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प्रदेश के कई जिलों में लंपी नामक बीमारी गायों में तेजी से फैल रही है। वहीं सरकारी आंकड़ों की बात करें तो करीब पांच लाख गायों का प्रदेश में सर्वे किया गया। जिसमें दस हजार से अधिक गायों में यह बीमारी पाए जाने की पुष्टि की गई है। वहीं महावीर गोशाला में हर रोज तीन से चार गायों की मौत हो रही है। वर्तमान में 70 से अधिक गायें इस बीमारी से ग्रसित है। जिनमें से दस गायें ज्यादा सीरियस है, जो तेजी से सांस ले रही है और खड़ा होना तो दूर बैठ भी नहीं पा रही है। हालांकि गंभीर बीमारी को लेकर कलेक्टर पीयूष समारिया ने पशुपालन विभाग द्वारा जिले में पशुओं में फैली बीमारी के संबंध में लगातार सर्वे किया जा रहा हैं। अब तक एक लाख से ज्यादा गायों का सर्वे किया जा चुका है।

चार दिनों में 12 गायों की मौत

महावीर गोशाला की बात करें तो पिछले चार दिनों में 12 गायों की लंपी बीमारी से उपचार के दौरान मौत हो चुकी है। तकरीबन दो दर्जन से अधिक गायें सीरियस कंडीशन में है, वहीं गोशाला संचालक ने बीमार गायों के लिए अलग से बाड़ा बना दिया है। ताकि दूसरी गायें उनके संपर्क में न आ सकें।

नियंत्रण के प्रयास, लेकिन उपचार नहीं

पशुपालन विभाग की ओर से जिले में पशु चिकित्सकों की अलग-अलग टीमों का गठन कर उन्हें गायों के उपचार के लिए निर्देशित किया जा चुका है। वहीं देखा जाए तो बीमारी पर नियंत्रण पाने के प्रयास किए जा रहे हैं। इस बीमारी का कोई इलाज फिलहाल नहीं मिल पा रहा है। लक्षणों के आधार पर ही इलाज किया जा रहा है।

पशुपालकों के बीच बढ़ती चिंता

पशुपालकों का कहना है कि जिले के अधिकांश लोग पशुपालन पर ही निर्भर हैं। ऐसे में गायों में फैली बीमारी से पशुपालक चिंतित हैं। गायों के मरने का सिलसिला थम नहीं रहा है। पशुपालक गाय पालन कर अपनी आजीविका चला रहे हैं। ऐसे में कई पशुपालकों की गायें मर चुकी है।

हनुमानगढ़ जिले में लंपी का पहला मामला करीब 1 महीने पहले सामने आया था। रावतसर में सबसे ज्यादा पशु संक्रमित हुए हैं। पीलीबंगा दूसरे और नोहर तीसरे नंबर पर है। पशुपालन विभाग हनुमानगढ़ के संयुक्त निदेशक ओमप्रकाश क़िलानिया ने बताया कि अब तक 52 हजार 785 पशुओं का सर्वे करवाया है। 2806 लंपी से प्रभावित मिले। 2292 पशुओं का इलाज किया जा रहा है। बीमारी से अब तक 53 पशुओं की मौत भी हुई है। किलानिया का कहना है कि पशुपालकों को जागरूक रहने की आवश्यकता है। समय पर इलाज मिलने से पशु रिकवर भी हो रहे हैं।

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पाली में अब तक 60 ने तोड़ा दम

जिले में कई पशु लंपी की चपेट में आ गए हैं। पशुपालन विभाग पाली के संयुक्त निदेशक डॉ विनोद कालरा ने बताया कि 40 हजार 408 पशुओं का सर्वे करवाया, जिसमें 2470 इंफेक्टेड मिले। 1255 रिकवर हो गए, वहीं 60 की मौत हो गई।

भैसों की अपेक्षा गायें इस बीमारी की चपेट में ज्यादा आ रही हैं। इस रोग से मिलने वाले मवेशियों के डिस्पोजल के लिए उन्हें दफनाने के दौरान नमक और चूना साथ में डालना होता है। इसको लेकर जिला कलेक्टर नमित मेहता ने जिले में सभी एसडीएम को आदेश जारी किए हैं, ताकि डेडबॉडी को सही तरीके से डिस्पोज किया जा सके।