Free Ration Update : राज्यभर में राशन कार्ड धारकों की ई-केवाईसी प्रक्रिया तेजी से चल रही है। झुंझुनूं जिला इस प्रक्रिया में 55.93% के आंकड़े के साथ प्रदेश में तीसरे स्थान पर है। श्रीगंगानगर 56.67% के साथ पहले स्थान पर है, जबकि नागौर 56.10% के साथ दूसरे पायदान पर है। ई-केवाईसी नहीं करवाने वाले परिवार 31 जनवरी के बाद राशन योजना के लाभ से वंचित हो सकते हैं।
Ration Card ekyc Rajasthan : 31 जनवरी है अंतिम तारीख
Ration Card ekyc Rajasthan : राज्य सरकार ने खाद्य सुरक्षा योजना के तहत पात्र लाभार्थियों को शामिल करने और अपात्र लोगों को हटाने के लिए ई-केवाईसी को अनिवार्य कर दिया है। 31 जनवरी अंतिम तारीख तय की गई है। इसके बाद भी यदि किसी लाभार्थी ने ई-केवाईसी नहीं करवाई तो उनका नाम योजना से हटा दिया जाएगा, और वे राशन प्राप्त नहीं कर पाएंगे। यह कदम खाद्य सुरक्षा योजना को अधिक पारदर्शी बनाने के लिए उठाया गया है। खाद्य सुरक्षा
Khadya Surksha Update : क्यों हो रही है ई-केवाईसी में देरी?
Khadya Surksha Update : ई-केवाईसी प्रक्रिया में कई परिवारों को विभिन्न कारणों से कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। इनमें प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं:
- बच्चों के आधार कार्ड अपडेट नहीं होना: कई परिवारों में बच्चों के आधार कार्ड में गलतियां हैं, जिन्हें ठीक करने की प्रक्रिया धीमी है।
- बेटियों की शादी के बाद नाम न हट पाना: शादी के बाद भी बेटियों के नाम राशन कार्ड में बने हुए हैं, जिससे ई-केवाईसी में बाधा आ रही है।
- बुजुर्गों की अंगूठे की पहचान में समस्या: ठंड के कारण बुजुर्गों के अंगूठे की पहचान स्कैन नहीं हो पा रही है।
- नए नियमों का डर: आयकरदाता और वाहन मालिक जो अब तक राशन योजना का लाभ ले रहे थे, उन्हें वसूली का डर सता रहा है।
- मजदूरी के लिए परिवार का बाहर होना: कई परिवार के सदस्य रोजगार के लिए बाहर गए हुए हैं, जिससे उनकी ई-केवाईसी नहीं हो पा रही।
Ration Card News Rajasthan : श्रीगंगानगर की मजबूत स्थिति
Ration Card News Rajasthan : श्रीगंगानगर जिले में अब तक 56.67% लाभार्थियों ने ई-केवाईसी करवा ली है। यह जिले को प्रदेश में प्रथम स्थान पर रखता है।
- श्रीगंगानगर: 56.67% (पहला स्थान)
- नागौर: 56.10% (दूसरा स्थान)
- झुंझुनूं: 55.93% (तीसरा स्थान)
इन जिलों में ई-केवाईसी के अच्छे आंकड़े राज्य सरकार और जिला प्रशासन के प्रयासों को दर्शाते हैं। वहीं, बांसवाड़ा जिला मात्र 20.34% ई-केवाईसी के साथ सबसे निचले पायदान पर है। राशन व्यवस्था का समाचार
District status in e-KYC : ई-केवाईसी में जिले की स्थिति
स्थान | जिला | ई-केवाईसी (%) |
---|---|---|
1 | श्रीगंगानगर | 56.67 |
2 | नागौर | 56.10 |
3 | झुंझुनूं | 55.93 |
4 | कोटा | 55.61 |
