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Inflation decreased : जनवरी में थोक महंगाई घटी : रोजमर्रा की आवश्यक वस्तुओं के दाम हुए कम

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Inflation decreased : जनवरी महीने में थोक महंगाई में गिरावट दर्ज की गई है। यह घटकर 2.31% पर आ गई, जो कि दिसंबर में 2.37% थी। आवश्यक वस्तुओं और खाद्य पदार्थों की कीमतों में कमी आने से महंगाई में यह गिरावट आई है। वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने आज, 14 फरवरी को यह आंकड़े जारी किए हैं।

रोजमर्रा की वस्तुओं और खाद्य पदार्थों की कीमतें घटीं

सब्जियां सस्ती, दालें और दूध महंगे हुए

होलसेल प्राइस इंडेक्स (WPI) का आम जनता पर प्रभाव

अगर थोक महंगाई लंबे समय तक ऊंचे स्तर पर बनी रहती है, तो इसका नकारात्मक प्रभाव उत्पादक (Producer) और उपभोक्ताओं (Consumers) पर पड़ता है। अधिक समय तक ऊंची WPI रहने पर उत्पादक इसकी लागत का भार ग्राहकों पर डाल देते हैं, जिससे आम जनता को महंगाई की मार झेलनी पड़ती है।

सरकार केवल टैक्स रेट (Tax Rate) में बदलाव करके WPI को नियंत्रित कर सकती है। उदाहरण के तौर पर, कच्चे तेल की कीमतों में तेज बढ़ोतरी के दौरान सरकार ने ईंधन पर एक्साइज ड्यूटी में कटौती की थी। हालांकि, टैक्स में कटौती की भी एक सीमा होती है, जिससे सरकार पूरी तरह WPI को नियंत्रित नहीं कर सकती।

Causes of inflation : थोक महंगाई के तीन मुख्य घटक

  1. प्राइमरी आर्टिकल्स (Primary Articles) – इसका वेटेज 22.62% है।
  2. फ्यूल एंड पावर (Fuel & Power) – इसका वेटेज 13.15% है।
  3. मैन्युफैक्चर्ड प्रोडक्ट्स (Manufactured Products) – इसका वेटेज सबसे ज्यादा 64.23% है।

Inflation news : प्राइमरी आर्टिकल्स के चार प्रमुख वर्ग

Inflation calculator : महंगाई की गणना कैसे होती है?

Inflation calculator : भारत में महंगाई की दो प्रमुख श्रेणियां हैं:

  1. खुदरा महंगाई (Retail Inflation) – इसे कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI) कहा जाता है। यह आम उपभोक्ताओं द्वारा भुगतान की जाने वाली कीमतों के आधार पर मापी जाती है।
  2. थोक महंगाई (Wholesale Inflation) – इसे होलसेल प्राइस इंडेक्स (WPI) कहा जाता है, जो थोक बाजार में व्यापारियों के बीच होने वाले लेनदेन पर आधारित होती है।

Inflation rate : महंगाई मापने में किन वस्तुओं की होती है भागीदारी?

जनवरी में थोक महंगाई में आई यह गिरावट उपभोक्ताओं के लिए राहतभरी खबर हो सकती है, खासतौर पर सब्जियों और रोजमर्रा की जरूरतों की वस्तुओं के दामों में आई कमी से। हालांकि, अनाज, दूध और दालों की कीमतों में हल्की बढ़ोतरी चिंता का विषय बनी हुई है। सरकार को WPI को नियंत्रित करने के लिए आगे भी उचित नीतिगत कदम उठाने की जरूरत होगी, ताकि महंगाई का असर आम जनता पर कम से कम हो।

महंगाई से जुड़े महत्वपूर्ण प्रश्नों के उत्तर

1. What does it mean when inflation decreases?
जब महंगाई घटती है, तो इसका मतलब है कि वस्तुओं और सेवाओं की कीमतों में वृद्धि की गति धीमी हो रही है। इसका असर यह होता है कि लोगों की क्रय शक्ति बढ़ती है और वस्तुएं सस्ती लगने लगती हैं।

2. Is the inflation decreasing?
हाँ, हाल के आंकड़ों के अनुसार भारत में थोक महंगाई दर (WPI) में गिरावट आई है। जनवरी में यह घटकर 2.31% पर आ गई है, जो दिसंबर में 2.37% थी।

3. Will inflation decrease in India?
महंगाई दर में गिरावट कई कारकों पर निर्भर करती है, जैसे कि सरकारी नीतियां, अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें, आपूर्ति श्रृंखला की स्थिति और मौद्रिक नीतियां। यदि सरकार उचित कदम उठाए और वस्तुओं की आपूर्ति सुचारू रहे, तो महंगाई दर में और कमी आ सकती है।

4. महंगाई कम हो रही है?
हाँ, सरकारी आंकड़ों के अनुसार थोक महंगाई में कमी आई है, जिससे रोजमर्रा की आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में गिरावट देखी जा रही है।

5. Which causes inflation?
महंगाई कई कारणों से होती है, जिनमें शामिल हैं:

6. What are the 4 types of inflation?
महंगाई के चार प्रमुख प्रकार होते हैं:

  1. मांग-आधारित महंगाई (Demand-Pull Inflation) – जब वस्तुओं की मांग अधिक होती है लेकिन आपूर्ति कम होती है।
  2. लागत-आधारित महंगाई (Cost-Push Inflation) – जब उत्पादन लागत बढ़ने के कारण वस्तुओं की कीमतें बढ़ जाती हैं।
  3. बिल्ट-इन महंगाई (Built-in Inflation) – जब मजदूरी और उत्पादन लागत बढ़ने से कीमतें स्थायी रूप से बढ़ने लगती हैं।
  4. हाइपरइन्फ्लेशन (Hyperinflation) – जब बहुत तेजी से और अनियंत्रित रूप से कीमतें बढ़ती हैं।

7. Is inflation good or bad?
महंगाई न तो पूरी तरह अच्छी होती है और न ही पूरी तरह बुरी।

8. मुद्रास्फीति का कारण क्या है?
मुद्रास्फीति के कई कारण हो सकते हैं:

9. सरकार महंगाई कैसे कम करती है?
सरकार महंगाई कम करने के लिए कई कदम उठाती है, जैसे:

10. महंगाई बढ़ने से क्या होता है?

11. इन्फ्लेशन का मतलब क्या होता है?
इन्फ्लेशन का मतलब है वस्तुओं और सेवाओं की कीमतों में निरंतर वृद्धि, जिससे मुद्रा की क्रय शक्ति घट जाती है। इसे हिंदी में मुद्रास्फीति कहा जाता है।

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  • परमेश्वरसिंह चुडावत युवा व उत्साही पत्रकार है। 2 साल में न सिर्फ पत्रकारिता को समझा, बल्कि आहत, पीड़ित की आवाज भी बने। पढ़ने- लिखने के शौकीन परमेश्वर वेब पोर्टल पर SEO Based खबरें बनाने की तकनीकी समझ भी रखते हैं। घटना, दुर्घटना, राजनीतिक हो या कोई नवाचार, हर मुद्दे पर बेहतर डिजिटल कंटेंट यानि रोचक खबर बनाने में माहिर है। jaivardhanpatrika@gmail.com

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