ आए और पैंथर जंगल की तरफ भाग गया था। इस तरह किशोर दिनेश की बहादूरी को देख व सुनकर हर कोई हैरान था।

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आधा दर्जन मवेशियों का शिकार

टांटोल के पासुनिया निवासी नारायणसिंह ने बताया कि पिछले दो माह में यह पैंथर आधा दर्जन से ज्यादा मवेशियों का शिकार कर चुका है। बताया कि हकमा भील की गाय, भोपाजी रतनसिंह की गाय शिकार का शिकार कर दिया, जबकि उदयसिंह पुत्र हीमसिंह के घर के अन्दर से पैंथर बकरी को उठा ले गया। इसी तरह किशनसिंह पुत्र लालसिंह की बकरी का भी शिकार कर गया। इसके अलावा भी कई मवेशियों का शिकार कर चुका है।

पिंजरा लगाया, मगर पकड़ा नहीं

ग्रामीणों ने बताया कि पैंथर के आतंक से पासुनिया क्षेत्र के लोग काफी परेशान है। इसकी शिकायत पर वन विभाग द्वारा डेढ़ माह पहले पिंजरा लगाया, लेकिन कथित तौर पर गलत जगह पिंजरा लगने से पैंथर आया ही नहीं। फिर वन विभाग द्वारा वापस पिंजरा हटा दिया। ग्रामीणों का कहना है कि अगर दूसरी जगह पिंजरा लगाया होता, तो पैंथर पकड़ में आ जाता।

राजसमंद में कई लोगों को मार चुका हैं पैंथर

कुंभलगढ़, खमनोर क्षेत्र के गांवों में पिछले पांच सालों में कई लोगों पर हमले कर चुका है। गांवगुड़ा, गजपुर, समीचा, घोड़च क्षेत्र में तो पैंथर कुछ लोगों का शिकार भी कर चुका है। लगातार पैंथर की आबादी बढ़ रही है, जिससे आमजन परेशान है। ग्रामीणों का घर से निकलना ही मुश्किल होता जा रहा है।

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