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Health : निरोगी सुखमय जीवन के त्रिआयामी सिद्धांत, आदर्श भोजन प्रणाली के टिप्स भी

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इंटरनेशनल एसोसिएशन फॉर साइंटिफिक स्प्रिचुअलिज्म (IASS) मेरठ के तत्वावधान में राजसमन्द के तुलसी साधना शिखर पर चल रहे मानस योग साधना पर आधारित तृतीय सात दिवसीय योग एवं स्वास्थ्य साधना शिविर के तीसरे दिन मेरठ के प्रशिक्षक गोपाल शास्त्री ने शिविरार्थियों को तप, सेवा, सुमिरन के त्रिआयामी सूत्र के बारे में बताते हुए जीवन के सिद्धांत को समझाया। तप के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि आदर्श भोजन प्रणाली तप का ही एक स्वरुप है, जिसमें स्वाद और मन पर नियंत्रण रखते हुए क्यों, कब और कितना खाए, का ध्यान रखते हुए शुद्ध और प्राकृतिक भोजन की व्यवस्थित दिनचर्या का अनुसरण किया जाता है। भोजन की प्रकृति और समय के बारे में उन्होंने ओरिजिनल, रीजनल एवं सीजनल का सिद्धांत समझाया।

कार्यक्रम में सेवा के बारे में समझाते हुए कहा कि प्रभु ने जितना दीया है, उसका केवल स्वयं के लिए उपयोग ना करते हुए उसका वितरण करना सेवा का रूप है। सुख को दूसरों में बांटने से अपने रोग और दु:ख कम होते है। तीसरा आयाम सुमिरन आत्मा की शुद्धि के लिए अत्यावश्यक है। दुर्लभ मानव जीवन के लिए ईश्वर के प्रति कृतज्ञता का भाव रखते हुए परमात्मा का ध्यान करना, उन्हें निरंतर सुमिरन करते हुवे अपने नित्य कर्म करना जीवन में निरोगी रहने का अचूक मंत्र है।

Healthy Tips : स्वस्थ रहना है, ओरिजिनल, रीजनल व सीजनल खाएं

Wellhealth ayurvedic health tips, भोजन की प्रकृति और समय के बारे में उन्होंने ओरिजिनल, रीजनल एवं सीजनल का सिद्धांत समझाया। उन्होंने कहा की प्रकृति ने हमारे शरीर की आवश्यकता के हिसाब से अलग अलग ऋतुओं और स्थानीय वातावरण के अनुकूल अलग-अलग अनाज, फल और सब्जियां बनायी है। अतः स्वस्थ रहने के लिए हमे ऋतु एवं स्थानीय प्रकृति की उपलब्धता के अनुकूल तथा शुद्ध एवं रसायनमुक्त आहार ही ग्रहण करना चाहिए।

Healthy Food : शिविर में खान पान का खास टिप्स

मीडिया प्रभारी कमल किशोर व्यास ने बताया कि शिविर में प्रातः शिविरार्थियों को, जल नेति, कुंजल क्रिया, विविध आसन, प्राणायाम आदि सिखाये गए। व्यवस्थाओं में सहयोगी साधक सुधीर व्यास ने बताया की सुबह पेय पदार्थ के रूप में Healthy diet पालक एवं अन्य पत्तियों, तथा पाइनएप्पल का जूस, दोपहर के अल्पाहार में गाजर, टमाटर, चुकंदर, अंकुरित अनाज आदि का सलाद, चीकू, खजूर,धनिया आदि की चटनी, स्टफ्ड भिन्डी आदि का सेवन कराया गया। दोपहर बाद और संध्या पूर्व शिविरार्थियों को करेला, खीरा एवं टमाटर का जूस, आयुर्वेदिक चाय, वेज पोहा आदि एवं संध्याकाल में लौकी की मिठाई, चावल, ज्वार की रोटी, तुअर-कद्दू की दाल, बैंगन का भर्ता आदि का सेवन कराते हुए आदर्श भोजन प्रणाली का प्रायोगिक अनुभव दिया गया। शुद्ध एवं प्राकृतिक भोजन बनाने के लिए विशिष्ट पद्धति से भोजन तैयार करने हेतु हलवाई अमरावती महाराष्ट्र से बुलाये गए है।

Health Camp शिविर में 150 से ज्यादा लोग लाभान्वित

शिविर मीडिया प्रभारी जितेन्द्र लड्ढा ने बताया कि राजस्थान के अनेक जिलों से लगभग 150 से अधिक शिविरार्थी शिविर में स्वास्थ्य लाभ लेने के लिए सहभागी हुए है। शिविर के सांयकालीन सत्र के पश्चात डॉ. शास्त्री सभी शिविरार्थियों को व्यक्तिगत रूप से रोगानुसार चिकित्सकीय परामर्श एवं आवश्यक आयुर्वेदिक औषधियां भी दे रहे है।

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