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Holi Festival Trends : बदल गए होली मनाने के तरीके और मायने, Ways of Holi have change Story

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Holi Festival Trends : होली का त्यौहार बड़ा ही प्यारा और रंगीन होता है, वैसे तो होली सबको बहुत पसंद होती है, लेकिन आज होली के मायने बदल गए हैं। कुछ सालों पहले होली का त्यौहार एक उत्सव के जैसा होता था और यह उत्सव एक महीने पहले से ही गांवों शहरों में शुरू हो जाता था, वक्त के साथ-साथ इस त्यौहार ने भी अपने आपको समेट लिया है, आज होली का त्यौहार होता तो है, लेकिन इसमें जो रंगों की बहार और पिचकारी की फुहार अब बहुत कम ही देखने को मिलती हैं।

एक जमाना हुआ करता था‌ जब बच्चे, बूढ़े, युवा, महिलाएं इस त्यौहार को अपने एक अलग ही ढंग और अंदाज से मनाते हुए नजर आते थे। पूरे गांव में होली की एक अलग ही तरह की धूम होती थी, एक महीने तक चलने वाला यह त्यौहार लोगों की खुशियों का इज़हार करने का होता था। लोग एक दूसरे को रंग लगाकर अपने प्रेम को प्रदर्शित करते थे, सालभर में अगर किसी से भी कोई झगड़ा या बैर भी होता तो इस पावन पर्व में एक दूसरे के रंग लगाकर और गले मिलकर भुला दिया जाता था। जगह-जगह पर होली के गीत गाए जाते थे, युवाओं की अलग-अलग टोलिया मस्त मलंग होकर रसिया गान करते हुए नजर आते थे।
महिलाएं भी इस त्यौहार को अपने एक अलग ही अंदाज से मनाती हुई हर जगह नजर आ जाती थी, वह भी इस होली के त्यौहार में गीत गाती और गांव के युवाओं को अपने गीतों के द्वारा प्यार से गालियां देती, इसमें कोई भी किसी बात का बुरा नहीं मानता और सभी को सम्मान देकर वह भी मुस्कुराता हुआ ही नजर आता था।

हास्य परिहास का यह त्यौहार समाज और परिवार में अपनापन और प्यार बढ़ता हुआ ही दिखाई देता था, दूरियां मिटा कर सभी लोग आपस में मिलते हैं और एक साथ खुशियां मनाते, लेकिन वक्त के साथ-साथ अब इस त्यौहार में भी अब वह पुरानी बात नजर नहीं आती। यह त्यौहार अपने सीमित दायरे में सिमट कर रह गया है। आज के जमाने में कोई भी व्यक्ति किसी पर भी रंग लगाने से भी कतरने लगा है, वह अपने परिवार में इस त्यौहार को बड़े ही सूक्ष्म तरीके से निभाता है या इसे सिर्फ और सिर्फ एक छुट्टी का दिन मानकर अपने कमरे में बंद होकर या तो टेलीविजन देखता है, या फिर अपने मोबाइल में समय व्यतीत करता है और होली की शुभकामनाएं भी सोशल मीडिया पर देकर इतिश्री कर लेता है। आज के जमाने में वह प्यार, वह मस्करापन बहुत कम देखने को मिलता है। यह त्यौहार नाराजगी और दूरियां मिटाने के लिए मशहूर हुआ करता था, लेकिन आज के जमाने में अगर किसी के रंग भी लगा दिया जाता है, तो नाराजगी का सामना करना पड़ता है, इसलिए यह त्यौहार धीरे-धीरे हर जगह कम होता हुआ दिखाई देता है।

होली एक त्यौहार ही नहीं, बल्कि अपने जीवन को आत्मसात करने का दिन है, जो व्यक्ति को सीखाता है कि अगर जीवन में रंग नहीं है, तो जीवन में कुछ भी नहीं, यह दौलत, इज्जत, शोहरत सिर्फ और सिर्फ सांसारिक मोह माया का एक जरिया है। जीवन में अगर आप खुशी चाहते हैं, तो प्रकृति के सभी रंगों में रंग कर अपने जीवन को उल्लास से भरा जा सकता है और वही जीवन है, इसलिए अगर आप भी रंगों से परहेज रखते हैं, तो इस बार होली को आप एक अलग अंदाज से मनाने के लिए तैयार हो जाइए और रंग को तन से रंगने के साथ-साथ अपने मन को भी रंग से रंग डालिए, फिर देखिए आपका जीवन कितना बदलता हुआ आपको ही दिखाई देगा, जिसमें प्रकृति के सारे रंग आपसे जुड़ते हुए नजर आने लगेंगे। (Ways of Holi have changed Story)
सबको होली के पावन पर्व की शुभकामनाएं

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March-2024

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