02 18 https://jaivardhannews.com/forest-department-proceedings/

राजसमंद। भगवान्दा के पास झील किनारे अवैध मत्स्य आखेट की सूचना पर वन विभाग की टीम ने झील से तीन नावें, एक बड़ा ट्यूब, बड़े जरीकेन को जब्त किया। वहीं मत्स्याखेट करने वाले जाल डालकर पक्षियों का भी शिकार करते थे। पिछले दिनों बड़ी संख्या में पक्षियों के अवशेष मिले थे।
झील में पूर्व में भी अवैध मत्स्याखेट हो रहा था। इस पर पर्यावरण प्रेमी, झील प्रेमियों ने कड़ी निगरानी कर वन विभाग को सूचना देकर मछुआरों को पकड़ा। मत्स्य आखेट में उपयोग लिए गए जाल को भी जब्त किया। डीएफओ फतेह सिंह राठौड़ ने बताया कि पिछले दिनों में राजसमंद झील से अवैध मत्स्य आखेट की लगातार सूचना मिल रही थी। ऐसे में वन विभाग टीम व पर्यावरण प्रेमी टीम लगातार झील में निगरानी की जा रही थी। वन विभाग की टीम में नैनाराम, किशन लाल गाडरी, लच्छीराम गाडरी आदि पेट्रोलिंग कर रहे थे। वहीं सुबह-शाम झील पर घूमने जाने वाले पर्यावरण प्रेमी भी सूचना दे रहे है। रविवार को फिर झील के भगवांदा कला के पास झील पेटे से पर्यावरण प्रेमियों और वन विभाग की टीम ने तीन बड़ी नावें, बड़ा ट्यूब व बड़े-बड़े जरीकेन जब्त किए। हालांकि मौके पर शिकारी नहीं पकड़ा गया।

अंधेरे का फायदा उठाकर रात में पकड़ते है मछलियां
मत्स्य आखेट करने वाले नावों को झील में डूबाकर छीपाकर रखते हैं। जैसे ही अंधेरा होता शिकारी झील पर पहुंच जाते हैं। जहां झील में नावों को निकालकर उनमें बैठकर झील में दूर तक निकल जाते हैं। झील में देर रात तक अवैध मत्स्याखेट करके मछलियां पकड़ते हैं। वहीं सूर्य उदय से पहले नावों व मत्स्य आखेट में शामिल उपकरण को ठिकाने करके लौट जाते हैं। ऐसे में रात के समय में किसी प्रकार की कोई हलचल नहीं होती।

पक्षियों का भी हो रहा शिकार
मत्स्य आखेट की आड़ में देसी-विदेशी पक्षियों का भी शिकार होने लगा। पिछले दिनों शिकारियों ने झील में जाल डाल रखा था। इसमें कई सारे पक्षी जाल में फंस गए। ऐसे में शिकारियों ने मृत पक्षियों के अवशेष वहीं छोड़ गए। पशु चिकित्सक से पोस्टमार्टम भी करवाया। अधिकांश कॉमन कूट आदि पक्षी थे। लेकिन बाद में पर्यावरण प्रेमी व वन विभाग की निगरानी बढऩे से शिकारी संभल गए हैं।