झारखंड में ईडी की लंबी पूछताछ के बाद बुधवार शाम को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन राजभवन पहुंचे, जहां हेमंत सोरेन ने अपने सीएम पद से इस्तीफा सौंप दिया। राज्यपाल ने एक्स पर Hemant Soren का इस्तीफा स्वीकार करने की सूचना जारी की। उसके बाद ED की टीम हेमंत सोरेन को फिर ईडी कार्यालय ले गई, जहां पूछताछ के बाद मेडिकल जांच कर गिरफ्तार कर लिया गया। इस बीच झारखंड मुक्ति मोर्चा, कांग्रेस व राजद के विधायक दल की बैठक हुई, जिसमें चंपई सोरेन को विधायक दल का नेता चुन लिया गया। फिर चंपई सोरेन ने राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन को सरकार बनाने का दावा पेश किया। साथ ही चंपई सोरेन ने राज्यपाल से कहा कि अभी बाहर 43 विधायक खड़े है, गिनती कर सकते हैं। जबकि बहुमत 42 का है। हालांकि अब भी महागठबंधन झामुमो, कांग्रेस व राजद के 47 विधायक है। इस घटनाक्रम के बाद कांग्रेस सहित विपक्षी राजनीतिक दलों ने ED की कार्रवाई को भाजपा के दबाव में अनैतिक कार्रवाई करार दिया है।
ED के 7 अधिकारियों की टीम दोपहर 1:15 बजे मुख्यमंत्री हाउस पहुंची थी। इससे पहले 20 जनवरी को भी साढ़े सात घंटे तक हेमंत सोरेन से पूछताछ की गई। लंबी पूछताछ के बाद गिरफ्तारी से पहले हेमंत सोरेन को इस्तीफे के लिए राजभवन गए, जहां हेमंत सोरेन ने राज्यपाल को अपने सीएम पद से इस्तीफा दिया। उसके बाद ईडी द्वारा हेमंत सोरेन को गिरफ्तार कर लिया और अब गुरुवार सुबह 10 बजे कोर्ट में पेश कर रिमांड पर लिया जाएगा। उसके बाद अग्रिम पूछताछ करेगी। फिलहाल सीएम हाउस, ईडी दफ्तर से लेकर झारखंड में पुलिस को अलर्ट कर दिया है। कानून एवं शांति व्यवस्था को लेकर विशेष पुलिस जाब्ता तैनात किया गया है।
फिलहाल झामुमो महागठबंधन के पास है बहुमत
हेमंत सोरेन के सीएम पद से इस्तीफा देने के बाद भी झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के पास बहुमत है। झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेतृत्व वाले महागठबंधन में कांग्रेस व राजद का बहुमत है। झारखंड में 81 विधायक है, जिसमें से बहुमत के लिए 43 विधायकों की आवश्यकता है और महागठबंधन झामुमो के पास 48 विधायक है। फिलहाल चंपई सोरेन द्वारा राज्यपाल के समक्ष सरकार बनाने का दावा पेश किया, जिसमें 43 सदस्यों के हस्ताक्षरित पत्र सौंपा। ऐसे में फिलहाल सरकार पर अस्थिरता के हालात नहीं है।
राजभवन से विधायकों को निकाला, तत्काल शपथ भी नहीं
महागठबंधन के विधायक राजभवन पहुंच गए, मगर सभी विधायकों को 5 मिनट बाद ही बाहर कर दिया गया। इस पर सभी विधायकों ने राजभवन के बाहर आक्रोश जताते हुए हंगामा किया। उनकी मांग थी कि चंपई सोरेन को आज रात को ही मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई जाए। हालांकि बाद में राज्यपाल द्वारा विधायक दल के प्रतिनिधियों को बुलाया और वार्ता की। कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगिर अलम ने कहा कि राज्यपाल को 43 विधायकों का समर्थप सौंप दिया है। इस पर राज्यपाल द्वारा कहा गया कि सरकार बनाने के दावे को पढ़ रहे हैं और जल्द ही सरकार बनाने का बुलावा भेजूंगा।
जमीन घोटाले के आरोप में हेमंत सोरेन को किया गिरफ्तार
जमीन घोटाले के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने झारखंड मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को गिरफ्तार किया है। उनकी पत्नी कल्पना सोरेन के नाम पर भाभी व भाई के विरोध के बाद सोरेन परिवार के वफादार चंपई सोरेन को महागठबंधन के विधायकों ने अपना नेता चुना है। हेमंत सोरेन की जगह अब चंपई झारखंड के नए मुख्यमंत्री होंगे। झारखंड टाइगर के नाम से मशहूर चंपई सोरेन को शिबू सोरेन का हनुमान कहा जाता है। सरायकेला से 6 बार विधानसभा का चुनाव जीता है। 1991 से 2019 के बीच ये केवल एक बार साल 2000 में चुनाव हारे हैं। 2005 के बाद से ये लगातार सरायकेला से विधानसभा का चुनाव जीतते आ रहे हैं। हेमंत सोरेन जब पहली बार CM बने थे, तब इन्हें खाद्य आपूर्ति और साइंस एंड टेक्नोलॉजी मंत्री बनाया था। चंपई सोरेन ही हेमंत सोरेन के काफी विश्वास पात्र में से एक थे।
चंपई सोरेने का हमेशा हेमंत करते हैं सम्मान
पार्टी में चंपई सोरेन के कद का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि कई बार सार्वजनिक मंच पर भी हेमंत सोरेन ने उनके पैर छूए हैं। सीएम हाउस में विधायक दल की बैठक में जब पहली बार हेमंत सोरेन की पत्नी भी बैठक में शामिल हुईं तो उन्होंने सबसे पहले चंपई सोरेन का पैर छूकर आशीर्वाद लिया था, इसके बाद विधायकों के साथ बैठीं। इस तरह कई बार हेमंत सोरेन को चंपई सोरेन के पैर छुते हुए देखा जा चुका है।
2009 में भी चंपई सोरेन का नाम मुख्यमंत्री के लिए चला
चंपई सोरेन झारखंड आंदोलन के वक्त से ही शिबू सोरेन से जुड़े हैं। वे हमेशा एक समर्पित कार्यकर्ता माने गए हैं। चंपई को CM बनाना इसी वफादारी का इनाम माना जा रहा है। पहले भी वर्ष 2009 में शिबू सोरेन तमाड़ विधानसभा सीट से चुनाव हार गए, त भी चंपई सोरेन के मुख्यमंत्री बनने की चर्चा चली थी। हालांकि बाद में यह संभव नहीं हो सका। खास बात यह है कि चंपई सोरेन के नाम पर किसी को कोई आपत्ति नहीं है। चाहे हेमंत सोरेन के परिवार की बात हो या राजनीति दृष्टि से महागठबंधन के विधायक की बात हो। सभी इस नाम पर सहमत है।
कांग्रेस के उप मुख्यमंत्री पद की भी चल रही चर्चा
चंपई सोरेन के मुख्यमंत्री बनने के बाद अब कांग्रेस के एक और विधायक मंत्री बनाने की अटकले तेज हो गई है। जानकारों का कहना है कि लंबे समय से झारखंड कांग्रेस द्वारा एक एक कैबिनेट मंत्री बनाने की मांग चल रही थी। अभी 12वां मंत्री का पद रिक्त है। ऐसे में कांग्रेस अपने कोटे के मंत्रियों की संख्या 4 से बढ़ाकर 5 करवा सकती है। इसके साथ ही चर्चा इस बात की है कि सरकार में कांग्रेस को उप मुख्यमंत्री का पद भी मिल सकता है।