खमनोर पंचायत समिति मुख्यालय पर ही सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और कॉलेज भवन निर्माण की जंग आखिर कस्बेवासियों ने जीत ली। जिला कलक्टर अरविंद कुमार पोसवाल ने आश्वस्त किया कि अगर खमनोर में दानदाता जमीन देने को तैयार है, तो हॉस्पीटल उसी जगह बनाया जाएगा। मोबाइल पर जिला कलक्टर का आश्वासन मिलने के बाद अनशन के दौरान तबीयत बिगडऩे पर नाथद्वारा चिकित्सालय में भर्ती हेमंतसिंह मोजावत ने रात करीब आठ बजे अनशन तोड़ दिया।
जानकारी के अनुसार मॉडल चिकित्सालय का निर्माण मोलेला एवं कॉलेज भवन का निर्माण सेमा पंचायत के मलीदा में किया जा रहा है, जहां गत माह विधायक एवं विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी ने शिलान्यास भी कर दिया। उसके बाद जगह बदलने की मांग को लेकर खमनोर कस्बे के लोग विरोध में उतर गए। खमनोर कस्बे के लोगों ने पंचायत समिति खमनोर की विकास अधिकारी से लेकर नाथद्वारा उपखंड अधिकारी और जिला कलक्टर तक को ज्ञापन दिया गया, मगर प्रशासन द्वारा कोई सुनवाई नहीं की गई। इसके बाद खमनोर कस्बे के हेमंतसिंह मोजावत पांच दिन पहले अनशन पर बैठ गए, जिनकी सोमवार रात को प्रशासन ने 108 एम्बुलेंस से गोवर्धन सामान्य चिकित्सालय नाथद्वारा पहुंचा दिया, डॉक्टरों की देखरेख में रखा गया। हालांकि अस्पताल में भी हेमंतसिंह ने अनशन जारी रखा। ऐसे में मंगलवार शाम जिला कलक्टर अरविंद कुमार पोसवाल ने मोबाइल पर कॉल कर हेमंतसिंह को आश्वस्त किया कि हॉस्पीटल व कॉलेज भवन का निर्माण खमनोर में ही होगा। जिला कलक्टर ने बताया कि खमनोर में जमीन नहीं होने की वजह से मलीदा व मोलेला में जगह तलाशी गई है। अगर कोई दानदाता जमीन देने को तैयार है, तो खमनोर में ही अस्पताल व कॉलेज का भवन बनवाया जाएगा। उसके बाद हेमंतसिंह ने एक बच्ची के हाथ से पानी पीकर अनशन तोड़ दिया। फिर हेमंतसिंह खमनोर के लिए रवाना हो गए।
जबरन उदयपुर रेफर का प्रयास
जिला कलक्टर द्वारा मोबाइल पर खमनोर में ही अस्पताल व कॉलेज भवन बनाने का आश्वासन मिला। उसके बाद नाथद्वारा पुलिस 108 एम्बुलेंस के साथ नाथद्वारा अस्पताल पहुंची, जहां से जबरन हेमंतसिंह मोजावत को एम्बुलेंस में बिठाकर उदयपुर ले जाने लगे। इसके बाद मोजावत के साथ खड़े परिजन व अन्य युवा 108 एम्बुलेंस के आगे सो गए। तब तक भाजपा युवा नेता योगेन्द्रसिंह चौहान सहित कई कार्यकर्ता पहुंच गए। फिर नाथद्वारा प्रभारी पूरणसिंह राजपुरोहित भी मय जाब्ते के पहुंच गए। मोजावत ने कहा कि जिला कलक्टर का आश्वासन मिलने के बाद वह अनशन तोडऩे को तैयार है और वह स्वस्थ है, तो उसे जबरन क्यों अस्पताल से ले जाया जा रहा है। इस पर थाना प्रभारी ने बताया कि उदयपुर रेफर किया जा रहा है, जबकि मोजावत ने कहा कि वह स्वस्थ है, तो क्यों रेफर कर रहे हो। तब थाना प्रभारी ने एक बालिका के हाथ से पानी पिलाकर अनशन तुड़वा दिया। फिलहाल मोजावत नाथद्वारा अस्पताल में ही भर्ती है। फिर पुलिस वापस लौट गई।