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Food Security Scheme : राजस्थान के 10 लाख नए परिवारों को मुफ्त राशन : ‘गिवअप’ अभियान से खुलेगा रास्ता

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Food Security Scheme : राजस्थान के लाखों परिवारों के लिए राहत की खबर है। खाद्य सुरक्षा योजना से वंचित परिवारों को जल्द ही इसका लाभ मिलने की उम्मीद है। हाल ही में हुई कैबिनेट बैठक में यह निर्णय लिया गया कि राज्य सरकार खाद्य सुरक्षा योजना का पोर्टल दोबारा शुरू करेगी। इससे उन परिवारों को योजना में शामिल होने का मौका मिलेगा, जो पोर्टल बंद होने के कारण आवेदन नहीं कर पाए थे। राज्य के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री सुमित गोदारा ने बताया कि जनवरी के दूसरे या तीसरे सप्ताह में यह पोर्टल फिर से चालू हो जाएगा। यह योजना कैसे काम करेगी, पात्रता क्या होगी, और इसका लाभ कैसे मिलेगा, इन सभी सवालों के जवाब जानिए इस विशेष रिपोर्ट में।

National Food Security Portal : कब खुलेगा पोर्टल और किसे मिलेगा लाभ?

National Food Security Portal : खाद्य सुरक्षा योजना का पोर्टल जनवरी के दूसरे सप्ताह के अंत या तीसरे सप्ताह की शुरुआत (संभवत: 10 से 12 जनवरी) के बीच चालू किया जाएगा। इससे उन परिवारों को योजना का लाभ मिलेगा, जो पहले आवेदन नहीं कर पाए थे या जिनका आवेदन लंबित है। राज्य में जनसंख्या के अनुपात के अनुसार 4.46 करोड़ लोगों तक योजना का लाभ दिया जा सकता है। वर्तमान में 4.36 करोड़ लोग इस योजना का फायदा उठा रहे हैं। गिवअप अभियान के तहत रोजाना 25-30 हजार लोग योजना छोड़ रहे हैं, जिससे नए लाभार्थियों के लिए जगह बन रही है। अब तक 7 लाख लोग योजना से बाहर हो चुके हैं, और इस संख्या में और वृद्धि की संभावना है।

Free Ration Scheme : पहले से आवेदन करने वालों को दोबारा आवेदन करना होगा?

Free Ration Scheme : मंत्री सुमित गोदारा ने स्पष्ट किया है कि जिन लोगों ने पहले से आवेदन किया है, उन्हें दोबारा आवेदन करने की आवश्यकता नहीं है। उनके पुराने आवेदन को लंबित मानकर उनकी पात्रता की जांच की जाएगी। यदि वे पात्र पाए जाते हैं, तो उनके नाम योजना में जोड़े जाएंगे।

ई-केवाईसी नहीं करवाने वालों का क्या होगा?

खाद्य सुरक्षा योजना के तहत 50 लाख लाभार्थियों ने अब तक ई-केवाईसी नहीं करवाई है। सरकार ने ऐसे लाभार्थियों को 31 मार्च तक का समय दिया है। इस समय सीमा के भीतर ई-केवाईसी नहीं करवाने पर उनका नाम योजना से हटा दिया जाएगा। हालांकि, यदि वे अपनी ई-केवाईसी पूरी कर लेते हैं, तो उन्हें फिर से योजना का लाभ मिलना शुरू हो जाएगा।

Who is Eligible for Free Ration : पात्रता के मापदंड क्या होंगे?

