एक हैवान युवक ने मासूम बालिका को घुमाने के बहाने मेले में ले गया, जहां नशीली लस्सी पिलाकर उसे बेसुध कर दिया। बादमें बालिका को बेसुध हालत में बाइक पर बिठाकर उदयपुर के गोगुंदा में एक गांव के कमरे में बंधक बनाकर दो दिन तक उसके साथ बलात्कार करता रहा। उस खौफनाक घटना के चार साल बाद आरोप प्रमाणित होने पर पोक्सो कोर्ट राजसमंद द्वारा आरोपी को 20 साल के कठोर कारावास से दंडित किया है। राजसमंद में लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 तथा बालक अधिकार बालक अधिकार संरक्षण अधिनियम 2005 राजसमंद (पोक्सो कोर्ट) के विशेष न्यायाधीश द्वारा मामले में आरोपी को दोषी करार देते हुए यह सजा सुनाई।
पोक्सो कोर्ट के विशिष्ट लोक अभियोजक राहुल सनाढ्य ने बताया कि 14 फरवरी 2019 को पीड़ित बालिका के पिता ने चारभुजा थाने में रिपोर्ट दी थी कि उसकी 14 वर्षीय नाबालिक पुत्री 12 फरवरी 2019 को बाड़े में भैंसो को पानी चारा डालने के लिए गई थी, मगर वापस घर नहीं लौटी। इस पर पुलिस ने प्रकरण दर्ज करते हुए उसकी तलाश शुरू कर दी, मगर कोई पता नहीं चल पाया। पुलिस अनुसंधान में पता चला कि मोराणा, चारभुजा निवासी 26 वर्षीय गोवर्धनलाल पुत्र मोहनलाल उसे अगवा कर ले गया। इस पर पुलिस ने उदयपुर के गोगुंदा क्षेत्र से आरोपी गोवर्धनलाल को गिरफ्तार करते हुए बालिका को उसके चंगुल से मुक्त करवा दिया। पुलिस पूछताछ में आरोपी ने कबूल किया कि वह उसे मेले में घुमाने के बहाने ले गया और फिर लस्सी में नशीला पदार्थ मिलाकर पिला दिया, जिससे वह बेसुध सी हो गई और उसके बाद उसे बाइक पर बिठा पहले उदयपुर ले गया और बाद में गोगुंदा के एक गांव में ले गया, जहां एक कमरे में बंधक बनाकर रखते हुए दो दिन तक लगातार उसके साथ बलात्कार किया। इस बीच तलाश करते हुए पुलिस मौके पर पहुंच गई और आरोपी गोवर्धनलाल को गिरफ्तार कर लिया और बालिका को आरोपी के चंगुल से मुक्त करवा दिया। साथ ही पुलिस ने अनुसंधान के बाद जेल भेज दिया। साथ ही जांच पूरी करने के बाद पोस्को कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल कर दिया, जहां अब तक ट्रायल पर पक्ष- विपक्ष, जांच अधिकारी व गवाहों के बयान करवाए गए।
कोर्ट में 26 गवाह और 26 दस्तावेजी साक्ष्य पेश
नाबालिक बालिका से बलात्कार के आरोप को लेकर 26 दस्तावेजी साक्ष्य पोस्को कोर्ट के समक्ष पेश किए गए। अभियाेजन पक्ष द्वारा 26 गवाह भी पेश किए गए, जिससे गोवर्धनलाल द्वारा बालिका से बलात्कार करना प्रमाणित हो गया। विशिष्ट लोक अभियोजक राहुल सनाढ्य द्वारा गवाह व दस्तावेजी साक्ष्य परीक्षित करवाए गए। फिर दोनों पक्षों की बहन सुनी और गवाहों का पक्ष व दस्तावेजी साक्ष्यों के आधार पर बलात्कार के आरोपी गोवर्धनलाल को दोषी करार दे दिया। मुख्य रूप से बालिका की मेडिकल रिपोर्ट मुख्य आधार बनी।
20 साल की कठोर कैद व 40 हजार अर्थदंड
पोक्सो कोर्ट द्वारा आरोप प्रमाणित पाए जाने पर गोवर्धनलाल को 20 साल के कठोर कारावास से दंडित किया। धारा 363 भारतीय दंड संहिता 1 वर्ष का कठोर कारावास तथा 1 हजार रुपए जुर्माने से दंडित किया। इसी तरह धारा 344 के तहत 1 वर्ष का कठोर कारावास व 1 हजार रुपए जुर्माना, धारा 376 (3) के तहत 20 वर्ष का कठोर कारावास व 20 हजार जुर्माना तथा धारा 5 (l)/ 6 पोक्सो एक्ट में भी 20 वर्ष का कठोर कारावास एवं 20 हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया गया।