जिन पर पूरे देश को हुआ गर्व, वे सरकार की अनदेखी से डर- दहशत में जीने को मजबूर, बन गए याचक

लक्ष्मणसिंह राठौड़ @ राजसमंद

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उदयपुर शहर में 28 जून 2022 को कन्हैयालाल टेलर की नृशंस हत्या कर भागे आतंकियों को राजसमंद जिले के दो जाबांज युवकों ने हिम्मत दिखाते हुए पीछा करके पकड़वाया था, तब राजसमंद, उदयपुर ही नहीं, बल्कि राजस्थान और पूरे देश को गर्व हुआ था। अगर वे बदमाश नहीं पकड़े जाते, तो और भी कोई बड़ी संगीन वारदात का खतरा था। साथ ही उनके हौंसले और भी बढ़ते। उस वक्त उदयपुर के साथ प्रदेशभर की पुलिस अलर्ट हो गई थी और सबकी धड़कने बढ़ गई थी, मगर ऐसी विकट परिस्थिति में राजसमंद जिले के दो युवाओं की बहादुरी वाकई काबिले तारीफ थी और तभी तो मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उन्हें सरकारी नौकरी व सुरक्षा के लिए गन लाइसेंस का आश्वासन भी दिया था। फिर उदयपुर में मृतक कन्हैयालाल के दोनों बेटों को सरकारी नौकरी मिल गई, मगर इन जाबांज युवाओं को एक साल बाद भी न तो सरकारी नौकरी मिल पाई है और न ही सुरक्षा की ही कोई फिक्र है। खास बात यह है कि पुलिस, प्रशासन से लेकर क्षेत्रीय विधायक सुदर्शनसिंह रावत और सांसद दीया कुमारी ने भी दोनों युवाओं के कार्य को सराहा व सरकारी नौकरी दिलाने की बात कही, मगर न तो राज्य सरकार द्वारा कोई ध्यान दिया गया और न ही केन्द्र सरकार ने कोई कार्रवाई की है। ऐसे में इन युवाओं को तब आतंकी पकड़वाने पर गर्व हुआ था, मगर अब उन्हें सबसे खतरनाक व गलत कदम उठा देने का गम है। क्योंकि अब ये युवा न तो कहीं नौकरी कर पा रहे हैं और न ही सरकार की तरफ से कोई संबल मिल पा रहा है। इस तरह अब राजनेताओं की भूमिका भी सवालों के घेरे में है, तो सरकार की कार्यशैली पर भी सवाल उठ रहे हैं।

युवक बोले- आरोपी ले सकते हैं बदला, कोई नहीं सुन रहा

दोनों आरोपियों को पकड़ने वाले शक्तिसिंह और प्रहलाद सिंह ने बताया कि जो कन्हैयालाल को इतनी बेरहमी से मौत की नींद सुला सकते हैं, ऐसे लोग बदला लेने के लिए हमें या हमारे परिवार के सदस्यों के साथ भी वारदात कर सकते हैं। सुरक्षा के लिए लाइसेंससुदा हथियार और अपनी आजीविका चलाने के लिए रोजगार मांगा, लेकिन वह भी अब तक पूरा नहीं हो सका है। मुख्यमंत्री चिरंजीवी योजना में यदि सड़क दुर्घटना में घायल हुए व्यक्ति को कोई अस्पताल पहुंचाता है तो उसे 5 हजार की आर्थिक सहायता दी जाती है, लेकिन प्रहलाद सिंह व शक्ति सिंह ने जान की परवाह किए बगैर कन्हैयालाल के हत्यारों का 25 किलोमीटर तक लगातार पीछा किया और पुलिस को जानकारी देकर उन्हें पकड़वाया, लेकिन उन्हें वादा करके भी मुख्यमंत्री मुकर से गए हैं।

