Four corpses were raised : राजसमंद जिले के खमनोर थाना क्षेत्र के सांयों का खेड़ा पंचायत के चिकलवास के मेघवाल बस्ती में मंगलवार दोपहर बाद जब चार अर्थियां एक साथ घर व गांव से निकली, चौतरफा परिजनों का करूण क्रंदन, मदद की चीख- पुकार की आवाज थी। एक तरफ दुर्घटना स्थल का मलबा हटाने के लिए मशीनों की गड़गड़ाहट थी, तो दूसरी तरफ गांव में आहत परिजनों की भावुक रूलाई के स्वर सुनाई दे रहे थे। चारों अर्थियों को एक साथ शमशान घाट ले जाया गया, जहां अंतेष्टी की गई। चार मुखिया की मौत के बाद इन परिवारों के घर गुजारे को लेकर संकट खड़ा हो गया। दूसरी तरफ मृतक के परिजन व घायलों की नियमानुसार मदद को लेकर भी प्रशासन द्वारा आवश्यक तैयारी कर ली गई है।
Rajsamand Police : राजसमंद जिला कलक्टर डॉ. भंवरलाल ने बताया कि धर्मशाला की छत ढहने से चिकलवास के मेघवाल बस्ती निवासी भगवती लाल (35) पुत्र रोड़ी लाल मेघवाल, शांतिलाल (40) पुत्र नारूलाल मेघवाल, कालूलाल (41) पुत्र वेणी राम मेघवाल और भंवरलाल (52) पुत्र लच्छीराम मेघवाल की मौत हो गई। नाथद्वारा के गोवर्धन राजकीय जिला चिकित्सालय में पोस्टमार्टम के बाद पार्थिव देह गांव पहुंची, जहां पहले से सैकड़ों की तादाद में ग्रामीण व लोग जमा थे। दोपहर बाद में गमगीन माहौल में चारों शव की अंतिम यात्रा एक साथ रवाना हुई, जहां परिजनों की रूलाई रोके नहीं रूक रही थी, तो अंतेष्टी में शामिल हुए लोग भी आहत व बेसहारा हुए परिवारों की मदद के लिए प्रशासन से गुहार लगा रहे थे। परिजनों के करूण क्रंदन व रूलाई के बीच लोग ईश्वर को भी कोसते दिखे कि ये सभी लोग रामदेवरा जाने वाले जातरुओं के लिए धर्मशाला में रामरसोड़ा 15 जुलाई से शुरू करने की तैयारी कर रहे थे और ऐसे पुण्य कार्य करने वालों को ही छीन लिया। इस तरह गमगीन माहौल में चारों शव का अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान नाथद्वारा उपखंड अधिकारी अजय अमरावत, कांग्रेस पूर्व जिलाध्यक्ष देवकीनंदन गुर्जर, खमनोर प्रधान भैरूलाल वीरवाल सहित बड़ी तादाद में समाजजन, ग्रामवासी मौजूद थे।
Big accident : छत ढहने से दबे थे 13 लोग, 4 की हुई थी मौत
Big accident : चिकलवास में रामदेवरा जातरूओं के लिए रामरसोड़े की तैयारी की जा रही है। इसके लिए स्ट्रक्चर लगभग 300 वर्ग गज में बनाया गया था। पिलर्स पर आरसीसी की छत डाली गई थी। दीवार नहीं बनाई थी। पिलर भी ईंटों के थे। सोमवार दोपहर को आरसीसी छत की बल्लियो को खोला गया और रात करीब साढ़े 9 बजे ग्रामवासी साफ सफाई करने पहुंचे थे, तभी छत उन पर गिर गई। उस वक्त वहां 13 लोग थे, जो सभी उनके नीचे दब गए। बाद में जिला कलक्टर डॉ. भंवरलाल, एसपी मनीष त्रिपाठी के साथ तमाम प्रशासनिक अमला मौके पर पहुंचा और करीब पांच घंटे रेस्क्यू के बाद सबको बाहर निकाला, मगर तब तक 4 लोगों की मौत हो चुकी थी, जबकि 9 लोग घायल व चोटिल हो गए। हादसे में मृतक भगवतीलाल चित्तौड़गढ़ जिले के भोपालसागर में एलडीसी के पद पर कार्यरत थे। शांतिलाल, कालूलाल और भंवरलाल मजदूरी का काम करते थे। महज 37 दिन में इस बिल्डिंग को बनाया गया था।
