
Jammu and Kashmir Earthquake : जम्मू-कश्मीर में शनिवार, 12 अप्रैल 2025 को दोपहर करीब 1 बजे 5.8 तीव्रता का भूकंप आया, जिसका केंद्र पाकिस्तान में था। अधिकारियों के अनुसार, भूकंप का केंद्र 33.63 डिग्री उत्तरी अक्षांश और 72.46 डिग्री पूर्वी देशांतर पर, 10 किलोमीटर की गहराई पर स्थित था। इस भूकंप के झटके कश्मीर घाटी के कई हिस्सों, विशेष रूप से श्रीनगर, जम्मू, शोपियां और अन्य क्षेत्रों में महसूस किए गए। हालांकि, राहत की बात यह रही कि इस प्राकृतिक घटना से जान-माल का कोई नुकसान नहीं हुआ।
Earthquake india : राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (NCS) ने बताया कि भूकंप स्थानीय समयानुसार दोपहर 1:00 बजे आया। इसका केंद्र पाकिस्तान के रावलपिंडी से लगभग 60 किलोमीटर उत्तर-पश्चिम में था। भूकंप की तीव्रता मध्यम स्तर की थी, जिसके कारण घाटी में लोग डर के मारे घरों और दफ्तरों से बाहर निकल आए। श्रीनगर में कई लोगों ने बताया कि उनके घरों में फर्नीचर हिलने लगा और खिड़कियां बजने लगीं। सोशल मीडिया पर इस घटना की कई वीडियो और तस्वीरें भी सामने आईं, जिनमें इस्लामाबाद में भूकंप के दौरान लोगों की प्रतिक्रियाएं कैद थीं।
Pakistan Earthquake : पाकिस्तान और जम्मू-कश्मीर दोनों ही भूकंपीय रूप से संवेदनशील क्षेत्रों में आते हैं, क्योंकि यह क्षेत्र भारतीय और यूरेशियाई टेक्टोनिक प्लेटों के मिलन स्थल पर स्थित है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस क्षेत्र में भूकंप का खतरा हमेशा बना रहता है, और इसे देखते हुए भूकंप-रोधी इमारतों और बुनियादी ढांचे की आवश्यकता पर बल दिया जा रहा है। जम्मू-कश्मीर भूकंपीय जोन IV और V में आता है, जो उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों को दर्शाता है।
Srinagar Tremors : स्थानीय प्रशासन ने लोगों से शांत रहने और अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की है। भूकंप के बाद किसी भी तरह की क्षति या आपात स्थिति की कोई सूचना नहीं मिली, जिससे लोगों ने राहत की सांस ली। हालांकि, यह घटना एक बार फिर इस क्षेत्र में भूकंप के खतरों की याद दिलाती है। विशेषज्ञों ने सुझाव दिया है कि लोगों को भूकंप के दौरान सुरक्षित स्थानों पर जाने और आपातकालीन किट तैयार रखने की जानकारी होनी चाहिए।
Natural Disaster : पाकिस्तान में भी भूकंप के झटके कई शहरों में महसूस किए गए, विशेष रूप से इस्लामाबाद और पंजाब के कुछ हिस्सों में। वहां भी कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ, लेकिन लोगों में डर का माहौल रहा। भूकंप के बाद सोशल मीडिया पर #Earthquake और #JammuKashmir जैसे हैशटैग ट्रेंड करने लगे, जिससे यह घटना चर्चा का विषय बन गई।
Seismic Activity : यह पहली बार नहीं है जब इस क्षेत्र में भूकंप आया हो। इससे पहले मार्च 2025 में लद्दाख और कुपवाड़ा में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। विशेषज्ञों का मानना है कि छोटे-मोटे भूकंप टेक्टोनिक प्लेटों के तनाव को कम करते हैं, लेकिन बड़े भूकंप का खतरा हमेशा बना रहता है। इसलिए, सरकार और समुदाय को मिलकर भूकंप के लिए पहले से तैयार रहना होगा।
इस घटना ने एक बार फिर यह सवाल उठाया है कि क्या हमारा बुनियादी ढांचा भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदाओं का सामना करने के लिए तैयार है। विशेषज्ञों ने सरकार से अपील की है कि भूकंप-रोधी तकनीकों को बढ़ावा दिया जाए और जन जागरूकता अभियान चलाए जाएं।