राजसमंद जिले में बोरज पंचायत के निर्झरना में मार्बल खदानों में खनन व अवैध खनन को लेकर शिकायतों के बाद बड़ा घपला उजागर हुआ है। खान एवं भू विज्ञान विभाग की जांच में पूर्व देवस्थान मंत्री शिवदानसिंह चौहान की पत्नी उषा कुंवर द्वारा अवैध खनन कर 6021 मैट्रिक टन मार्बल पत्थर निकाल ले गए। विभागीय जांच में अवैध खनन पाए जाने पर उषा कंवर पर करीब 1.92 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया है। 15 दिन की मोहलत देते हुए आवश्यक दस्तावेज व तथ्यों के साथ स्पष्टीकरण मांगा है। फिर वसूली की कार्रवाई की जाएगी।
जानकारी के अनुसार बोरज ग्राम पंचायत के निर्झरना में एसएएसआरके मार्बल की प्रोपराइटर उषा कंवर पत्नी पूर्व मंत्री शिवदान सिंह चौहान निवासी कोठारिया के विरुद्ध अवैध खनन की शिकायत सर्वश्री राधे मिनरल्स, पसूंद ने की थी। उक्त मार्बल खदान का संचालन उनके पुत्र ऋषिराजसिंह चौहान द्वारा किया जा रहा है। खान विभाग द्वारा जांच की गई, जिसमें अवैध खनन की शिकायत सही पाई गई। बताया कि खान विभाग की टीम ने विभागीय रिकॉर्ड और मास्टर मैप के आधार पर मौके पर भौतिक सत्यापन किया गया। मौके पर दो तरह से अवैध खनन पाया गया, जिसमें एक जगह 1971 मैट्रिक टन मार्बल का अवैध खनन है, तो दूसरी जगह 4050 मैट्रिक टन मार्बल का अवैध खनन है। इस तरह कुल 6021 मैट्रिक टन मार्बल का अवैध खनन पाया गया। खान विभाग के नियमों के तहत 10 गुना रॉयल्टी राशि और कम्पाउंड फीस करीब 20 हजार रुपए तय की गई। इस तरह इसकी दस गुना रॉयल्टी गणना करने पर 1 करोड़ 92 लाख 67 हजार 200 रुपए जुर्माना बनता है। अवैध खनन पाए जाने के बाद खान एवं भू विज्ञान विभाग द्वारा नोटिस जारी कर 15 दिन में उषा कंवर से जवाब तलब किया है, जिसमें आवश्यक दस्तावेज पेश करने के लिए कहा गया है। तय समयावधि के बाद जुर्माना राशि वसूलने की कार्रवाई विभाग द्वारा की जाएगी।
गैप एरिया से 1971 मैट्रिक टन मार्बल का खनन
निर्झरना में मार्बल खनन पट्टा 24/1994, 105/1992, 218/1998 के मध्य एक गेप एरिया था, जिसका क्षेत्रफल 873 वर्गमीटर है। उस जगह पर वर्तमान में खान विभाग ने कोई खनन पट्टा भी जारी नहीं कर रखा है। फिर भी मौके पर खनन हो गया। खान विभाग की टीम ने जीपीएस उपकरण की मदद से गेप एरिया को चिह्नित करने पर करीब 146 वर्गमीटर क्षेत्रफल में 5 मीटर गहराई तक मार्बल खनन करना पाया गया। उक्त जगह से मार्बल का खनन कर ले गए, जबकि मौके पर खान विभाग से कोई खनन पट्टा या लीज नहीं है। साथ ही उक्त जगह पर मार्बल पत्थर निकालने के बाद मलबा डालकर पुन: पाटना पाया गया। इस तरह खान विभाग की टीम ने भौतिक सत्यापन के बाद गणना की तो करीब 146 गुणा 5 गुणा 2.7 बराबर 1971 मैट्रिक टन मार्बल खनन होना पाया गया।
रास्ते से निकाला 4 हजार मैट्रिक टन मार्बल
खान विभाग की जांच के अनुसार राजस्थान माइंस एण्ड मिनरल्स कंसेशन रूल्स 2017 के नियम 54 (1) के तहत मार्बल का अवैध खनन पाया गया। अवैध खनन पाया जाने पर उषा कंवर को जारी नोटिस के अनुसार रास्ते के लिए करीब 15 मीटर गहराई में 250 वर्गमीटर क्षेत्र में पहाड़ी की कटिंग की गई, जिसका कुल आयतन करीब 3750 घनमीटर है और यह रास्ता उक्त खनन पट्टे के पास ही है और ऊपर की तरफ रास्ते के लिए मलबा हटा कर कटिंग की गई। उक्त आवंटित खनन पट्टे की अनुमोदित खनन योजना के अनुसार मार्बल की रिकवरी 40 फीसदी मानकर नीचे की तरफ वाले रास्ते में से कुल 4050 मैट्रिक टन मार्बल का खनन किया गया।
रास्ते के लिए भी अवैध रूप से खोदी पहाड़ी
निर्झरना में गैप एरिया में से मार्बल खदान में आवाजाही के लिए दो रास्ते गुजरते हैं। उक्त रास्ते बनाने के लिए भी अवैध रूप से पहाड़ी को काट डाला और ढलान बनाया। गेप एरिया में खनन के लिए खान विभाग से कोई अनुमति नहीं ली गई। इस तरह गैप एरिया में किया गया मार्बल का खनन भी अवैध है।
लंबे समय से चल रहा है विवाद
निर्झरना में मार्बल खदानों को लेकर खननकर्ता, श्री द्वारकाधीश मंदिर प्रबंधन के बीच भी विवाद है। पूर्व मंत्री शिवदानसिंह चौहान के पुत्र ऋषिराजसिंह चौहान ने राधे मिनरल्स व मंदिर से जुड़े अधिकारी, कार्मिकों के खिलाफ राजनगर थाने में एफआईआर दर्ज करवाई थी। इसमें डराने, धमकाने व अवैध वसूली के भी आरोप लगाए थे, जिसकी पुलिस जांच जारी है। साथ ही राधे मिनरल्स को अवैध रूप से एनओसी देने का भी आरोप लगाया, जबकि मंदिर प्रबंधन ने स्पष्ट कर दिया कि राधे मिनरल्स को निर्झरना में जमीन को व्यवस्थित करने व अवैध डम्पिंग नहीं हो, इसकी निगरानी के लिए टेंडर देना बताया। राधे मिनरल्स की टीम के निर्झरना में जाने के बाद ही एक के बाद एक मार्बल खदानों के अवैध खनन की कारगुजारियां सामने आ रही है।