Chikalwas Accident : सात घायलों का चल रहा इलाज
Chikalwas Accident : हादसे में चिकलवास निवासी हीरा लाल (30) पुत्र तुलसीराम सालवी, मांगी लाल (47) पुत्र शंकर लाल सालवी, गोपी लाल (48) पुत्र खीमाजी सालवी, लक्ष्मण (35) पुत्र मोहन लाल सालवी, मीठा लाल (31) पुत्र मोहन लाल सालवी, लक्ष्मण (48) पुत्र भेरा सावली, चेतन (24) पुत्र रामाजी सालवी, पूरण (38) पुत्र मोहन लाल सालवी और दिनेश (25) पुत्र रोड़ा सालवी घायल हुए। लक्ष्मण और चेतन को आज इलाज के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। अन्य सात घायलों का लालबाग स्थित जिला अस्पताल में इलाज चल रहा है।
SDM बोले- अवैध निर्माण था, निर्माण की जल्दबाजी, इसलिए हादसा
SDM Nathdwara : अजय अमरावत ने कहा- जून में मेघवाल बस्ती धर्मशाला को लेकर अतिक्रमण का नोटिस दिया गया था। उसके बावजूद काम नहीं रोका गया। 5 अगस्त को इसी मामले को लेकर पेशी होनी थी। इससे पहले यह हादसा हो गया। तहसीलदार भानु प्रताप सिंह ने बताया- चिकलवास गांव में सामुदायिक भवन चरनोट (चारागाह) आराजी नं. 505 की जमीन पर बनाया गया था। यह रास्ते की जमीन थी। 24 जून को गांव के वार्ड पंच हीरा लाल सालवी, भोली राम सालवी और सायों खेड़ा सरपंच ने अतिक्रमण कर मंदिर बनाने की शिकायत नाथद्वारा SDM से की थी। उसी दिन मौके पर पटवारी को भेजा गया गया। उसने रिपोर्ट में बताया था कि दो दिन पहले यानी 22 जून को निर्माण कार्य चालू किया गया था। छत डालने के लिए मौके पर मिट्टी, रेती और बांस की लकड़ियां पड़ी मिली थीं। चबूतरे पर छत डालने के लिए बांस की लकड़ियों का स्ट्रक्चर खड़ा किया गया था। पटवारी ने मौके पर पहुंचकर लोगों को सरकारी जमीन पर निर्माण न करने के लिए पाबंद किया था और निर्माण कार्य रुकवाया था। प्रशासन की ओर से नोटिस भी दिए गए थे। लेकिन, कुछ दिन बाद ही निर्माण को तेज गति से पूरा करते हुए 20 दिन पहले आरसीसी की छत डाल दी गई। तीन दिन पहले से छत के नीचे से बल्लियों का सपोर्ट हटाया जा रहा था। सोमवार शाम तक करीब पूरा सपोर्ट हटा दिया गया था। अवैध निर्माण को लेकर नाथद्वारा तहसीलदार कोर्ट में इसकी सुनवाई भी चल रही है। 25 जुलाई को सुनवाई हुई थी। इस दौरान अवैध निर्माण को हटाने के लिए 5 अगस्त तक का समय दिया गया था। सिर्फ ईटों के पिलर बनाकर उसके ऊपर आरसीसी की छत डाल दी गई थी। छत का सपोर्ट हटते ही हादसा हो गया।
Ramdevara Ramrasoda : 17 दिन बाद शुरू होने वाला था राम रसोड़ा
