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सर्वर हैक कर 5 लाख निकाले, गूगल, यूट्यूब व टेलीग्राम से सीखी हैकिंग, साइबर क्राइम ब्रांच ने ऐसे पकड़ा

01 107 https://jaivardhannews.com/hacked-the-server-and-took-out-5-lakhs-learned-hacking-from-google-youtube-and-telegram/

तीन युवकों ने गूगल, यूट्यूब व टेलीग्राम हैकिंग सीखी। तीनों बदमाशों ने एक कंपनी का सर्वर हैक कर 5.28 लाख रुपए ट्रांसफर कर लिए। जयपुर साइबर क्राइम ब्रांच की टीम ने तीनों आरोपियों को गिरफ्तार किया। तीनों बदमाश साइट्स को हैक कर रुपए पेटीएम व सीधे बैंक खातों में ट्रांसफर कर लेते है।

गेटवे कंपनी के सर्वर को हैक कर 3 युवकों ने 5.28 लाख रुपए ट्रांसफर कर लिए। एक युवक कम्प्यूटर साइंस में B.Sc और दूसरा B.Tech है। दोनों कम्प्यूटर के मास्टर हैं। खास बात यह है कि इन्होंने गूगल, यूट्यूब व टेलीग्राम ग्रुप से हैक करना सीखा था।इन्होंने डायमंड एक्सचेंज, बीएसएफ 777, मैच ऑन को भी हैक करके रुपए निकाले हैं।

एडीशनल पुलिस कमिश्नर अजयपाल लांबा ने बताया कि 22 वर्षीय सांवरमल गुर्जर, राकेश कुमावत और गौरव कुमार को साइबर ठगी के मामले में गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने बताया कि करधनी जयपुर की पेमेंट गेटवे कंपनी की ओर से एक रिपोर्ट मिली थी। संचालक ने बताया कि कंपनी के सर्वर को बार-बार हैक किया जा रहा है। सर्वर डाटा से छेड़छाड़ कर कई बैंकों में रुपए ट्रांसफर कर लिए गए। पेमेंट वॉलेट में छोटे-छोटे लेनदेन कर 5 लाख 28 हजार 530 रुपए निकाल लिए गए। रिपोर्ट मिलने के बाद साइबर क्राइम से इंस्पेक्टर सतपाल यादव को जांच में लगाया गया।

जांच में पता लगा कि गौरव कुमार कम्प्यूटर साइंस में B.Sc है और राकेश B.Tech है। इन दोनों को कम्प्यूटर की अच्छी जानकारी है। इन दोनों ने पहले सांवरमल को अपने साथ लिया। इसके बाद गूगल, यूट्यूब व टेलीग्राम से साइट्स को हैक करना सीखा। वे अलग-अलग साइट्स के लूप होल (बग) की जानकारी लेने लगे। साइट्स की कमजोरी का लाभ लेकर इन्होंने उन्हें हैक कर रुपए निकालना शुरू कर दिया। इन्होंने बैटिंग साइट डायमंड एक्सचेंज, बीएसएफ 777 व मैच ऑन को भी हैक कर रुपए निकाले हैं। पुलिस इनके लेनदेन के रिकॉर्ड चेक कर रही है।

दोनों ने रुपए ट्रांसफर करने के लिए भी अलग से रास्ता निकाला। इन्होंने कुछ अनपढ़ लोगों को तलाशा। उन्हें कुछ लालच देकर उनके नाम से ही फर्जी खाते खुलवाए। इसके बाद उनके पासबुक, एटीएम कार्ड़ लेकर खुद के पास रख लिए। इन्हीं खातों में ये रुपए ट्रांसफर करवा लेते थे। बाद में रुपए एटीएम से निकाल लेते थे। इन्होंने साइबर ठगों के अलग-अलग टेलीग्राम व वॉटसऐप के ग्रुप बना रखे हैं। वे आपस में इन्हीं ग्रुप से एक-दूसरे से संपर्क कर बातचीत करते हैं। पुलिस अब इनके खातों में लेन-देन को चेक कर रही है। साथ ही, सारे वॉटसऐप व टेलीग्राम ग्रुप से जुड़े लोगों का डाटा ले रही है।

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