Jaipur Fire Incident : जयपुर में हुए भीषण हादसे के चार दिन बाद भी उदयपुर की बस के खलासी कालूराम जाटिया का कोई पता नहीं चल पाया है। इस हादसे ने अब तक 13 जिंदगियों को लील लिया है और 31 लोग अब भी अस्पताल में जिंदगी की जंग लड़ रहे हैं। पुलिस के पास एक लावारिस शव है, जिसे कालू का माना जा रहा है। डीएनए परीक्षण के बाद ही इसकी पुष्टि हो सकेगी। 19 दिसंबर की रात उदयपुर से जयपुर के लिए निकली लेकसिटी ट्रेवल्स की बस, जिसमें चालक शाहिद और खलासी कालू के साथ 32 यात्री सफर कर रहे थे, 20 दिसंबर को जयपुर से 11 किलोमीटर पहले अजमेर रोड पर एक भयानक हादसे का शिकार हो गई। सुबह 5:44 बजे यह बस एक ट्रक से टकरा गई, जिसके बाद नजदीक ही मौजूद एलपीजी टैंकर में आग लग गई। इस आग ने बस को अपनी चपेट में ले लिया, जिससे बस आग का गोला बन गई।
LPG Tanker Blast : यात्री खिड़कियां तोड़कर बाहर निकले
LPG Tanker Blast : बस का मुख्य गेट कंटेनर की वजह से जाम हो गया था, जिससे यात्री खिड़कियों के शीशे तोड़कर किसी तरह बाहर निकले। इस हादसे में चालक शाहिद की मौके पर ही मौत हो गई। 24 यात्री सुरक्षित अपने घर लौट गए, जबकि 8 यात्री गंभीर रूप से घायल हुए। इनमें से एक यात्री फैजान ने दूसरे दिन दम तोड़ दिया।
Jaipur Blast Update : लावारिस शव को लेकर असमंजस
Jaipur Blast Update : बस के खलासी कालू का अब तक कोई पता नहीं चला है। जयपुर (वेस्ट) के एसपी अमित कुमार ने बताया कि एक शव लावारिस हालत में है, जिसे कालू का ही माना जा रहा है। शव की पहचान के लिए पुलिस ने कालू के परिजनों को खोजने की कोशिश की। चित्तौड़ के शंभूपुरा स्थित उनके घर पर पुलिस टीम भेजी गई, लेकिन वहां कोई नहीं मिला। कालू के पिता पहले डबोक एयरपोर्ट पर चौकीदार थे, वहां भी टीम भेजी गई लेकिन कुछ पता नहीं चला। अब परिजनों के मिलने के बाद शव और डीएनए का मिलान किया जाएगा, जिसके बाद ही शव की पहचान हो सकेगी।
Bus driver not known in Blast : घायलों की स्थिति
Bus driver not known in Blast : हादसे में घायल हुए उदयपुर के तीन यात्री जयपुर के अस्पताल में भर्ती हैं। इनमें निर्मला (पत्नी प्रहलाद), भुवाणा निवासी लक्ष्मण (पुत्र डालचंद) और सराड़ा निवासी रूपा शामिल हैं। इनकी हालत अब खतरे से बाहर बताई जा रही है। इस हादसे ने अब तक 15 जिंदगियों को खत्म कर दिया और कई परिवारों को गहरे दुख में डुबो दिया। 21 घायल यात्री अब भी बर्न वार्ड में भर्ती हैं और उनका इलाज चल रहा है। घटना की भयावहता को देखकर यह स्पष्ट है कि सुरक्षा उपायों में चूक और लापरवाही इस त्रासदी का मुख्य कारण बनी।
Gas Tanker Blast new Update : परिवार और प्रशासन की उम्मीदें
Gas Tanker Blast new Update : चार दिन की तलाश के बाद भी कालू के परिजनों का सामने न आना प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती बना हुआ है। पुलिस और प्रशासन अब इस उम्मीद में हैं कि डीएनए परीक्षण के जरिए जल्द ही स्थिति साफ हो जाएगी और पीड़ित परिवार को उनके सवालों के जवाब मिल सकेंगे। यह हादसा हर यात्री और परिवार के लिए एक कड़ा सबक है कि सफर के दौरान सुरक्षा के सभी उपायों का पालन करना बेहद जरूरी है।