Ramdevara Ramrasoda : बताया कि बाहर आने वाले समाज के लोगों के लिए सामुदायिक भवन बनाया गया था। वहीं पैदल यात्रियों के लिए राम रसोड़े कार्यक्रम की तैयारी चल रही थी। 15 अगस्त से इसकी शुरुआत होने वाली थी। छत के नीचे से सपोर्ट हटाने के बाद समाज के लोग साफ-सफाई करने में जुटे हुए थे। इस दौरान अचानक छत गिरने से हादसा हो गया।
IAS Dr. Bhanwarlal : कलक्टर- एसपी भी रातभर रेस्क्यू में खड़े रहे
IAS Dr. Bhanwarlal : चिकलवास में निर्माणाधीन धर्मशाला की छत ढहने से 13 लोगों के दबने की सूचना पर जिला कलक्टर डॉ. भंवरलाल व एसपी मनीष त्रिपाठी तत्काल मौके पर पहुंच गए। फिर रात करीब 3 बजे तक रेस्क्यू पूरा होने के बाद वापस लौटे। कलक्टर ने सभी पुलिस, प्रशासनिक, एसडीआरएफ, सिविल डिफेंस, ग्राम पंचायत सांयों का खेड़ा की टीम को मौके पर बुला लिया। जिला कलक्टर द्वारा तत्परता से रेस्क्यू करवाया गया, वरना कुछ लोगों की भी जान घबराने से जा सकती थी। जिला कलक्टर की संजीदगी की चौतरफा ग्रामवासियों ने प्रशंसा की। जिला पुलिस अधीक्षक मनीष त्रिपाठी, एएसपी महेंद्र कुमार पारीक, नाथद्वारा डीएसपी दिनेश सुखवाल के साथ तमाम पुलिस अधिकारी भी दिन रात गांव में डटे रहे। साथ ही अब आहत परिवारों को आवश्यक आर्थिक सहायता दिलाने की मांग की जा रही है। हादसे के बाद रेस्क्यू में छत को तोड़कर 9 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला, जबकि 4 लोगों की मौत हो गई थी। इस दौरान सरपंच प्रतिनिधि मुकेश पुरोहित सैकड़ों की तादाद में चिकलवास, सांयों का खेड़ा, शिशोदा आदि गांवों के लोग मौके पर एकत्रित हो गए। हादसे में छत के नीचे दबे सभी लोग सांयों का खेड़ा पंचायत के चिकलवास के बलाई बस्ती के रहने वाले है।
बिलखते परिजनों को देख हर शख्स की आंखें नम
चिकलवास में चार लोगों की मौत होने के बाद एक साथ जब उनके घर व गांव से अर्थियां शमशान घाट के लिए रवाना हुई, तो वहां खड़े हर शख्स की आंखे नम हो गई। यह हादसा बड़ा ही दु:खद था। रात को छत गिरी, तब चिकलवास गांव के लोग रातभर जागते रहे और इस दु:खद हादसे को लेकर न सिर्फ चिंतिंत थे, बल्कि परिजनों के फंसे होने से बिलख बिलख कर रो रहे थे। इस तरह परिजनों की रूलाई देखकर हर कोई गमगीन हो गया। इस दौरान आहत परिवार के सदस्यों को संबल देने के प्रयास भी किए जा रहे थे। हादसे के बाद ग्राम पंचायत से लेकर प्रशासन, पुलिस महकमे के अधिकारी भी हादसे के बाद से मौके पर डटे हुए हैं और आहत परिजनों को हरसंभव मदद के प्रयास किए जा रहे हैं।
Alert Administration : आहत परिवारों को हर संभव मदद करेंगे
Alert Administration : चिकलवास हादसा काफी दु:खद है। चार परिवारों के मुखिया की मौत हो गई। अब प्रशासन द्वारा मृतक के परिजनों को आवश्यक आर्थिक सहायता राशि जल्द से जल्द दिलवाई जाएगी। पात्र परिवार के सदस्यों को सरकार की विभिन्न योजनाओं से जोड़ा जाएगा। इसके लिए पंचायत व प्रशासन की टीम को उनके घर भेजकर आवेदन करवाए जाएंगे।
डॉ. भंवरलाल, जिला कलक्टर राजसमंद