Free Ration Update : राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना (NFSA) के तहत राज्य सरकार द्वारा अपात्र परिवारों को सूची से हटाने का अभियान तेजी से चल रहा है। आज, 31 जनवरी 2025, इस योजना से नाम हटाने का अंतिम दिन है। इसके बाद, उन परिवारों से 27 रुपये प्रति किलो की दर से राशन की वसूली शुरू की जाएगी, जो योजना के पात्र नहीं पाए गए हैं। इस अभियान के तहत अब तक 465 परिवारों के कुल 1970 सदस्यों ने स्वेच्छा से अपना नाम हटा लिया है।
Give UP Abhiyan : ‘गिवअप’ अभियान के तहत स्वैच्छिक नाम हटाने की प्रक्रिया
Give UP Abhiyan : राजसमंद सहित पूरे राजस्थान में ‘गिवअप’ अभियान के तहत अपात्र लाभार्थियों को स्वेच्छा से राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना छोड़ने का विकल्प दिया गया है। जिला रसद अधिकारी विजय सिंह ने बताया कि जिन परिवारों की वार्षिक आय एक लाख रुपये से अधिक है, जो आयकर दाता हैं, जिनके परिवार में सरकारी या अर्ध-सरकारी नौकरी करने वाला सदस्य है, या जिनके पास चार पहिया वाहन है, वे इस योजना के अंतर्गत राशन पाने के लिए पात्र नहीं हैं। ऐसे लाभार्थियों को जिला रसद कार्यालय या उपखंड कार्यालय में 31 जनवरी तक आवेदन प्रस्तुत कर अपना नाम हटाने की प्रक्रिया पूरी करनी होगी।
Khadya Suraksha Yojana : क्या होगा अगर कोई स्वेच्छा से नाम नहीं हटाता?
Khadya Suraksha Yojana : यदि 31 जनवरी के बाद भी कोई अपात्र लाभार्थी खाद्य सुरक्षा योजना में बना रहता है, तो उसके खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जाएगी और उसे 27 रुपये प्रति किलो की दर से राशन खरीदना होगा। इसके अलावा, सरकार ऐसे लाभार्थियों से पिछले कुछ महीनों में लिए गए अनुदानित राशन की भी वसूली करेगी।
NFSA Update today : कैसे होगी अपात्र लाभार्थियों की पहचान?
NFSA Update today : खाद्य सुरक्षा योजना से अपात्र लाभार्थियों को हटाने के लिए सरकार ने डिजिटल सत्यापन प्रक्रिया अपनाई है। सरकार ने लाभार्थियों का केवाईसी (KYC) अनिवार्य कर दिया है, जिसमें राशन कार्ड को आधार कार्ड से जोड़ा गया है। आधार कार्ड से पैन कार्ड और बैंक खाता लिंक होने के कारण लाभार्थी की आय संबंधी जानकारी आसानी से प्राप्त की जा रही है। इसके अतिरिक्त, परिवहन विभाग से प्राप्त आंकड़ों के आधार पर यह पता लगाया जा रहा है कि लाभार्थी के नाम पर कोई चार पहिया वाहन पंजीकृत है या नहीं। इन सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए अपात्र लाभार्थियों की पहचान की जा रही है।
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Ration Card News : क्यों चलाया जा रहा है यह अभियान?
Ration Card News : राज्य सरकार का उद्देश्य इस योजना का लाभ केवल उन्हीं जरूरतमंद परिवारों तक पहुँचाना है, जिन्हें वास्तव में इस राशन की जरूरत है। अभी तक कई ऐसे मामले सामने आए हैं, जहाँ संपन्न परिवार भी मुफ्त राशन योजना का लाभ उठा रहे थे, जबकि गरीब और वंचित परिवार इस सुविधा से वंचित रह जाते थे। इसी असमानता को दूर करने के लिए सरकार ने ‘गिवअप’ अभियान की शुरुआत की है।
अब तक कितने परिवारों ने छोड़ी योजना?
राजस्थान में अब तक 465 परिवारों के 1970 सदस्य स्वेच्छा से अपना नाम खाद्य सुरक्षा योजना से हटा चुके हैं। यह आंकड़ा दर्शाता है कि कई संपन्न परिवारों ने सरकार के इस अभियान का समर्थन किया है और जरूरतमंदों को उनका हक दिलाने में योगदान दिया है।
आने वाले दिनों में क्या बदलाव होंगे?
सरकार ने इस योजना में कई नए दिशा-निर्देश भी जारी किए हैं, जो 26 जनवरी से प्रभावी हो चुके हैं। अब केवल उन्हीं परिवारों को खाद्य सुरक्षा योजना का लाभ मिलेगा, जो पूरी तरह से पात्र हैं। यदि कोई नया लाभार्थी इस योजना में जुड़ना चाहता है, तो उसे ई-मित्र पोर्टल पर आवेदन करना होगा। आवेदन प्रक्रिया पूरी करने के बाद ही उन्हें इस योजना में शामिल किया जाएगा।इसके अतिरिक्त, योजना में भ्रष्टाचार की शिकायतों के समाधान के लिए एक हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया गया है, जहाँ कोई भी नागरिक गड़बड़ी की सूचना दे सकता है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना से नाम हटाने की अंतिम तिथि आज है, और इसके बाद अपात्र परिवारों से वसूली शुरू की जाएगी। सरकार इस योजना को पारदर्शी और जरूरतमंदों तक पहुँचाने के लिए पूरी तरह प्रयासरत है। यदि आप इस योजना के लिए पात्र नहीं हैं, तो आज ही अपना नाम हटवाएं, अन्यथा आपको 27 रुपये प्रति किलो की दर से राशन खरीदना होगा। यह अभियान यह सुनिश्चित करेगा कि योजना का लाभ सही हाथों तक पहुँचे और अपात्र लाभार्थियों के नाम हटने से गरीबों और जरूरतमंदों को उनका उचित हक मिल सके।