girl dies of heart attack in rajsamand https://jaivardhannews.com/girl-dies-of-heart-attack-in-ajmer-city/

Girl Dies of Heart Attack : एक स्वस्थ व युवा उम्र की युवती न सिर्फ दिखने में तंदुरुस्त थी, बल्कि उसकी मुस्कान से भी शारीरिक रूप से भी कमजोर कतई नहीं दिखती। रात तड़के तीन बजे तक ऑनलाइन काम करने के बाद सो गई और सुबह पांच बजे उठी तो सीने में दर्द की शिकायत की, तो परिजन तत्काल अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषत कर दिया। इस तरह साइलेंट अटैक से उसकी मौत हो गई। 23 साल की उम्र में युवती की मौत को लेकर न सिर्फ परिजन चकित व हैरान है, बल्कि डॉक्टर भी असहज महसूस कर रहे हैं।

Ajmer News : यह घटना राजस्थान में अजमेर शहर की है। अजमेर जिले में श्री नगर के सदर बाजार निवासी अनूप राठी की 23 वर्षीय पुत्री कशिश अजमेर में ही ट्यूर एंड ट्रेवल्स में ऑनलाइन जॉब करती थी। वह रात करीब 3 बजे कार्य करके सोई थी और अल सुबह करीब पांच बजे उठी, तो पेट में दर्द की उसने शिकायत की। इस पर परिजन तत्काल उसे अजमेर के जेएलएन चिकित्सालय ले गए, जहां डॉक्टरों ने जांच के बाद युवती को मृत घोषित कर दिया। युवती की अचानक मौत से घर परिवार में कोहराम मच गया। चाचा अंकुश राठी ने बताया कि कशिश की मौत को लेकर चिकित्सकों ने हार्ट अटैक बताया है। उसके पिता अनूप राठी अजमेर में ही किराने की दुकान चलाते हैं। कशिश का एक छोटा भाई भी है।

Why Heart Attack : आखिर इतनी कम उम्र में हार्ट अटैक क्यों ?

Why Heart Attack : विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार प्रतिवर्ष करीब 6 करोड़ लोगों की मौत होती है, जिनमें से करीब 32% मौत की वजह कार्डियोवस्कुलर डिजीज है। यह बीमारी दुनिया में सबसे अधिक मौत की वजह है। हर साल करीब पौने 2 करोड़ लोग किसी-न-किसी हार्ट डिजीज से मर रहे हैं। पहले हार्ट डिजीज के ज्यादातर पेशेंट 60 साल से अधिक उम्र के होते थे। अब नई समस्या ये है कि बीते कुछ सालों में 30 साल से कम उम्र के लोग भी इसका शिकार बन रहे हैं। कोविड के बाद से तो जैसे हार्ट अटैक के मामले बढ़ते ही जा रहे हैं। लंबे अरसे तक माना जाता रहा कि उम्र के साथ हमारा दिल भी बूढ़ा होता जाता है। इसलिए उम्र बढ़ने के साथ हार्ट डिजीज के मामले भी बढ़ जाते हैं, लेकिन बीते सालों में युवा उम्र में ही हार्ट अटैक व स्ट्रोक्स ने सबको चौंका दिया है। बताया जा रहा है कि इसके पीछे मुख्य वजह अन हेल्दी लाइफ स्टाइल है। देर रात तक जागना, सुबह देर से उठना, एक्सरसाइज न करना, खाने में फास्ट फूड व तली-भुनी चीजें खाना। डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, ओबिसिटी जैसी लाइफस्टाइल डिजीज होती हैं, जो आगे चलकर हार्ट अटैक का कारण बनती हैं। हाई ब्लड प्रेशर हार्ट अटैक के सबसे बड़े रिस्क फैक्टर्स में से एक है। असल में ब्लड प्रेशर हाई होने का मतलब है कि ब्लड फ्लो में कोई समस्या है तो हार्ट को इसका फ्लो बरकरार रखने के लिए पंपिंग तेज करनी पड़ रही है। इसके अलावा कोलेस्ट्रॉल हमारी ब्लड वेसल्स में जमा गाढ़े फैट की तरह है, जो खून की आवाजाही को बाधित करता है। इसके कारण ब्लड प्रेशर बढ़ता है। हार्ट को खून पंपिंग में ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है। इसका लेवल जितना बढ़ता है, हार्ट अटैक के चांसेज भी उतने ही बढ़ते जाते हैं। साथ ही युवाओं में हार्ट अटैक के बड़े रिस्क फैक्टर्स में स्मोकिंग है। भारत सरकार के नेशनल सैंपल सर्वे के मुताबिक भारत में 10 से 14 साल के 2 करोड़ बच्चों को तंबाकू व सिगरेट के लत है। death of a young girl

Ajmer police : कोरोना इंफेक्शन के बाद बढ़े है केस

Ajmer police : कोरोना इंफेक्शन का साइड इफेक्ट्स भी देखा जा रहा है। कोरोना वायरस की वजह से फेफड़ों को सबसे अधिक नुकसान पहुंचा है। इससे किडनी व ब्लड वेसल्स को भी कमजोर किया। इसका सीधा असर हार्ट पर पड़ता है। इस कारण कोविड इंफेक्शन के बाद बच्चों व युवा में कोरोना के मामले ज्यादा देखने को मिल रहे हैं। कई स्टडीज ने तो यहां तक बताया है कि इन दिल के दौरों के पीछे जीवन दायिनी कोविड वैक्सीन भी बड़ी वजह है। इस तरह कोरोना के चलते युवाओं का पूरा शरीर ही कहीं न कहीं कमजोर हुआ है और सीधा असर हार्ट पर पड़ा है। ज्यादातर मौतों में कुछ ऐसे ही हालाल प्रतीत हो रहे हैं।