Gravel Mining : राजसमंद जिले में पिछले दो साल से बजरी लीज नहीं होने के कारण बजरी मिलना मुश्किल हो रहा हैं। हाईकोर्ट से रोक हटने के बाद अब वापस लीज जारी होने लगी हैं। पूर्व में 4 पट्टों की लीज हुई और वापस 4 पट्टों की लीज के लिए निविदा मांगी हैं। हालांकि जिले में चोरी छीपे कई जगह बजरी खनन जारी है, जिससे बजरी महंगी मिल रही हैं।
जिले में बजरी खनन के लिए खान एवं भू-विज्ञान विभाग राजसमंद ने राजसमंद, कुंवारिया व रेलमगरा तहसील में बनास नदी में 5 साल के लिए 265.50 हैक्टेयर के चार पट्टे जारी करते हुए लीज के लिए ऑक्शन निकाला है, जो 19 व 20 नवंबर को ई- निलामी की जाएगी। इनसे सरकार को 200 करोड़ से अधिक राजस्व आय होने की उम्मीद हैं। हालांकि रेलमगरा उपखंड क्षेत्र में दो पट्टों का ऑक्शन किया है जो आजाद भारत में पहली बार होने से किसानों ने विरोध भी दर्ज करवाया हैं। इसको लेकर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपते हुए लीज ऑक्शन निरस्त करने की मांग की जा रही हैं। करीब दो साल बाद बनास नदी में 4 लीज पूर्व में जारी हो चुकी है और 4 लीज अब जारी होने से एक फिर बजरी खनन शुरू होगा। इस बार अलग-अलग ठेकेदार के पास लीज के पट्टे होने से बजरी सस्ती मिलने की संभावना है। राजसमंद जिले में बनास नदी में पूर्व में दो लीज थी, जिसका क्षेत्रफल 5 हजार हैक्टेयर से अधिक था, जो दो ठेकेदार के पास था। ऐसे में बजरी दरों को लेकर लंबे समय से आंदोलन भी हुए लीज जारी होने से बजरी सस्ती होने के आसार हैं। 26550 हैक्टेयर में 4 लीज ऑक्शन होने के बाद बजरी सस्ती होगी जिससे निर्माण कार्य में राहत मिलेगी।
Gravel Mining in Banas river ; वार्षिक 917052 मैट्रिक टन बजरी का होगा खनन
- Gravel Mining in Banas river ; मोही : बनास नदी के मोही में 37.4000 हैक्टेयर में बजरी खनन की लीज 5 साल के लिए की जाएगी। 90882 मैट्रिक टन वार्षिक बजरी का खनन हो सकेगा। यहां पहले भी लीज थी, जो अब नए सिरे से वापस की जाएगी।
- अमलोई, फतेहनगर व मोही : बनास नदी इलाका अमलोई फतहनगर व मोही तक 60.3000 हैक्टेयर में बजरी खनन की लीज होगी, यहां पहले भी लीज थी, जो अब नए सिरे से वापस की जाएगी। वार्षिक 140424 मैट्रिक टन बजरी का खनन किया जा सकेगा।
- बड़लिया से ओड़ा : बनास नदी क्षेत्र में बड़लिया, भूखाड़ा व ओड़ा तक 94.600 हैक्टेयर की लीज है। वार्षिक 3 लाख 44 हजार 817 मैट्रिक टन बजरी का खनन हो सकेगा। यह लीज पहली बार हो रही हैं।
- चौकड़ी, पीपली अहीरान : बनास नदी क्षेत्र के पीपली अहीरान भूरवाड़ा व चौकड़ी के बीच में 73.2000 हैक्टेयर में लीज होगी। यहां 340929 मैट्रिक टन बजरी खनन किया जा सकेगा।
Banas River Relmagra : छोटे पट्टे होने पर पर्यावरण स्वीकृति में आसानी
Banas River Relmagra : खनन पट्टा तहसीलवाइज नहीं होकर एरियावाइज लीज जारी की हैं। अब 100 हैक्टेयर एवं उससे कम के ब्लॉक बनाकर बजरी की लीज जारी करने से करीब डेढ़ से दो किलोमीटर का एरिया रहेगा। संबंधित लीज धारक इस एरिया में ही बजरी खनन कर सकेगा। इस निर्णय से ज्यादा लोगों को रोजगार मिलेगा और अवैध खनन पर भी अंकुश लगेगा। पर्यावरण स्वीकृति आसानी से होगी।
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Gravel lease in rajsamand : रेलमगरा के ग्रामीणों ने किया लीज का विरोध
Gravel lease in rajsamand : रेलमगरा स्थित बनास नदी से खनिज विभाग ने प्लॉट बनाकर बजरी ई- निलामी लीज का टेंडर जारी करने पर ग्रामीणों ने आंदोलन की चेतावनी देकर लीज ऑक्शन निरस्त करवाने की मांग की हैं। ग्रामीणों ने बताया कि बनास नदी किसानों की जीवन रेखा होने के साथ ही पेयजल एवं जल संचय द्वारा सिंचाई का एकमात्र स्रोत हैं। रेत का खनन होने पर पानी का ठहराव एवं जमीन में नहीं उतरने पर खेती-बड़ी करने में भारी समस्या पैदा होगी। साथ ही बेरोजगारी भी बढ़ेगी। कि रेलमगरा में लंबे समय से लीज प्रक्रिया नहीं हो रहीं हैं।
Rajsamand news today : दो साल बाद वापस प्रारंभ होगा वैध बजरी खनन
Rajsamand news today : जिले में पिछले दो साल से लीज नहीं होने से खनन बंद था। इससे बजरी मिलना मुश्किल होने के साथ ही महंगा हो गया था। राजसमंद, ब्यावर, टोंक, जोधपुर, शाहपुरा, सिरोही, बालोतरा और चित्तौड़ में बजरी के 22 ब्लॉक की नीलामी निकाली हैं।
पर्यावरण स्वीकृति मिलते ही होगा बजरी खनन
बनास नदी क्षेत्र की तीन तहसील राजसमंद, कुंवारिया और रेलमगरा में चार बजरी खनन के लिए लीज ऑक्शन के लिए ई-नीलामी निकाली हैं। 265.50 हैक्टेयर के चार पट्टों की ऑक्शन में नीलामी होगी। लीजधारक को 15 दिन में कागजात पेश करने है। उसके बाद पर्यावरण स्वीकृति मिलते ही बजरी खनन होगा।
अनिल खमेसरा, एसएमई, खनिज विभाग, राजसमंद