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International Girls Day : राजसमंद में छात्राओं के मॉडल देख हर कोई हैरान, इस दिन के पीछे की कहानी

20231011 132208 https://jaivardhannews.com/international-girls-day-program-in-rajsamand/

राजसमंद में अन्तर्राष्ट्रीय बालिका दिवस पर किशोरी मेला

राजसमंद. राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद समग्र शिक्षा की ओर से राजसमंद शहर के कुमावत समाज भवन में किशोरी मेले का आयोजन हुआ, जिसमें सभी ब्लॉक से चयनित 48 छात्राओं ने एक से बढ़कर एक मॉडल की प्रदर्शनी लगाकर अपने हुनर को दिखाया। साथ ही स्कूलों में शैक्षिक व सहशैक्षिक गतिविधियों उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली 52 प्रतिभाओं को भी सम्मानित किया गया।

समग्र शिक्षा राजसमंद के कार्यक्रम अधिकारी राकेश पुरी गोस्वामी ने बताया कि कार्यक्रम में मुख्य अतिथि जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक नुतनप्रकाश जोशी थे, जबकि अध्यक्षता समग्र शिक्षा अतिरिक्त जिला परियोजना समन्वयक घनश्यालाल गौड़ ने की। सरस्वती वंदना से शुरू हुए कार्यक्रम में गायत्री रंगास्वामी ने लगन तुमसे लगा बैठे… भजन की प्रस्तुति दी। इसी तरह खुशी नट ने कालबेलिया नृत्य पेश किया, तो दिव्या माली ने बालिका उत्थान पर उद्बोधन दिया। नीलम एंड ग्रुप ने सामूहिक नृत्य, आशा खटीक ने बालिका जागरुकता पर काव्य पाठ किया। लविना सिंह एवं ग्रुप ने नृत्य किया। इसी तरह खुशी माली ने भी मनमोहक भजन की प्रस्तुति दी। अंत में प्रतिभावान 52 छात्राओं को सम्मानित किया, जबकि मॉडल प्रदर्शनी में शामिल होने वाली 48 छात्र व छात्राओं को भी पुरस्कृत किया गया। संचालन प्रियंका बारेठ ने किया। इस दौरान पीओ विनोद कुमार हेड़ा, शैलेष कणिक, प्रवीण कुमार, राजेश खंडेलवाल, प्रधानाचार्य मनोज कुमारी, प्रधानाचार्य प्रीति आल्हा, शिक्षिका मुद्रा जोशी आदि मौजूद थे।

जिला शिक्षा अधिकारी बोले- विद्यार्थी का सबसे बड़ा दुश्मन मोबाइल

किशोरी मेले के बाद प्रतिभा सम्मान समारोह में जिला शिक्षा अधिकारी नूतनप्रकाश जोशी ने छात्राओं के कार्यक्रम की प्रशंसा करते हुए कहा कि आजकल मोबाइल एक विद्यार्थी का सबसे बड़ा दुश्मन हो गया है। इसलिए बच्चों को खासकर छात्र व युवाओं को मोबाइल से दूरी ही बनाए रखनी चाहिए। खास तौर से मोबाइल अगर रखना जरूरी भी हो, तो सिर्फ बात के लिए या जनरल नॉलेज के लिए रखें। इसके अलावा सोशल मीडिया अकाउंट तो किसी भी छात्र का नहीं होना चाहिए और घर पर भी परिजनों के मोबाइल पर सोशल मीडिया के वीडियो को नहीं देखने चाहिए, जो न सिर्फ आपकी स्कूली पढ़ाई को बाधित करता है, बल्कि भविष्य में आपके कॅरियर में भी सबसे बड़ृा रोड़ा है।

अन्तर्राष्ट्रीय बालिका दिवस क्यों मनाया जाता है, देखिए

International Girl Child Day : प्रतिवर्ष 11 अक्टूबर को इंटरनेशनल गर्ल चाइल्ड डे मनाया जाता है। इसके पीछे मुख्य कारण यह है कि लड़कियों के अधिकार बताना और सशक्तिकरण को बढ़ावा देते हुए लिंगभेद को खत्म करने के लिए जागरूक करना है। इस साल यानि वर्ष 2023 की थीम “इंवेस्ट इन गर्ल्स राइट्स: आवर लीडरशिप, आवर वेल बींग” है। यह दिवस पहली बार वर्ष 2012 में मनाया गया था और तब से हर साल 11 अक्टूबर को मनाया जाने लगा। सबसे पहले इसकी पहल अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर गैर सरकारी संगठन एनजीओ द्वारा प्लान इंटरनेशनल प्रोजेक्ट के तहत की गई थी। इस संगठन द्वारा “क्योंकि मैं एक लड़की हूं…” नामक कैंपेन चलाया था। उसके बाद कनाडा सरकार से बातचीत हुई और कनाडा सरकार के इस प्रस्ताव को 55वीं आम सभा में रखा गया, जिसमें संयुक्त राष्ट्र द्वारा इस प्रस्ताव को 11 दिसंबर 2011 को पारित किया गया। इस तरह हर साल 11 अक्टूबर को अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस मनाने का निर्णय हुआ और पहली बार यह दिवस 2012 में मनाया गया। इस दिवस के पीछे यह भी ध्येय है कि बालिकाओं को उनके अधिकारों के बारे में जागरूक करें और स्वास्थ्य (Health), शिक्षा (Education) और पोषण के महत्व को समझाया जाए। International Girl

राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाते हैं 24 जनवरी को

हमारे भारत देश में राष्ट्रीय बालिका दिवस हर साल 24 जनवरी को मनाया जाता है। 2008 में महिला एवं बाल विकास मंत्रालय भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय बालिका दिवस की घोषणा की गई। मुख्य उद्देश्य लड़कियों और महिलाओं को जीवनभर जिन परेशानियों का सामना करना पड़ता है, उन कठिनाइयों को दूर करना और उनकी मदद करना है। साथ ही बालिकाओं के प्रति कुप्रथाओं को खत्म करना और बालिका सशक्तिकरण की ओर बेहतर प्रयास करना है।

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