Who is Eligible for Free Ration : खाद्य सुरक्षा योजना में पात्रता के लिए 2018 में निर्धारित मापदंड लागू रहेंगे। ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के लिए अलग-अलग मानक तय किए गए हैं।

आवेदन की प्रक्रिया

योजना में आवेदन करने के लिए ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में अलग-अलग प्रक्रियाएं होंगी।

  1. ग्रामीण क्षेत्र:
    • ऑफलाइन आवेदन फॉर्म राशन डीलर या ई-मित्र से प्राप्त करें।
    • सरपंच, पटवारी और ग्रामसेवक से फॉर्म पर दस्तखत करवाएं।
    • दस्तावेजों के साथ फॉर्म ई-मित्र संचालक के माध्यम से ऑनलाइन अपलोड करें।
    • फॉर्म की जांच पंचायत स्तर पर बीडीओ के अधीन स्क्रूटनी कमेटी करेगी।
    • एसडीएम स्तर पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा।
  2. शहरी क्षेत्र:
    • आवेदन ऑनलाइन प्रक्रिया के माध्यम से जमा किया जाएगा।
    • स्क्रूटनी कमेटी द्वारा जांच के बाद निकाय स्तर पर निर्णय लिया जाएगा।

Free Ration Update : योजना में पारदर्शिता लाने के उपाय

Free Ration Update : मंत्री सुमित गोदारा ने बताया कि अब हर साल योजना में जोड़े गए नए नामों में से 2 प्रतिशत की रैंडम जांच की जाएगी। यदि जांच में किसी अधिकारी या कर्मचारी की लापरवाही सामने आती है, तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

अपात्र लाभार्थियों पर कार्रवाई

योजना का लाभ उठाने वाले अपात्र लाभार्थियों पर कार्रवाई की जाएगी। उनसे उठाए गए राशन का वसूली मूल्य (27 रुपए प्रति किलो) लिया जाएगा। इसके लिए राशन दुकानों पर शिकायत दर्ज कराने के नंबर भी उपलब्ध कराए जाएंगे।

नए सदस्यों को जोड़ने की प्रक्रिया

अगर किसी पात्र परिवार में नया सदस्य जुड़ता है, जैसे कि शादीशुदा महिलाएं, विशेष योग्यजन, या अवयस्क बच्चे, तो उन्हें योजना में शामिल किया जा सकेगा। पहले से चयनित परिवारों के लिए यह सुविधा उपलब्ध है।

खाद्य सुरक्षा योजना की आवश्यकता और महत्व

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के तहत राजस्थान में यह योजना 2 अक्टूबर 2013 से लागू हुई थी। योजना के तहत:

What is the Yojana for food security? : जनसंख्या वृद्धि और कोटा सीमाएं

What is the Yojana for food security? : राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत लाभार्थियों की सीमा 2011 की जनगणना के आधार पर तय की गई थी। उस समय प्रदेश की जनसंख्या 6.86 करोड़ थी, जो अब बढ़कर 7.88 करोड़ हो गई है। इस अंतर के बावजूद कोटा नहीं बढ़ाया गया है। सरकार को नए सिरे से खाद्य सुरक्षा की सीमा निर्धारण पर विचार करने की आवश्यकता है। राजस्थान में खाद्य सुरक्षा योजना से वंचित परिवारों को राहत देने के लिए सरकार का यह कदम सराहनीय है। गिवअप अभियान और ई-केवाईसी जैसी प्रक्रियाओं से न केवल पारदर्शिता बढ़ेगी, बल्कि पात्र परिवारों को भी योजना का लाभ मिलेगा। आने वाले समय में यह योजना राज्य के लाखों परिवारों के लिए एक बड़ा सहारा साबित होगी।

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  • परमेश्वरसिंह चुडावत युवा व उत्साही पत्रकार है। 2 साल में न सिर्फ पत्रकारिता को समझा, बल्कि आहत, पीड़ित की आवाज भी बने। पढ़ने- लिखने के शौकीन परमेश्वर वेब पोर्टल पर SEO Based खबरें बनाने की तकनीकी समझ भी रखते हैं। घटना, दुर्घटना, राजनीतिक हो या कोई नवाचार, हर मुद्दे पर बेहतर डिजिटल कंटेंट यानि रोचक खबर बनाने में माहिर है। jaivardhanpatrika@gmail.com

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