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International yoga day : सुखी जीवन का रहस्य : योग का मार्गदर्शन

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International yoga day : संसार में सब प्रकार का वैभव, सुख-सुविधा, ऐश्वर्य सब कुछ है लेकिन यदि अपना मन सुखी नहीं है तो आप सुखी नहीं हो सकते! पर क्या आपने सोचा है कि मन का सबसे बड़ा दुख क्या है, यही कि हम अपने भीतर एक अपूर्णता, अधूरापन अनुभव करते हैं और उस अधूरेपन को भरने के लिए बाहर के व्यक्ति, वस्तु, संबंध, सत्ता, संपत्ति, ऐश्वर्य को खोजते हैं जिसके प्रति एक अविवेकपूर्ण तृष्णा जागृत हो जाती है और इसमें व्यक्ति पागल हो करके न जाने कितने अनर्थ करता है। इसलिए योग में कहते है मैं स्वयं में पुर्ण हूं, सृष्टि भी अपनी पूर्णता, दिव्यता में प्रतिष्ठित है, यही है योग का सिद्धांत।

Yoga Divas 2024 : योग को अलग-अलग नामों से पुकारा जाता है। इसे प्राणायान, योगा, योग भी कहते हैं। योग एक संस्कृत शब्द है जो युज से आया है, जिसका अर्थ है इकट्ठा होना, बांधना। सामान्य भाव में योग का अर्थ है जुड़ना। यानी दो तत्वों का मिलन योग कहलाता है। योग की पूर्णता इसी में है कि जीव भाव में पड़ा मनुष्य परमात्मा से जुड़कर अपने निजी आत्म स्वरूप में स्थापित हो जाए। योग में आसन, प्राणायाम और ध्यान के माध्यम से हम मन, श्वास और शरीर के विभिन्न अंगों में सामंजस्य बनाना सीखते है। जिससे तनाव और चिंता का प्रबंधन करने में सहायता मिलती है। इससे शरीर मे लचीलापन, रोगप्रतिरोधक क्षमता, मन और आत्मा में नियंत्रण व आत्मविश्वास विकसित होता है।

International yoga day 2024 : योग का जनक पतंजलि

International yoga day : योग का सबसे पहले उल्लेख ऋग्वेद में किया गया है, जो पांचवीं या छठी शताब्दी ईसा पूर्व के आसपास शुरू हुआ था । भारतीय प्राचीन ग्रंथों – भागवत गीता, उपनिषद, योग वशिष्ठ, हठ योग प्रदीपिका, गेरांडा संहिता, शिव संहिता, पुराण आदि में भी इसका जिक्र किया है। योग का जनक ‘पतंजलि’ को माना जाता है, क्योंकि उन्होने योग सूत्रों के माध्यम से इसे और अधिक सुलभ बनाया। इसके अलावा उन्होंने योग के जरिए लोगोंं को ठीक प्रकार से जीवन जीने की प्रेरणा दी थी। आजकल के व्यवहारिक क्रियाकलापों में योग सिर्फ आसनों तक ही सीमित रह गया है। लेकिन वास्तव में यह योग सिर्फ़ आसनो तक सीमित नहीं है बल्कि इससे कई अधिक है। इससे केवल शारिरिक नहीं अपितु मानसिक और आध्यात्मिक शांति भी प्राप्त होती है। करीब 5,000 साल पहले तक योग का विकास सभी चरणों पर किया गया – जिसमे शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक और आध्यात्मिक रूप शामिल थे।

World yoga day : योग के चार प्रकार माने गए है-

World yoga day : राज योग : राज का अर्थ शाही होता है और योग की इस शाखा का सबसे अधिक महत्त्वपूर्ण अंग है ‘ध्यान’। इस योग के आठ अंग है, जिससे पतंजलि ने इसका नाम अष्टांग योग रखा। यह 8 योग इस प्रकार है, यम (शपथ लेना), नियम (आत्मानुशासन), आसन, प्राणायाम, प्रत्याहार, धारण (एकाग्रता), ध्यान (मेडिटेशन), समाधि (अंतिम मुक्ति)।

कर्म योग : अगली शाखा कर्म योग या सेवा का मार्ग है और हम में से कोई भी इस मार्ग से नहीं बच सकता है। इस बारे में जागरूक होने से हम भविष्य को अच्छा वर्तमान बनाने का एक रास्ता बना सकते है, जो हमें नकारात्मकता और स्वार्थ से बाध्य होने से मुक्त करना है।

