
Gold Rate Outlook : सोने की कीमतों में बीते कुछ दिनों से लगातार तेजी देखी जा रही है। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर सोने का भाव आज 13 फरवरी को 381 रुपये की तेजी के साथ कारोबार कर रहा है। मौजूदा समय में सोना 85,862 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर ट्रेड कर रहा है। इस निरंतर वृद्धि ने पिछले सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। विश्लेषकों का मानना है कि अगर मौजूदा रुझान जारी रहा तो फरवरी के अंत तक सोने की कीमत 1 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंच सकती है।
Gold broke the price record : वर्तमान में सोने की कीमतों में तेजी जारी है और यह जल्द ही 1 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर तक पहुंच सकता है। हालांकि, वैश्विक घटनाक्रम और आर्थिक नीतियां इसकी दिशा को प्रभावित कर सकती हैं। इसलिए निवेशकों को सतर्क रहकर सही समय पर निर्णय लेने की आवश्यकता है। आइए जानते हैं कि इस तेजी के पीछे कौन-कौन से महत्वपूर्ण कारण छिपे हैं।
सोने की कीमत में उछाल के प्रमुख कारण
- वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता: अमेरिकी पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लागू किए गए नए टैरिफ प्लान ने ट्रेड वार जैसी स्थिति पैदा कर दी है, जिससे वैश्विक बाजार अस्थिर हो गए हैं। ऐसे में निवेशक सोने को सुरक्षित निवेश के रूप में देख रहे हैं।
- भारतीय रुपये की कमजोरी: डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपये में गिरावट देखी जा रही है, जिससे आयातित वस्तुओं की कीमत बढ़ रही है। चूंकि भारत में सोने का आयात किया जाता है, इसलिए रुपये की कमजोरी के चलते सोने के दाम भी बढ़ रहे हैं।
- केंद्रीय बैंकों की सोने में बढ़ती रुचि: विभिन्न देशों के केंद्रीय बैंक अपने भंडार में सोने की मात्रा बढ़ा रहे हैं, जिससे इसकी मांग और कीमतों में वृद्धि हो रही है।
- महंगाई का दबाव: लगातार बढ़ती महंगाई के चलते निवेशकों के लिए सोना एक सुरक्षित संपत्ति के रूप में उभर रहा है। जब महंगाई बढ़ती है, तो निवेशक अपनी पूंजी को सुरक्षित रखने के लिए सोने में निवेश करना पसंद करते हैं।
- भू-राजनीतिक तनाव: रूस और यूक्रेन के बीच चल रही तनातनी के अलावा अन्य वैश्विक संघर्ष भी सोने की कीमतों को बढ़ावा दे रहे हैं। निवेशक ऐसे समय में सुरक्षित निवेश के रूप में सोने की ओर रुख करते हैं।
Gold rate Today : पिछले एक साल में सोने की कीमत में वृद्धि
1 जनवरी 2024 से 31 जनवरी 2025 तक सोने की कीमत में महत्वपूर्ण वृद्धि देखी गई है। जनवरी 2024 की शुरुआत में सोने की कीमत लगभग 78,000 रुपये प्रति 10 ग्राम थी, जो धीरे-धीरे बढ़ते हुए फरवरी 2025 में 85,862 रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंच गई है। अब तक के इतिहास में सर्वाधिक कीमत: सोने की सर्वाधिक कीमत अब तक 2025 की शुरुआत में दर्ज की गई है, जब यह 87,200 रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंच गया था। इससे पहले, 2023 के मध्य में भी सोने की कीमतों में बड़ी तेजी देखी गई थी, लेकिन वर्तमान में यह अपने सर्वोच्च स्तर पर है।
आज सोने का भाव : विशेषज्ञों की राय: सोना 1 लाख तक पहुंचेगा?
