Jaipur Fire Incident : राजधानी जयपुर शहर में शुक्रवार को हुए अग्निकांड से पूरा प्रदेश ही मानो दहल उठा। भीषण आगजनी में कई 11 लोग जिंदा जल गए, जिनमें से कुछ लोगों के कंकाल मिले, जबकि कुछ के तो अभी तक शव भी नहीं मिल पाए हैं। कुछ ऐसी ही ऐसे ही कंकाल से कांस्टेबल अनिता मीणा की पहचान हुई, जिनके हाथ व पैर की नेल पॉलिश और बिछियाें से पहचान हुई। इस भयावह अग्निकांड ने 11 जिंदगियों को निगल लिया, जबकि 30 से ज्यादा लोग अब भी अस्पताल में जिंदगी की जंग लड़ रहे हैं। इनमें 20 से अधिक लोग 50 प्रतिशत से ज्यादा झुलसे हुए हैं। इस दर्दनाक हादसे में राजस्थान आरएसी की चतुर्थ बटालियन में तैनात महिला कांस्टेबल अनीता मीणा (28) की भी जान चली गई।
Women Constable : इस हादसे की भयावहता ऐसी थी कि कई शवों की पहचान करना भी मुश्किल हो गया। अनीता का शरीर इस कदर जल चुका था कि उनकी पहचान उनके पैरों की नेल पॉलिश और बिछिया से ही हो सकी। यह दृश्य जितना मार्मिक था, उतना ही परिवार और सहयोगियों के लिए असहनीय। अनीता मीणा, जयपुर जिले के दूदू से अपनी ड्यूटी के लिए चैनपुरा जा रही थीं। बस में लगी आग इतनी भीषण थी कि वे बाहर नहीं निकल पाईं। अनीता 2016 बैच की कांस्टेबल थीं और उनके परिवार का मुख्य सहारा थीं। उनके पति, 10 साल की बेटी और 7 साल के बेटे के लिए वे सिर्फ एक मां और पत्नी नहीं, बल्कि परिवार का संबल भी थीं।
Jaipur accident update : किसान परिवार से आने वाली अनीता की नौकरी ने घर की आर्थिक स्थिति को स्थिरता दी थी। उनके भाई बसराम ने बताया कि अनीता के निधन से परिवार पर गहरा आघात पहुंचा है। उनकी गैरमौजूदगी ने न केवल घर का सहारा छीन लिया, बल्कि बच्चों और पति के भविष्य को भी अंधकारमय बना दिया है। अनीता के शव को एसएमएस अस्पताल में पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंपा गया। पूरे राजकीय सम्मान के साथ उन्हें अंतिम विदाई दी गई। इस हादसे ने सिर्फ एक परिवार को नहीं, बल्कि पूरे आरएसी बटालियन और समाज को झकझोर दिया है। इस घटना ने न सिर्फ दर्द के गहरे निशान छोड़े, बल्कि यह भी दिखाया कि जिंदगी कितनी अनिश्चित है। कांस्टेबल अनीता का यह बलिदान हमेशा याद रखा जाएगा।
Road accident in jaipur : उठ रहे सवाल कि आखिर कहां रही लापरवाही
Road accident in jaipur : आगजनी की घटना के बाद अब कई सवाल खड़े हो रहे हैं कि आखिर इस हादसे का जिम्मेदार काैन है। हालांकि यह अभी जांच का विषय है और जांच से ही स्थिति स्पष्ट हो पाएगी। प्रत्यक्षदर्शियों का मानना है कि सुरक्षा नियमों की अनदेखी व प्रशासनिक लापरवाही ने इस हादसे को भयावह बना दिया। हादसे के एक चश्मदीद ने बताया कि जहां हादसा हुआ है, वहां सड़क पर गलत कट दिया है। इसी कट से हादसा हुआ। यहां पर आए दिन हादसे होते रहते हैं। कुछ दिन पहले भी एक दुर्घटना इसी जगह पर हुई थी। उसमें भी गैस टैंकर था। अगर उस घटना से सीख ले ली गई होती तो फिर आज का हादसा ना होता। इस तरह हादसे को लेकर कई सवाल खड़े हो रहे हैं कि आखिर इसका जिम्मेदार कौन है।
jaipur fire incident : 11 की मौत, 15 की हालत नाजुक, 40 वाहन जले
jaipur fire incident : भीषण आगजनी में शाम तक 11 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 30 से ज्यादा लोग घायल है। SMS मेडिकल कॉलेज के प्लास्टिक सर्जन डॉक्टर आरके जैन ने घायलों और मृतकों का ब्यौरा दिया है। उन्होंने कहा कि हमारे पास बर्न वार्ड में 32 मरीज भर्ती हुए थे, 15 मरीज ऐसे थे, जो 50% से ज्यादा झुलसे है। 5 घायलों ने दम तोड़ा, जबकि 5 लोगों के शव ही मौके से आए थे। साथ ही 1 की मौत जयपुरिया हॉस्पिटल में हुई। इस तरह करीब 40 वाहन आग में जल गए। इनमें 29 ट्रक, 2 यात्री बसें, 2 गैस टैंकर, 3 कार, 3 बाइक व 2 पिकअप वाहन है।