भक्ति योग : भक्ति योग भक्ति के मार्ग का वर्णन करता है। सभी के लिए सृष्टि में परमात्मा को देखकर, भक्ति योग भावनाओं को नियंत्रित करने का एक सकारात्मक तरीक़ा है।

ज्ञान योग : अगर हम भक्ति को मन का योग मानते है, तो ज्ञान योग बुद्धि का योग है, ऋषि या विद्वान का मार्ग है। इस पथ पर चलने के लिए योग के ग्रंथो के अध्ययन के माध्यम से बुद्धि के विकास की आवश्यकता होती है।

Yoga divas kab hai : योग को भूलते जा रहें हैं लोग

Yoga divas kab hai : आधुनिक युग में लोग अपनी भाग-दौड़ भरी जिंदगी में योग के महत्व को भूलते जा रहे। कुछ एक लोग जो स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता रखते है वे भी जिम जाना पसंद करते है। लेकिन योग करने के अपने ही कई फायदे हैं। जहां सिर्फ जिम करने से हमारा शरीर स्वस्थ रहता है, वहीं योग हमारे शरीर के साथ-साथ दिमाग को भी स्वस्थ बनाता है। योग करने से इससे भी अधिक फायदे होते है जैसे- तनाव से मुक्त जीवन, मानसिक शक्ति का विकास, प्रकृति के विपरीत जीवन शैली में सुधार आना, निरोग काया, रचनात्मकता का विकास, मानसिक शांति प्राप्त होना, सहनशीलता में वृद्धि, नशा मुक्त जीवन, वृहद सोच, उत्तम शारीरिक क्षमता का विकास आदि।

Antrashtriy yoga divas : 21 जून योग दिवस की तिथि हुई घोषित

Antrashtriy yoga divas : योग के इन्ही लाभों को ही जन-जन तक पहुँचाने के लिए व लोगों को जागरुक करने के लिए बाबा रामदेव के किए गए प्रयासों द्वारा भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2015 में 21 जून की तिथि को योग दिवस के रूप में मनाया जाना घोषित कर दिया। 21 जून का दिन ही इसलिए चुना गया क्योंकि यह उत्तरी गोलार्ध में वर्ष का सबसे लंबा दिन होता है। 2015 के बाद से सिर्फ भारत मे ही नही बल्कि दुनिया के अन्य हिस्सों में भी इसका विशेष महत्व है। इससे होने वाले फायदों को सभी ने स्वीकारा है। नरेंद्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में कहा था, “योग भारत की प्राचीन परम्परा का एक अमूल्य उपहार है यह दिमाग और शरीर की एकता का प्रतीक है; मनुष्य और प्रकृति के बीच सामंजस्य है; विचार, संयम और पूर्ति प्रदान करने वाला है तथा स्वास्थ्य और भलाई के लिए एक समग्र दृष्टिकोण को भी प्रदान करने वाला है। यह व्यायाम के बारे में नहीं है, लेकिन अपने भीतर एकता की भावना, दुनिया और प्रकृति की खोज के विषय में है। हमारी बदलती जीवन- शैली में यह चेतना बनकर, हमें जलवायु परिवर्तन से निपटने में मदद कर सकता है। तो आयें एक अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस को गोद लेने की दिशा में काम करते हैं।”

Yoga divas in hindi : योग महोत्सव का उद्धेश्य लोगों को निरोग बनाना है

Yoga divas in hindi : इस वर्ष भी योग महोत्सव-2024 का आयोजन योग के विभिन्न आयामों एवं उसकी उपयोगिता के व्यापक प्रचार-प्रसार के लिए किया गया है। योग महोत्सव का उद्देश्य संपूर्ण विश्व में स्वास्थ्य तथा कल्याण एवं शांति को बढ़ावा देने के लिए एक जन आंदोलन को प्रोत्साहित करना है और इसके लिए आयुष मंत्रालय द्वारा संपूर्ण देश में 100 दिनों, 100 शहरों तथा 100 संगठनों के क्रियाकलापों का प्रारंभ किया गया। इसमें प्रख्यात योग गुरुओं, आयुष के विशेषज्ञों, प्रतिनिधियों एवं योग के प्रति उत्साही व्यक्तियों सहित प्रतिष्ठित गणमान्य व्यक्तियों की शुभ उपस्थिति तथा प्रवचनों के साक्षी बन रहे हैं। तो आइए हम सब भी इसके साक्षी बने और जीवन मे योग को अपनाए।

सोनल मंजू श्री ओमर
श्रीजी अपार्टमेंट, शांति नगर,
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