आस्पेक्ट ग्लोबल वेंचर्स प्राइवेट लिमिटेड के एग्जीक्यूटिव चेयरमैन और इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन (IBJA) के वाइस प्रेसिडेंट अक्षा कंबोज का कहना है, “सोना हमेशा से ही सुरक्षित निवेश का एक महत्वपूर्ण विकल्प रहा है। मौजूदा वैश्विक आर्थिक और भू-राजनीतिक अनिश्चितताओं को देखते हुए, इसमें लगातार तेजी बनी हुई है। वर्तमान में सोने की कीमतें 84,399 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर हैं और अगर वैश्विक मांग, केंद्रीय बैंक की खरीद और महंगाई का दबाव जारी रहता है, तो यह 1 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर को छू सकता है।”
उन्होंने आगे कहा कि अमेरिका की टैरिफ नीतियों और वैश्विक अर्थव्यवस्था में अस्थिरता के कारण निवेशक सोने को एक सुरक्षित निवेश मान रहे हैं। हालांकि, अगर रूस और यूक्रेन के बीच शांति वार्ता सफल होती है और भू-राजनीतिक तनाव कम होता है, तो सोने की कीमतों में गिरावट भी देखी जा सकती है।
सराफा बाजार में सोने की स्थिति
आज सराफा बाजार में 22 कैरेट सोने की कीमत 400 रुपये की तेजी के साथ 79,950 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गई है, जबकि 24 कैरेट सोने की कीमत 380 रुपये बढ़कर 87,200 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गई है। यह तेजी कई खरीदारों और ज्वैलर्स के लिए चिंता का विषय बन गई है, क्योंकि ऊंची कीमतों के कारण आम लोगों के लिए सोना खरीदना मुश्किल होता जा रहा है।
- लॉन्ग टर्म निवेश: अगर आप लंबी अवधि के लिए निवेश करना चाहते हैं, तो सोने में निवेश एक अच्छा विकल्प हो सकता है।
- शॉर्ट टर्म उतार-चढ़ाव: बाजार में उतार-चढ़ाव सामान्य हैं, इसलिए जल्दबाजी में कोई निर्णय न लें।
- जानकारी के साथ निवेश करें: सोने की कीमतों में बढ़ोतरी और गिरावट के बारे में अपडेट रहें और सही समय पर निवेश का निर्णय लें।
सोने की कीमतें: निर्धारण और प्रभाव
सोना न केवल एक कीमती धातु है बल्कि इसे निवेश, आभूषण और संपत्ति के भंडार के रूप में भी देखा जाता है। इसकी कीमतें समय-समय पर बदलती रहती हैं और विभिन्न कारकों के आधार पर प्रभावित होती हैं।
सोने की कीमतें कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय कारकों पर निर्भर करती हैं। यह केवल एक धातु नहीं बल्कि निवेश, संपत्ति और सांस्कृतिक मूल्य का प्रतीक भी है। भारत में सोने की कीमतें वैश्विक बाजार, कर नीतियों, मुद्रा विनिमय दरों और मांग-आपूर्ति के आधार पर तय होती हैं। सरकार की नीतियाँ और केंद्रीय बैंक की गतिविधियाँ भी इनकी कीमतों पर प्रभाव डालती हैं। इस प्रकार, सोने की कीमतों का निर्धारण एक जटिल प्रक्रिया है जो आर्थिक, राजनीतिक और बाजार की स्थितियों से गहराई से जुड़ी होती है।
सोने की कीमतें बढ़ने के प्रमुख कारण
सोने की कीमतें बढ़ने के पीछे कई कारक जिम्मेदार होते हैं, जिनमें निम्नलिखित मुख्य हैं:
(i) वैश्विक आर्थिक स्थितियाँ