5 | अजमेर | 53.28 |
6 | हनुमानगढ़ | 52.87 |
7 | पाली | 52.61 |
8 | जयपुर | 52.55 |
9 | बूंदी | 51.48 |
10 | सीकर | 48.57 |
11 | चूरू | 47.93 |
12 | बीकानेर | 47.63 |
13 | भरतपुर | 47.23 |
14 | टॉक | 47.14 |
15 | जोधपुर | 47.11 |
16 | अलवर | 46.01 |
17 | चित्तौड़गढ़ | 44.53 |
18 | करौली | 44.11 |
19 | सवाई माधोपुर | 43.81 |
20 | दौसा | 43.68 |
21 | भीलवाड़ा | 34.47 |
22 | झालावाड़ | 34.12 |
23 | बाड़मेर | 40.89 |
24 | सिरोही | 38.31 |
25 | बारां | 37.53 |
26 | जालोर | 37.34 |
27 | राजसमंद | 37.13 |
28 | धौलपुर | 36.72 |
29 | जैसलमेर | 34.37 |
30 | प्रतापगढ़ | 30.19 |
31 | डूंगरपुर | 26.62 |
32 | उदयपुर | 24.61 |
33 | बांसवाड़ा | 20.34 |
Ration Card ekyc Rajasthan last date : ई-केवाईसी क्यों है जरूरी?
Ration Card ekyc Rajasthan last date : ई-केवाईसी का उद्देश्य खाद्य सुरक्षा योजना को अधिक पारदर्शी और कुशल बनाना है। इससे सरकार को पात्र लाभार्थियों की पहचान करने और अपात्र लोगों को योजना से बाहर करने में मदद मिलेगी।
- लाभार्थियों की पहचान: यह सुनिश्चित करने में मदद करेगा कि योजना का लाभ केवल पात्र लोगों को ही मिले।
- फर्जी लाभार्थियों की पहचान: ई-केवाईसी प्रक्रिया के माध्यम से फर्जी राशन कार्ड धारकों को हटाया जा सकेगा।
- डिजिटल प्रक्रिया: आधार कार्ड से जुड़ी इस प्रक्रिया से सरकारी योजनाओं में भ्रष्टाचार कम होगा।
Food Security Yojana : सरकार की अपील
Food Security Yojana : राज्य सरकार और जिला प्रशासन ने सभी लाभार्थियों से 31 जनवरी से पहले अपनी ई-केवाईसी प्रक्रिया पूरी करने की अपील की है। यह न केवल उनकी पात्रता सुनिश्चित करेगा, बल्कि उन्हें योजना का लाभ लगातार मिलता रहेगा।
समाधान के प्रयास
ई-केवाईसी प्रक्रिया में आने वाली समस्याओं को दूर करने के लिए सरकार ने कई कदम उठाए हैं:
- आधार अपडेट कैंप: बच्चों और बुजुर्गों के आधार कार्ड अपडेट करने के लिए विशेष कैंप लगाए जा रहे हैं।
- डिजिटल सहायता केंद्र: ग्राम पंचायत स्तर पर ई-मित्र और डिजिटल सहायता केंद्र स्थापित किए गए हैं।
- समयसीमा में लचीलापन: विशेष परिस्थितियों में समयसीमा बढ़ाने पर विचार किया जा सकता है।
- जागरूकता अभियान: गांव-गांव में जागरूकता अभियान चलाकर लोगों को ई-केवाईसी के महत्व के बारे में बताया जा रहा है।
ई-केवाईसी प्रक्रिया खाद्य सुरक्षा योजना को अधिक पारदर्शी और कुशल बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। झुंझुनूं जिले ने इस मामले में शानदार प्रदर्शन किया है, लेकिन अन्य जिलों को भी इस प्रक्रिया में तेजी लाने की आवश्यकता है। सरकार और प्रशासन के प्रयासों के साथ, यह संभव है कि राजस्थान के सभी लाभार्थी समय पर अपनी ई-केवाईसी पूरी कर सकें और योजना का लाभ उठा सकें।