उदयपुर में पशु प्रेम का एक ऐसा मामला सामने आया है जो पशु पालकों और पशु प्रेमियों के लिए मिसाल बन सकता है। अपनी बकरी को बचाने के लिए एक बुजुर्ग पशुपालक ने अपनी भी जान दांव पर लगा दी, हालांकि दुर्भाग्यवश दोनों ही नहीं बच सके। मामला उदयपुर जिले के झल्लारा थानाक्षेत्र का है।
झन्ल्लारा के अमलोदा गांव में बुधवार शाम से गायब एक 70 वर्षीय बुजुर्ग डूंगर पुत्र वक्ता मीणा की गुरुवार सुबह फिर से तलाश की गई तो उसका शव उसी कुएं में मिला जिस कुएं में रात को तलाशी के दौरान बकरी मरी मिली थी। उसी कुएं के पास रात को उनके जूते और कपड़े भी मिले थे। मगर रात का वक्त हो जाने से उनकी तलाश नहीं की जा सकी थी। सुबह बलई लेकर कुएं की तलाशी ली गई तो बुजुर्ग का शव मिल गया।
बुजुर्ग के पुत्र और अन्य लोगों का कहना है कि जरूर बकरी चरते समय कुएं में गिर गई होगी और उसे बचाने के लिए बुजुर्ग अपने जूते-बनियान खोलकर कुएं में उतरे होंगे। मगर वे संभल नहीं पाए और बकरी को बचाते-बचाते खुद डूब गए। जूते और बनियान कुएं से बाहर पड़े मिलने से इस बात की पुष्टि हो रही है। हालांकि, पुलिस मामले की तह तक जाने की कोशिश कर रही है।