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यह है पूरा मामला, देखिए

उदयपुर के मालदास की गली में 28 जून 2022 दोपहर 3 बजे आतंकी रियाज अत्तारी और मोहम्मद गौस ने 28 जून को टेलर कन्हैयालाल साहू की गला काटकर हत्या कर दी थी। आतंकियों ने नृशंस हत्या का लाइव वीडियो भी बदमाशों ने बनाया। फिर लोगों में दहशत फैलाने और धार्मिक भावनाओं को भड़काने के लिए सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। वायरल वीडियो में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक को जान से लिए धमकी दी थी। संगीन वारदात के बाद दोनों आरोपी उदयपुर से बाइक पर राजसमंद की तरफ भाग निकले, पुलिस ने नाकाबंदी भी की, मगर कोई पता नहीं चल पाया। पुलिस ने चौतरफा सोशल मीडिया के जरिए व मुखबिरों के जरिए तलाश शुरू की। जगह जगह पुलिस नाकाबंदी कर दी गई, मगर बदमाश ग्रामीण क्षेत्र के रास्तों से भागते रहे। ऐसे में देवगढ़ थाना क्षेत्र के ताल चौराहे पर खड़े प्रहलादसिंह व शक्तिसिंह चुंडावत थे, जिनके मोबाइल पर देवगढ़ थाने से बाबूसिंह का कॉल आया और बताया कि अलर्ट रहना। तभी उनके सामने से बताए हुलिए की बाइक निकली, तो दोनों युवाओं ने खुद के जान की परवाह किए बाइक लेकर पीछा शुरू कर दिया, जिन्होंने 25 किलोमीटर तक पीछा करके भीम से आगे टोगी के पास उनकी मदद से पुलिस ने पकड़ा था। उस घटना के बाद जयपुर में मुख्यमंत्री ने दोनों ही जाबांज युवा प्रहलादसिंह व शक्तिसिंह से मिले और सरकारी नौकरी का आश्वासन दिया, लेकिन सरकार द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई। इसके चलते एक साल बीत गया है, जो एक साल बाद भी डर व दहशत के साये में जी रहे हैं। खास तौर से युवाओं ने सरकारी नौकरी के अलावा सुरक्षा के लिए हथियार का लाइसेंस दिलाने की मांग की थी, लेकिन आज तक लाइसेंस भी नहीं मिल पाया। इसको लेकर भीम विधायक सुदर्शनसिंह रावत के साथ सांसद दीया कुमारी तक ने पैरवी की, सरकार से मुलाकात की, मगर युवाओं को न तो सरकारी नौकरी मिली है और न ही सुरक्षा के लिए हथियार का कोई लाइसेंस मिल पाया है।

पहले पुलिस ने नहीं सुना, इसलिए कन्हैयालाल की हुई थी हत्या

उदयपुर में कन्हैयालाल टेलर की हत्या के पीछे भी कहीं न कहीं पुलिस व प्रशासन की अनदेखी ही सामने आई है। खास तौर से दिल्ली में भाजपा राष्ट्रीय प्रवक्ता नुपूर शर्मा द्वारा के बयान को लेकर उदयपुर निवासी कन्हैयालाल टेलर ने फेसबुक पर पोस्ट डाली थी। फिर आतंकी रियाज अत्तारी व गौस मोहम्मद आक्रोशित हो गए और जान से मारने की चेतावनी भी दी। धमकाने को लेकर थाने में रिपोर्ट दी, मगर पुलिस ने कोई गंभीरता से नहीं लिया और उसके बाद 28 जून 2022 को कन्हैयालाल की हत्या कर दी थी। ठीक उसी तरह के हालात अब राजसमंद में बन रहे हैं, जहां पीड़ित दोनों युवा कई बार प्रशासन से लेकर मुख्यमंत्री तक के समक्ष अपनी मांग रख चुके हैं, मगर न तो कोई कार्रवाई हो पाई और न ही पीड़ित दोनों युवाओं को सुरक्षा के लिए हथियार का लाइसेंस ही मिल पाया।

