लक्ष्मणसिंह राठौड़ @ राजसमंद

धानीन सरपंच सोहनलाल जैन के विरुद्ध राजीव गांधी सेवा केंद्र में आयोजित कोरम में वार्डपंचों और ग्राम विकास अधिकारी द्वारा अविश्वास का प्रस्ताव लिया। हालांकि नियमानुसार दो वर्ष पहले अविश्वास प्रस्ताव लिया ही नहीं जा सकता और अविश्वाास प्रस्ताव भी जिला परिषद सीईओ को वार्डपंचों द्वारा पेश करने का प्रावधान है। कोरम की बैठक में सरपंच को हटाने का निर्णय लेना ही औचित्यपूर्ण नहीं रह गया है।

जानकारी के अनुसार कुंभलगढ़ ब्लॉक के धानीन ग्राम पंचायत में 6 दिसंबर को उप सरपंच मनोहर सिंह की अध्यक्षता में कोरम की बैठक आयोजित की गई। बैठक में विकास कार्यों में सहयोग नहीं करने को लेकर कुछ वार्डपंचों ने असंतोष व्यक्त किया। सरपंच सोहनलाल जैन को हटाने का प्रस्ताव कोरम की बैठक में लिया गया। कोरम में की बैठक में लिखा कि सरपंच ज्यादातर समय अनुपस्थित रहते हैं, जिनके मुंबई में रहने से जनता के कार्य बाधित हो रहे हैं। इसलिए विश्वास प्रस्ताव लिया जाता है। बैठक में उपसरपंच मनोहर सिंह, वार्डपंच ससकी बाई, रतन सिंह, हिम्मत सिंह, मंजू सोनी, मांगू कुंवर, सुडाराम, विकास खटीक, लक्ष्मीबाई के हस्ताक्षर हैं। इसके अलावा ग्राम विकास अधिकारी जीवराजसिंह के भी बैठक रजिस्टर में हस्ताक्षर दर्ज है। हालांकि इस संबंध में अविश्वास प्रस्ताव की प्रतिलिपि जिला परिषद सीईओ को नहीं दी गई है। इधर, सरपंच सोहनलाल जैन पिछले दस दिन से मुंबई में प्रवासरत है।

यह है नियम
सरपंच के दो वर्ष का कार्यकाल होने के बाद अविश्वास प्रस्ताव वार्डपंचों द्वारा लाया जा सकता है। इसके लिए जिला परिषद सीईओ को प्रस्ताव पेश किया जाता है। फिर सीईओ द्वारा जिला कलक्टर के निर्देशानुसार सभी वार्डपंचों से मतदान की तारीख तय की जाती है, जिसमें सरपंच के पक्ष और विपक्ष के लिए वोटिंग कराई जाती है है। फिर वोटिंग के आधार पर ही सरपंच को हटाने या नहीं हटाने का निर्णय होता है।

शिविर में भी हुआ था विवाद
धानीन में गत 18 नवंबर को प्रशासन गांवों के संग शिविर में कुछ वार्डपंचों ने सरपंच के प्रति नाराजगी जताई। शिविर कुंभलगढ़ विधायक सुरेन्द्रसिंह राठौड़ द्वारा पट्टे जारी करने की प्रक्रिया रोकने के लिए उपखंड अधिकारी को निर्देश दिए गए।

स्वास्थ्य लाभ के लिए मुंबई में हूं
मेरा स्वास्थ्य ठीक नहीं होने से मुंबई आया हूं। मुझे सूचना दिए बिना कोरम की बैठक रखी है। साथ ही कोरम में मेरे विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव लेने की जानकारी मिली है, मगर नियमानुसार यह गलत है। वार्डपंचों व ग्राम विकास अधिकारी द्वारा जो भी किया गया है, वह नियमों के विरुद्ध और गलत है। अनुपस्थित रहने के आरोप भी झूठे और निराधार है।
सोहनलाल जैन, सरपंच धानीन

नहीं मिला कोई अविश्वास प्रस्ताव
वैसे दो वर्ष का कार्यकाल पूरा होने के बाद ही सरपंच के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव लाया जा सकता है। धानीन सरपंच के विरुद्ध कोई अविश्वास प्रस्ताव नहीं मिला है।
अनिल सनाढ्य, कार्यवाहक सीईओ जिला परिषद राजसमंद

कोरम का औचित्य ही नहीं
पंचायत की कोरम में सरपंच के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव लेने का कोई औचित्य ही नहीं है। आपसी मनमुटाव की वजह से कुछ ऐसा निर्णय लिया होगा। इसके लिए नियमानुसार जिला परिषद सीईओ को वार्डपंचों द्वारा अविश्वास प्रस्ताव पेश किया जाता है।
भगवानसिंह कुम्पावत, विकास अधिकारी पंचायत समिति कुंभलगढ़