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income tax bill introduced : नया इनकम टैक्स बिल जल्द होगा पेश, 1 अप्रैल 2026 से लागू होगा, 10 खास बातें

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income tax bill introduced : केन्द्र की मोदी सरकार जल्द ही संसद में नया इनकम टैक्स बिल 2025 पेश करने जा रही है, जो मौजूदा आयकर अधिनियम, 1961 की जगह लेगा। New Income Tax Bill 2025 का एक ड्राफ्ट (Draft Copy) सामने आया है, जो करीब 622 पेज का है। यह नया विधेयक करदाताओं के लिए कई बदलाव लाने वाला है, जिससे कराधान प्रणाली को सरल, अधिक पारदर्शी और समझने में आसान बनाया जा सके। सरकार का उद्देश्य मौजूदा जटिल कर ढांचे को सहज बनाना है, जिससे आम करदाता को इसे समझने में आसानी हो। उम्मीद है कि पुराने Income Tax Act की तुलना में यह आसान भाषा में होगा और इसमें कई शब्दों को बदला या हटाया जाएगा।

Draft में भी यह बदलाव स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा है। अब वित्तीय वर्ष के पूरे 12 महीने को Tax Year कहा जाएगा, जबकि Assessment Year शब्द का उपयोग नहीं होगा। इसके अलावा, Draft में Standard Deduction से लेकर Capital Gain Tax तक की पूरी जानकारी स्पष्ट की गई है। यह New Tax Bill 1 अप्रैल 2026 से लागू होगा। नया इनकम टैक्स बिल 2025 करदाताओं के लिए एक महत्वपूर्ण बदलाव साबित होगा। यह न केवल कराधान प्रक्रिया को अधिक सरल बनाएगा, बल्कि पारदर्शिता को भी बढ़ावा देगा। करदाताओं को इस विधेयक के लागू होने से पहले सभी महत्वपूर्ण प्रावधानों को समझना चाहिए, ताकि वे आगामी वित्तीय वर्ष में नई व्यवस्था के अनुरूप अपनी कर योजनाएं बना सकें। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जुलाई 2024 में इस पहल की घोषणा की थी, जिसके तहत पुराने और अप्रासंगिक प्रावधानों को हटाकर कानून को 800 से घटाकर 622 पृष्ठों में समेटा जाएगा। इससे कर विवादों में कमी आने की उम्मीद है, जो मार्च 2024 तक 13.4 ट्रिलियन रुपये तक पहुंच चुके थे।

income tax act bill : नया इनकम टैक्स बिल 2025 (New Income Tax Bill 2025) मौजूदा 63 साल पुराने आयकर अधिनियम, 1961 को पूरी तरह समाप्त कर देगा। इस विधेयक में कुल 622 पृष्ठ होंगे, जिसमें 536 धाराएँ, 23 अध्याय और 16 अनुसूचियां शामिल होंगी। सरकार ने इसे अधिक व्यवस्थित बनाने के लिए इसमें कई नए प्रावधान किए हैं, जिससे आम जनता को कर संबंधी कानूनों को समझने और अनुपालन करने में आसानी होगी। पुरान इनकम टैक्स अधिनियम के पेज की संख्या को घटाया है। 63 साल पहले बने Income Tax Act 1961 की तुलना में यह काफी कम हो गई है। बता दें कि Tax Act 1961 में कुल 880 पन्ने थे, जबकि अब यह घटकर 622 रह गए हैं। हालांकि, Chapters की संख्या जस की तस 23 ही रखी गई है।

622 पन्नों और 536 सेक्शन वाले इस Draft के अनुसार, अब Assessment Year शब्द का इस्तेमाल पूरी तरह से समाप्त कर दिया गया है और इसे अब Tax Year के रूप में परिभाषित किया गया है। अब वित्तीय वर्ष के पूरे 12 महीने को Tax Year कहा जाएगा। Draft में शेयर बाजार के लिए Short Term Capital Gain की अवधि में कोई बदलाव नहीं किया गया है। Section 101 (b) के तहत, 12 महीने तक की अवधि को Short Term Capital Gains माना जाएगा। इसके अलावा, इसकी दरें भी समान रखी गई हैं। Short Term Capital Gain Tax पहले की तरह 20% पर बरकरार रहेगा।

नए बिल की 10 प्रमुख बातें:

