उदयपुर में मालदास स्ट्रीट में कन्हैयालाल टेलर की हत्या के बाद उनके शव का आरएनटी मेडिकल कॉलेज के मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम के साथ अंतिम संस्कार कर दिया गया। इधर, पोस्टमार्टम रिपोर्ट में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। बताया गया कि कन्हैयालाल की गर्दन पर 26 बार धारदार हथियार के गहरे घाव और सिर पर एक गहरा घाव होने की पुष्टि हुई है। कन्हैयालाल की गर्दन सिर्फ एक तरफ हल्की-सी खाल से अटकी हुई थी, शेष 98 फीसदी गर्दन कटकर अलग हो गई थी।
कन्हैयालाल की गर्दन को आईएस आतंकियों की तरह ही काटकर अलग किया गया। सूत्रों ने यह भी पता चला है कि पिछले 15 साल से पीएम करने वाले विशेषज्ञ डॉक्टरों की आंखों भी गर्दन को अलग देखकर पथरा गई थीं। कन्हैयालाल की पत्नी यशोदा और 20 वर्षीय बड़े बेटे यश तेली और 18 वर्षीय छोटे बेटे तरुण तेली ने बिलखते हुए कहा कि इन आतंकियों को तुरंत फांसी की सजा होनी चाहिए। बेटे यश ने कहा कि इन आतंकियों के लिए रैकी करने वाले कौन लोग हैं, उनको भी फांसी की सजा होनी चाहिए। अगर सरकार ने इस आतंकी गैंग को समय रहने खत्म नहीं किया तो ऐसी आतंकी हत्याएं और भी हो सकती हैं।
बिलख रहे परिजन, परिवार ने मांगी सुरक्षा
उदयपुर में तालिबानी हत्या के बाद गुस्से से भरी आखें, चीखती आवाजें और नारे अब बंद हो चुके हैं। एक दिन पहले हैवानियत का शिकार बने कन्हैयालाल साहू के शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया है। घर में परिवार की महिलाएं हैं, जो कन्हैया के जाने के गम में डूबी हैं। कन्हैयालाल के सूने कमरे की ओर निगाह जाते ही परिवार का सदस्य बिलखने लगता है। वहां लगी उनकी तस्वीरें और सामान पत्नी और बच्चों के लिए आखिरी यादें हैं। एक तस्वीर में तो कन्हैया हैं, मगर बेटों की बाहों में अब नहीं हैं। उनकी बहन का कहना है कि परिवार डरा हुआ है और उन्हें सुरक्षा चाहिए।
कुछ दिन पहले महिला-पुरूष धमकी देकर गए
कन्हैया के साथ बीते दिनों को याद करते हुए उनकी बहन बताती हैं कि जब कन्हैया को धमकी मिली तो दुकान बंद रखी। फिर देखा कि कितने दिन बैठेंगे। इसलिए दुकान खोल दी। दुकान खोलने के बाद कुछ दिन पहले एक महिला और एक आदमी दुकान पर आकर धमकी देकर गए थे कि तुझे गाड़ देंगे। उम्मीद भरी आवाज में नीमा कहती हैं कि हमारे बच्चों को सुरक्षा चाहिए ना जाने कब कोई क्या कर दे।
नीमा देवी का हाल जानकर हम आगे बढ़े तो महिलाओं के बीच कन्हैयालाल की पत्नी जशोदा बैठी थी। अब तक जशोदा बेन के आंसू सूख चुके थे। मगर गले से दर्द नहीं निकला था। बोली एक बेटे को डॉक्टर और दूसरे बेटे को इंजीनियर बनाने का सपना था। अब यह सपना कौन पूरा करेगा? कौन कर सकता है, मैं क्या रोड पर काम करके पूरा करूंगी क्या।
पत्नी बोली- चिंता में थे, मगर कुछ नहीं बताया
- जशोदा कहती हैं कि वो उनके पति उन्हें कुछ नहीं बताते थे मगर वो चिंता में थे। कुछ समय पहले बीमार हुए थे। मगर कुछ नहीं बताया। तीन साल पहले ही मकान लिया था। इसकी किश्तें चल रही है। सिलाई का काम भी मंदा ही था। अब ये सब कौन देखेगा।