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आज के आधुनिक युग में भी ग्रामीण क्षेत्र में लोग अंधविश्वास में डुबे हुए है। एक मासूम की आंख में इंफेक्शन हुआ तो परिजन भोपे के पास ले गए। वहां भोपे ने चार महीने तक झाड़ फूंक से ईलाज किया। संक्रमण ज्यादा फैलने से बच्ची की तीन इंच बाहर निकल गई आंख। इसके बाद डॉक्टर ने ऑपरेशन कर उसे बाहर निकाला। झाड़ फूंक से इलाज करने वाले भोपे को रेलमगरा पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।

राजसमंद जिले के खमनोर क्षेत्र के 7 साल के बच्चे की आंख में तकलीफ होने पर परिजन भोपे के पास ले गए थे। भोपे ने 4 माह तक बच्चे को अपने पास रख झाड फूंक से इलाज किया था। बच्चे की आंख में संक्रमण फैल जाने पर बच्चे को अस्पताल में भर्ती करवाया था। जहां बच्चे का ऑपरेशन कर आंख निकालनी पड़ी थी। रेलमगरा थाना अधिकारी भरतनाथ योगी ने बताया कि उपतहसील गिलुंड के खुमाखेड़ा निवासी कुलाराम जाट 70 पुत्र देवजी जाट को झाड फूंक से बच्चे का इलाज करने के आरोप में गिरफ्तार किया है। खमनोर निवासी दिनेश 7 पुत्र प्रकाश गाडोलिया लोहार की आंख में तकलीफ होने पर परिजन भोपे के पास लेकर गए थे। भोपे ने परिजनों को गुमराह कर 4 माह तक झाड फूंक से इलाज किया था।थाना अधिकारी ने बताया कि बच्चे का इलाज करने वाले भोपा को पाबंद किया गया है। आमजन को गुमराह कर झाड फूंक से इलाज करने पर कानूनी कार्रवाई करने की चेतावनी दी गई है। भोपा ने झाड फूंक से किसी का भी इलाज नहीं करने का पुलिस को आश्वासन दिया है।

रेलमगरा पुलिस ने आमजन से अपील की है कि बीमारी होने पर झाड फूंक और भोपों के चक्कर में नहीं आए। मरीज को अस्पताल ले कर जाएं। जिससे मरीज को बेहतर इलाज मिल सके और वो जल्द ठीक हो जाए। 18 दिन बाद मासूम बच्चे सुरेश को अस्पताल से छुट्‌टी मिली, वह सोमवार शाम घर पहुंचा। बाल कल्याण समिति अध्यक्ष कोमल पालीवाल ने बच्चे और उसके परिजनों से मुलाकात की।

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परिजनों को समझाते अधिकारी

यह है मामला

खमनोर निवासी प्रकाश गाडोलिया लोहार के बेटे दिनेश (7) को दो साल पहले आंख में फुंसी हुई थी। परिवार वाले मेडिकल स्टोर से दवा लाकर देते रहे। घाव बढ़ा तो परिजन भोपे के पास ले गए। भोपा 4 महीने तक बच्चे का झाड फूंक से इलाज करता रहा। बच्चे की आंख तीन इंच बाहर निकल आई, उसने खाना पीना छोड़ दिया। ग्रामीणों ने बच्चे के घर जाकर परिजनों को समझाया। पुलिस और बाल कल्याण समिति को मामले से अवगत करवाया। बच्चे को इलाज के लिए 10 मार्च को उदयपुर अस्पताल में भर्ती करवाया गया। 14 मार्च को उदयपुर स्थित एमबी अस्पताल में सर्जरी की गई। बच्चे की रोग ग्रस्त आंख को निकला गया। बालक ने कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से लड़ने में हिम्मत दिखाई।