  1. सरल और स्पष्ट भाषा का उपयोग – नया आयकर विधेयक 2025 अधिक स्पष्ट और सरल भाषा में लिखा गया है। इसमें अनावश्यक कानूनी शब्दों को हटाकर छोटे और सटीक वाक्यों का प्रयोग किया गया है, जिससे करदाताओं को इसे समझने में आसानी होगी।
  2. कोई नया कर नहीं – इस विधेयक में कोई नया कर नहीं जोड़ा गया है। इसमें सिर्फ मौजूदा आयकर अधिनियम, 1961 के कर-देयता प्रावधानों को एक संगठित रूप में पेश किया गया है, ताकि कर प्रणाली अधिक व्यवस्थित दिखे।
  3. कम पृष्ठों में अधिक प्रावधान – नया इनकम टैक्स बिल 622 पृष्ठों में 536 धाराओं को समाहित करता है, जबकि 1961 के अधिनियम में केवल 298 धाराएं थीं। साथ ही, इसमें 23 अध्याय और 16 अनुसूचियां शामिल की गई हैं, जिससे कर संरचना अधिक संगठित होगी।
  4. 1 अप्रैल 2026 से होगा लागू – यह नया कानून 1 अप्रैल 2026 से प्रभावी होगा। हालांकि, इसे अधिसूचित किए जाने के बाद ही नियम लागू किए जाएंगे। इससे करदाताओं को नए बदलावों को अपनाने के लिए पर्याप्त समय मिलेगा।
  5. पुरानी और नई कर व्यवस्था दोनों रहेंगी उपलब्ध – इस विधेयक में करदाताओं के लिए पुरानी और नई कर व्यवस्थाओं का विकल्प बरकरार रखा गया है, जिससे वे अपनी सुविधानुसार किसी एक विकल्प को चुन सकते हैं।
  6. ‘आकलन वर्ष’ और ‘पूर्व वर्ष’ की जगह ‘कर वर्ष’ का उपयोग – कर प्रणाली को सरल बनाने के लिए इसमें ‘पूर्व वर्ष’ और ‘आकलन वर्ष’ जैसे जटिल शब्दों को हटा दिया गया है और इसकी जगह ‘कर वर्ष’ शब्द का उपयोग किया गया है।
  7. स्पष्टीकरण के लिए तालिकाओं और सूत्रों का प्रयोग – इस विधेयक में ‘स्पष्टीकरण’ या ‘शर्तों’ को हटाकर गणना और समझ को आसान बनाने के लिए तालिकाओं और सूत्रों का उपयोग किया गया है।
  8. करदाता चार्टर शामिल – नए विधेयक में करदाता चार्टर को शामिल किया गया है, जो करदाताओं के अधिकारों और दायित्वों को स्पष्ट रूप से परिभाषित करेगा। यह करदाताओं और सरकार के बीच विश्वास को मजबूत करने में मदद करेगा।
  9. बाजार से जुड़े डिबेंचरों पर पूंजीगत लाभ हेतु विशेष प्रावधान – इसमें बाजार से जुड़े डिबेंचरों (Market Linked Debentures) के पूंजीगत लाभ की गणना के लिए विशेष प्रावधान किया गया है, जिससे निवेशकों के लिए कर नियोजन आसान होगा।
  10. वेतन से जुड़ी कटौतियों को एक ही स्थान पर सूचीबद्ध किया गया – वेतन से संबंधित विभिन्न कटौतियों जैसे कि मानक कटौती, ग्रेच्युटी, अवकाश नकद भुगतान आदि को एक ही स्थान पर सूचीबद्ध किया गया है, जिससे करदाताओं को जानकारी प्राप्त करने में आसानी होगी।

नया इनकम टैक्स बिल 2025 लाने के पीछे सरकार की मंशा आयकर कानून को सरल, पारदर्शी और प्रभावी बनाना है। मौजूदा आयकर अधिनियम, 1961 कई संशोधनों के बाद काफी जटिल हो गया था, जिससे करदाताओं को समझने और अनुपालन करने में कठिनाई होती थी। इस नए विधेयक से कर प्रक्रिया को अधिक सुगम और स्पष्ट किया जाएगा, जिससे करदाता बिना किसी जटिलता के अपने दायित्वों को पूरा कर सकें।

नए विधेयक की आवश्यकता और महत्व:

नया आयकर विधेयक 2025 भारत के छह दशक पुराने आयकर कानून को आधुनिक बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इसका उद्देश्य कर प्रणाली को सरल, पारदर्शी और विवाद-मुक्त बनाना है, जिससे करदाताओं के लिए अनुपालन आसान हो और सरकार के लिए राजस्व संग्रहण में वृद्धि हो। इसके अलावा, यह विधेयक अर्थव्यवस्था की तात्कालिक आवश्यकताओं को पूरा करने में भी सहायक होगा।

Author

  • लक्ष्मणसिंह राठौड़ अनुभवी पत्रकार हैं, जिन्हें मीडिया जगत में 2 दशक से ज़्यादा का अनुभव है। 2005 में Dainik Bhaskar से अपना कॅरियर शुरू किया। फिर Rajasthan Patrika, Patrika TV, Zee News में कौशल निखारा। वर्तमान में ETV Bharat के District Reporter है। साथ ही Jaivardhan News वेब पोर्टल में Chief Editor और Jaivardhan Multimedia CMD है। jaivardhanpatrika@gmail.com

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