सहमे हुए दिन काटने को मजबूर दोनों युवा

आतंकी रियाज अत्तारी व मोहम्मद गौस को पकड़वाने में अहम भूमिका निभाने वाले काकरोद व ताल निवासी प्रहलादसिंह व शक्तिसिंह चुंडाव ने दोनों युवा इस घटनाक्रम के बाद से ही डरे और सहमे रहते हैं। उन्हें अपने और परिजनों के साथ कोई घटना नहीं हो जाए, इसका डर हर दम सताता रहता है, जिससे वे हमेशा डर के साये में अपना जीवन गुजार रहे हैं। उनका कहना है कि पुलिस को हमने सूचना दी और उनको पकड़ने का श्रेय पुलिस ने अपने आप को दिलाकर गैलेण्ट्री अवार्ड के साथ प्रमोशन ले लिया, लेकिन पुलिस व प्रशासन ने खुद की पीठ थपथपा दी और उन्हें हथियार का लाइसेंस तक नहीं मिल पाया।

साहस का किया था काम

काकरोद के सुरतपुरा निवासी शक्तिसिंह चुण्डावत (31) गोविंदसिंह का इकलौता बेटा है जबकि परिवार में मां के साथ उनकी एक बहन भी है, वहीं ताल निवासी प्रहलादसिंह के माता- पिता के अलावा दो भाई भी है। वे दोनों अब तक अविवाहित हैं। उन्होंने बताया कि हमारी जान को खतरा होने के भय से कोई भी पिता अपनी बेटी का संबंध हमसे करने को तैयार नहीं है।

कैसे पकड़ा कन्हैया के हत्यारों को

कन्हैयालाल के हत्यारे को भीम कस्बे के रहने वाले शक्ति सिंह व प्रहलाद ने पकड़ा था, उनके द्वारा बताया गया कि कन्हैया के हत्यारे राजसमंद से होकर अजमेर की तरफ भाग रहे थे, उस समय पुलिस द्वारा भी हर तरफ नाकाबंदी की गई थी। उसके बाद भी पुलिस काे चकमा देकर भागने वाले हत्यारों को को दोनो युवाओं ने पीछा किया व पुलिस से कॉन्टेक्ट में रहते हुए उन्होंने दोनों हत्यारों को पकड़ लिया गया था, इन दोनों युवाओं की बहादुरी से आज अपराधी सलाखों के पीछे हैं।

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कन्हैया के हत्यारों को पकड़ने वालों को मिल रही धमकियां

कन्हैयालाल की हत्या को एक साल हो चुका जब कन्हैयालाल हत्याकांड की बरसी पर सवेंदनाए जताने के लिए भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष सी पी. जोशी मृतक के घर पहुंचे और उन्होंने कहा कि कन्हैया की मृत्यु के एक साल बाद आज भी परिवार डर के साए में अपना जीवन व्यतीत कर रहा है। जोशी ने काग्रेंस पर निशाना साधते ह्रए कहा कि कन्हैया कि मृत्यु के एक वर्ष पश्चात भी अपराधियों को फांसी नही हुई है, और उसके बाद जोशी ने कहा कि हत्यारों को अपराधियों को जिन युवाओं ने पकड़वाया था उन्हें भी आज तक कोई सुरक्षा नही मिल पाई हैं व बार-बार युवाओं को धमकियां मिल रही हैं। सरकार द्वारा उन्हें कोई सुरक्षा नहीं दी जा रही ऐसे में दोनों युवा काफी परेशान हैं।

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भय के माहौल में जी जाबांज युवा

कन्हैयालाल हत्याकांड के मुख्य आरोपियों का पीछा कर पकड़वाने वाले दोनों युवक आज भय के माहौल में जी रहे हैं। उन्हें ना तो सुरक्षा मिल पाई और ना ही नौकरी। जिसका खामियाजा उनका परिवार भी भुगत रहा है। बेरोजगारी का दंश झेल रहे दोनों युवक घर से बाहर निकलने में घबराते हैं कि कहीं कोई उन पर हमला नहीं कर दें। जिन्होंने कन्हैयालाल की जघन्य हत्या कर बाइक से भाग रहे हत्या के आरोपित मोहम्मद रियाज अत्तारी तथा गौस मोहम्मद का पीछा किया। दोनों युवक पहले निजी कंपनी में काम करते थे लेकिन अब कोई भी कंपनी या संस्था उन्हें काम नहीं देना चाहती। उन्हें लगता कि कोई आतंकी कब उन पर हमला कर दे।

