वैश्विक कोरोना महामारी के दौरान जिन स्टूडेंट ने अपने माता-पिता को खो दिया है उन्हें 23 साल की उम्र तक 10 लाख रुपए की राशि मिलेगी। केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय (Union Ministry of Women and Child Development) ने पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन योजना (PM Cares for Children Scheme) के लिए विस्तृत दिशा निर्देश जारी किए है।
यह योजना उन छात्रों की वित्तीय सहायता के लिए है, जिन्होंने कोविड में अपने माता-पिता दोनों को या फिर सरवाइविंग पेरेंट्स को खो दिया है। इसके अलावा लीगल गार्जियन को खोने वाले छात्र भी इस योजना का लाभ पाने के लिए आवेदन कर सकते हैं। इस स्कीम का फायदा लेने के लिए स्टूडेंट्स (Students) को 31 दिसंबर तक आवेदन करना होगा। योजना का लाभ 18 साल से कम उम्र के उन्हीं छात्रों को मिलेगा जिन्होंने 11 मार्च 2020 से लेकर 31 दिसंबर 2021 के बीच अपने पेरेंट्स को खोया है। साथ ही पेरेंट्स (Parents) की मौत के दिन आवेदकों की उम्र 18 साल से कम होनी चाहिए।
परिजन न होने पर आवासीय विद्यालयों में होगा दाखिला : योजना का लाभ देने के लिए छात्रों को दो वर्गों में विभाजित किया गया है। 4 से 10 वर्ष की आयु सीमा के बच्चों की पढ़ाई व समुचित देखभाल के लिए अलग गाइड लाइन जारी की गई है। जबकि 11 से 18 साल तक के किशोरों के लिए अलग गाइड लाइन बनी है। 4 से 10 साल या उससे अधिक आयु सीमा के बच्चे जिनके परिजन, परिवार का सदस्य, रिश्तेदार उपलब्ध नहीं हैं या फिर उन्हें अपने साथ रखने को तैयार नहीं हैं, या फिर बच्चा खुद उनके साथ नहीं रहना चाहता तो उन्हें कुछ समय के लिए किसी अन्य परिवार के साथ रखा जाएगा।
छुट्टियों में भी रहने की सुविधा : 11 से 18 वर्ष की आयु के बच्चे जिनका नामांकन किसी आवासीय विद्यालय में होगा उनके छुट्टियों को दौरान डीएम के द्वारा सीसीआई या किसी उपयुक्त स्थान पर रहने की वैकल्पिक व्यवस्था की जाएगी।
अनाथ हुए बच्चों के आंकड़ों का सोर्स – राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (5 जून 2021 तक)