children 1 https://jaivardhannews.com/if-children-were-found-to-work-in-rajsamand-then-now-this-big-action-will-be-taken/

शहर हो या गांव, दुकान, ढाबा, होटल से लेकर किसी भी तरह के कार्य बच्चो से नहीं करवाए जा सकते। बाल मजदूरी की रोकथाम को लेकर श्री आसरा विकास संस्थान और कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रन फाउंडेशन द्वारा संयुक्त रूप से विशेष निगरानी रखी जाएगी। इस मुहिम की शुरुआत पर पोस्टर विमोचन जिला पुलिस अधीक्षक सुधीर चौधरी व बाल कल्याण समिति अध्यक्ष कोमल पालीवाल ने किया।
बाल तस्करी व बाल श्रम की रोकथाम को लेकर दोनों संस्थाओं द्वारा राजसमंद जिला मुख्यालय के साथ नाथद्वारा, रेलमगरा, खमनोर व कुंभलगढ़ ब्लॉक में विशेष अभियान शुरू किया जा रहा है। श्री आसरा विकास संस्थान के निदेशक भोजराज सिंह पदमपुरा ने बताया कि जिले में एक पुलिस थाने को बाल मित्र पुलिस थाना बनाया जाएगा। जिसके सन्दर्भ में संस्थान द्वारा कार्यक्रम परिचय को लेकर आयोजन जिला पुलिस कार्यालय में पोस्टर विमोचन किया गया। जिला पुलिस अधीक्षक सुधीर चौधरी, एएसपी राजेश गुप्ता, बाल कल्याण समिति अध्यक्ष कोमल पालीवाल, सदस्य बहादूर सिंह चारण, रेखा गुर्जर, सीमा ड़ागलीया, हरजेन्द्र सिंह चौधरी आदि उपस्थित थे। कार्यक्रम के दौरान जिला पुलिस अधीक्षक राजसमन्द जिले में बाल संरक्षण की मजबूती और पुलिस द्वारा उसको लेकर भरपूर सहयोग का आश्वासन देते हुए कहा की वे आगामी दिनो में बाल संरक्षण को लेकर एक बैठक आयोजित करेगे जिसमे बाल संरक्षण सें जुड़े जिले के हितधारकों के साथ बेहतर समन्वयन को लेकर चर्चा की जावेगी।
अध्यक्ष कोमल पालीवाल ने बाल तस्करी व बाल मजदूरी की रोकथाम और बेहतर निगरानी के लिए चलने वाली कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रन फांउन्डेशन व श्री आसरा विकास संस्थान की उक्त परियोजना की सरहना करते हुए इसे बच्चों के लिए एक बेहतरीन प्रयास बताया और कहा की बाल कल्याण समिति जिले मे बच्चों की सुरक्षा व सहयोग के लिए सदैव कटिबद्ध हैं। आगामी दिवस में इस कार्यक्रम के तहत गांव ढाणी में सर्वे कर बालको के बाल श्रम से मुक्त करा शिक्षा व कौशल विकास से जोडऩे की दिशा में कार्य किया जाएगा ।
आसरा संस्थान परियोजना समन्वयक सखाराम मेघवाल ने परियोजना के लक्ष्य और कार्य सें जुड़ी जानकारी को सभी के साथ साझा किया। इसको लेकर बाल कल्याण अधिकारियों का विशेष प्रशिक्षण शिविर भी आयोजित होगा। इस दौरान संस्थान के शब्बीर हुसैन, सरोज उपाध्याय आदि मौजूद थे।