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न्याय की गुहार : सिजेरियन के दौरान महिला के पेट में छोड़ी गॉज बैंडेज, बच्चे की मौत, महिला अब नहीं बन सकती मां

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एक महिला के सिजेरियन के दौरान डॉक्टर की लापरवाही से महिला के पेट में गॉज बैंडेज छुट गई। जन्म के तीन दिन बाद बच्चे की भी मौ हो गई। महिला अब मां नहीं बन सकती है। इस पर पीड़िता ने कलेक्टर नीलाभ सक्सेना को ज्ञापन सौंपकर न्याय की गुहार लगाई।

महिला के पेट में दर्द की शिकायत हुई तो डॉक्टर ने एमआरआई करवाई। जांच में सामने आया महिला के पेट में गॉज बैंडेज है। महिला ने ऑपरेशन करने वाले डॉक्टर पर भी आरोप लगाए है। महिला ने बताया कि इसकी वजह से उसकी बच्चेदानी पूरी तरह से खराब हो गई। परिजनों ने बताया कि 9 साल बाद संतान हुई थी। डॉक्टर की लापरवाही की वजह से पहले बच्चे की मौत हुई और अब वे दोबारा कभी मां नहीं बन सकते। परेशान दंपती कलेक्टर के पास पहुंचे और न्याय की गुहार लगाई।

पीड़ित दंपती राजसमदं जिले के देवगढ़ के आंजना गांव के रहने वाले हैं। महिला कमला रेगर (30) की शादी 9 साल पहले विपिन (36) से हुई थी। 15 अगस्त को सीएचसी देवगढ़ में डॉ. अशोक कुमावत ने सिजेरियन किया था। कमला ने बच्चे को जन्म दिया। कमला और पति विपिन का आरोप है कि डॉक्टर की लापरवाही के कारण बंदा पानी बच्चे के फेफड़े में चला गया। इस पर उसे उदयपुर रेफर किया गया। 3 दिन इलाज के बाद मासूम की मौत हो गई। कमला ने बताया कि सिजेरियन के 1 महीने बाद ऑपरेशन वाली जगह इंफेक्शन हो गया और रस्सी भर गई। महिला को देवगढ़ के सरकारी हॉस्पिटल में ले गए। यहां डॉक्टर ने ऑपरेशन कर 1 लीटर मवाद (रस्सी) निकाली गई। 15 दिनों तक ड्रेसिंग की गई। इसके 25 दिनों बाद फिर से उस घाव के दूसरी तरफ गांठ जैसे सुजन हो गई। डॉक्टर को बताने पर सोनोग्राफी और सिटी स्कैन करवाने की सलाह दी गई। सोनोग्राफी की रिपोर्ट देख बताया गया कि सिजेरियन ऑपरेशन के दौरान इंफेक्शन फैल गया था। इस पर महिला का दोबारा ऑपरेशन कर रस्सी निकाली गई। महिला के पति विपिन ने बताया कि 15 दिन बाद दोबारा दर्द होने पर राजसमंद के जिला अस्पताल ले गए। यहां डॉक्टर ने MRI करवाने की सलाह दी। इस पर परिजन घबरा गए। महिला को भीम अस्पताल ले जाया गया। यहां डॉक्टर की टीम ने मेडिकल कॉलेज की सलाह दी। 25 दिसंबर को महिला को दोबारा राजसमंद के आरके अस्पताल लाए और एमआरआई करवाई। सामने आया कि महिला के पेट में कुछ है। निजी अस्पताल में ऑपरेशन किया गया। यहां उसके पेट से गॉज बैंडेज निकाली गई।

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