जब वैश्विक अर्थव्यवस्था अस्थिर होती है, तो निवेशक सुरक्षित निवेश की तलाश में सोने की ओर रुख करते हैं। आर्थिक मंदी, बैंकिंग संकट, या अंतरराष्ट्रीय व्यापार युद्ध जैसी स्थितियाँ सोने की कीमतों को बढ़ा सकती हैं।
(ii) मुद्रास्फीति और मुद्रा का अवमूल्यन
जब किसी देश में मुद्रास्फीति बढ़ती है, तो मुद्रा की क्रय शक्ति कम हो जाती है। ऐसे में लोग अपनी संपत्ति को सुरक्षित रखने के लिए सोने में निवेश करते हैं, जिससे इसकी मांग और कीमत बढ़ जाती है।
(iii) केंद्रीय बैंकों की नीतियाँ
कई देशों के केंद्रीय बैंक अपने विदेशी मुद्रा भंडार में सोना रखते हैं। जब ये बैंक अधिक मात्रा में सोना खरीदते हैं, तो इसकी कीमतें स्वाभाविक रूप से बढ़ जाती हैं।
(iv) आपूर्ति और मांग का प्रभाव
सोने की कीमतें उसकी उपलब्धता और बाजार में मांग पर निर्भर करती हैं। यदि किसी कारणवश सोने का उत्पादन कम हो जाए या खनन में कठिनाई आए, तो उसकी कीमतें बढ़ जाती हैं।
(v) भू-राजनीतिक तनाव
युद्ध, अंतरराष्ट्रीय तनाव, और राजनीतिक अस्थिरता के समय लोग सोने में निवेश करना सुरक्षित मानते हैं। इससे मांग बढ़ती है और सोने की कीमतें ऊपर जाती हैं।
(vi) डॉलर की मजबूती या कमजोरी
सोने की कीमत अमेरिकी डॉलर से प्रभावित होती है। जब डॉलर कमजोर होता है, तो अन्य मुद्राओं में सोने की कीमत सस्ती हो जाती है, जिससे इसकी मांग और मूल्य बढ़ जाता है।
पूरे देश में सोने की कीमत कैसे लागू होती है?
भारत में सोने की कीमतें कई स्तरों पर निर्धारित की जाती हैं।
(i) अंतरराष्ट्रीय बाजार से संबंध
सोने की कीमतें मुख्य रूप से अंतरराष्ट्रीय बाजारों (जैसे लंदन बुलियन मार्केट और कॉमेक्स) में निर्धारित होती हैं। भारत में सोने की कीमत इन्हीं वैश्विक दरों पर आधारित होती है।
(ii) भारतीय बुलियन एसोसिएशन और मल्टी-कमोडिटी एक्सचेंज (MCX)
भारत में मल्टी-कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) और बुलियन ट्रेडर्स एसोसिएशन सोने की कीमत तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वे अंतरराष्ट्रीय कीमतों को देखकर और अन्य आर्थिक कारकों को ध्यान में रखकर सोने की दैनिक दर तय करते हैं।
(iii) कर और आयात शुल्क
भारत अपनी सोने की जरूरतों का अधिकांश भाग आयात करता है। सरकार इस पर कस्टम ड्यूटी, GST, और अन्य कर लगाती है, जिससे घरेलू बाजार में सोने की कीमतें प्रभावित होती हैं। यदि आयात शुल्क बढ़ता है, तो सोना महंगा हो जाता है।
(iv) स्थानीय ज्वैलर्स और सर्राफा बाजार
देश के विभिन्न हिस्सों में सोने की कीमतें थोड़ी अलग हो सकती हैं। यह स्थानीय करों, लॉजिस्टिक्स लागत और सप्लाई चेन पर निर्भर करता है। छोटे शहरों में सोना थोड़ा महंगा हो सकता है क्योंकि वहाँ ट्रांसपोर्टेशन लागत अधिक हो सकती है।
(v) मांग और त्योहारी सीजन का प्रभाव
भारत में शादी और त्योहारों के दौरान सोने की मांग काफी बढ़ जाती है। विशेष रूप से दिवाली, अक्षय तृतीया और शादियों के मौसम में मांग अधिक होने से कीमतों में उछाल आता है।