
JPMorgan Job Cuts: हाल ही में इंफोसिस (Infosys), मेटा (Meta) जैसी बड़ी कंपनियों के बाद अब अमेरिका के सबसे बड़े बैंक जेपी मॉर्गन चेस एंड कंपनी (JPMorgan Chase) ने भी कर्मचारियों की छंटनी करने का फैसला लिया है। Barron’s की एक रिपोर्ट के अनुसार, बैंक लगभग 1,000 कर्मचारियों की नौकरी खत्म कर सकता है।
JPMorgan जैसे बड़े बैंक द्वारा छंटनी का यह फैसला दर्शाता है कि वैश्विक अर्थव्यवस्था में स्थिरता के बावजूद कंपनियां अपनी लागत कम करने पर ध्यान केंद्रित कर रही हैं। आने वाले महीनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि बैंकिंग और टेक्नोलॉजी सेक्टर में नौकरी बाजार किस दिशा में जाता है।
World Economy : जेपी मॉर्गन की हालिया छंटनी मुख्यतः अमेरिका में केंद्रित है और इसका भारत पर कोई प्रत्यक्ष प्रभाव नहीं है। हालांकि, वैश्विक बैंकिंग क्षेत्र में हो रहे परिवर्तनों के कारण, भारतीय अर्थव्यवस्था और विशेष रूप से आईटी और सेवा उद्योगों को संभावित प्रभावों के प्रति सतर्क रहना चाहिए। आउटसोर्सिंग के अवसरों में वृद्धि या कमी, वैश्विक आर्थिक परिस्थितियों और बैंकिंग नीतियों पर निर्भर करेगी।
JPMorgan की छंटनी से जुड़ा बड़ा खुलासा
रिपोर्ट के मुताबिक, ह्यूस्टन स्थित कई कार्यालयों पर इस छंटनी का असर पड़ा है और कुछ कर्मचारियों को 5 फरवरी को इसकी जानकारी दी गई थी। JPMorgan की योजना है कि वह मार्च, मई, जून, अगस्त और सितंबर में भी कर्मचारियों की संख्या घटाए। हालांकि, साल भर में कुल कितने पदों को समाप्त किया जाएगा, इस बारे में अभी स्पष्ट जानकारी नहीं दी गई है।
बैंकिंग सेक्टर की मौजूदा स्थिति
ईटी नॉउ (ET Now) की रिपोर्ट के अनुसार, बैंकिंग सेक्टर की स्थिति हाल ही में सुधरी है। JPMorgan ने 2024 में अब तक का सबसे अधिक वार्षिक मुनाफा अर्जित किया है। इसके अलावा, वॉल स्ट्रीट (Wall Street) की कमाई भी बढ़ी है, क्योंकि डीलमेकिंग (Dealmaking) और फंडरेजिंग (Fundraising) गतिविधियां तेज़ी से आगे बढ़ रही हैं।
बता दें कि 2024 के अंत तक JPMorgan के पास कुल 3,17,233 कर्मचारी थे और कंपनी ने रिकॉर्ड मुनाफा भी दर्ज किया था। इसके बावजूद, बैंक ने छंटनी का फैसला लिया है।
बैंक के प्रवक्ता का बयान
JPMorgan के प्रवक्ता ने रॉयटर्स (Reuters) को ईमेल के माध्यम से बताया,
“हम नियमित रूप से अपनी व्यावसायिक आवश्यकताओं की समीक्षा करते हैं और तदनुसार अपने स्टाफ को समायोजित करते हैं। हम कई क्षेत्रों में भर्तियां जारी रखे हुए हैं और प्रभावित कर्मचारियों के लिए नए अवसर तलाशने की कोशिश कर रहे हैं… यह हमारे व्यवसाय के नियमित प्रबंधन का हिस्सा है और बहुत कम संख्या में कर्मचारियों को प्रभावित करता है।”
हाल ही में किन कंपनियों में हुई छंटनी?
हाल ही में, मेटा (Meta) ने अपने कर्मचारियों को भेजे गए एक मेमो में कहा कि कंपनी और अधिक छंटनी की तैयारी कर रही है और मशीन लर्निंग (Machine Learning) इंजीनियरों की भर्ती में तेजी ला रही है। इसके अलावा, इंफोसिस (Infosys) ने अपने मैसूर (Mysore) कैंपस से 400 ट्रेनियों को नौकरी से निकाल दिया है। यह संख्या अक्टूबर 2024 में शामिल होने वाली ट्रेनियों की संख्या की तुलना में लगभग आधी है।
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इतना ही नहीं, गूगल (Google), अमेज़न (Amazon), माइक्रोसॉफ्ट (Microsoft), मेटा (Meta), सेल्सफोर्स (Salesforce), वॉलमार्ट (Walmart), स्ट्राइप (Stripe) जैसी बड़ी कंपनियां 2025 में भी छंटनी की योजना बना रही हैं।
एक रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी जॉब मार्केट 2025 में कमजोर हो सकता है और नियोक्ता पहले ही संकेत दे रहे हैं कि वे आने वाले समय में अधिक नौकरियां खत्म कर सकते हैं।
भारतीय अर्थव्यवस्था पर अप्रत्यक्ष प्रभाव
यदि वैश्विक बैंकिंग क्षेत्र में छंटनी की यह प्रवृत्ति जारी रहती है, तो इसका भारतीय अर्थव्यवस्था पर अप्रत्यक्ष प्रभाव हो सकता है। विशेष रूप से, भारतीय आईटी और सेवा उद्योग, जो वैश्विक बैंकों के लिए सेवाएं प्रदान करते हैं, प्रभावित हो सकते हैं। हालांकि, वर्तमान में जेपी मॉर्गन की छंटनी का ऐसा कोई प्रत्यक्ष प्रभाव नहीं देखा गया है।