दोनों युवाओं ने 25 किलोमीटर तक किया था पीछा

युवक शक्ति सिंह व प्रहलाद सिंह बताते हैं कि ताल चौराहे पर चाय पी रहे थे। तभी देवगढ़ थाने से परिचित सिपाही ने कॉल पर उदयपुर में कन्हैयालाल हत्याकांड की जानकारी देते दो आतंकियों के फरार होना बताया। कॉल पर बताया कि दो आतंकी 2611 नंबर की बाइक से फरार हुए हैं। इसके ठीक दो मिनट बाद 2611 की बाइक जाते हुए देखी, जिसकी सूचना तत्काल देवगढ़ थाने में देने के साथ ही उन्होंने पीछा शुरू कर दिया। करीब 25 किलोमीटर तक पीछा करते हुए वह मिनट-मिनट की जानकारी पुलिस को देते रहे। जिसके चलते टोंगा के समीप पुलिस ने घेराबंदी दोनों को दबोच लिया। यदि शक्ति सिंह और प्रहलाद सिंह पुलिस की मदद नहीं करते तो दोनों आरोपित फरार हो जाते। अजमेर जाने के बाद उनकी नेपाल भागने की योजना थी। शक्ति सिंह और प्रहलाद ने बताया कि जब उन्होंने कन्हैयालाल के हत्यारों का पीछा किया तब दो जगह पुलिस की नाकाबंदी थी लेकिन वह उन्हें पकड़ने में सफल नहीं रही। पुलिस की नाकाबंदी तोड़कर ही वह भाग रहे थे लेकिन किसी पुलिसकर्मी का ध्यान उनकी बाइक के नंबरों पर नहीं पड़ा।

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कन्हैयालाल के बेटे ने की आर्थिक मदद

कन्हैयालाल के हत्या के आरोपियों को पकड़वाने वाले प्रहलाद सिंह व शक्ति सिंह के सहयोग के लिए सरकार ने कोई कदम नहीं उठाया और न ही समाजसेेवा का दंभ भरने वाले स्वयंसेवी संगठन आगे आए हैं, लेकिन कन्हैयालाल के बेटे यश ने दोनों युवकों को 25-25 हजार रुपए की आर्थिक सहायता प्रदान की है। यश का कहना था कि यदि ये युवक बहादुरी नहीं दिखाते तो उनके पिता के हत्यारे देश छोड़कर भागने में सफल हो जाते।

दुकान बंद, बेटा एक साल से बिना चप्पल के

उदयपुर में कन्हैयालाल टेलर की हत्या के बाद मालदास स्ट्रीट में दुकान आज भी बंद है। पत्नी यशोदा, बड़ा बेटा यश व छोटा बेटा तरूण बोले कि जब आरोपियों को फांसी होगी, तब वे अस्थिकलश गंगा में बहाएंगे। उल्लेखनीय है कि 28 जून 2022 को उदयपुर के मालदास स्ट्रीट में कन्हैयालाल टेलर की आतंकी गौस मोहम्मद व रियाज द्वारा हत्या कर दी गई थी। फिलहाल आरोपी अजमेर स्थित हाई सिक्योरिटी जेल में बंद हैं। कराची निवासी सलमान व अबू इब्राहिम पाकिस्तान में हैं। इसके अलावा 7 अन्य खिलाफ भी चार्जशीट पेश हुई। ये गिरफ्तार हो चुके हैं। बताया कि बड़ा बेटा यश एक साल से नंगे पांव है और उसने बाल भी नहीं कटवाए। बोला कि जब तक हत्यारों को फांसी नहीं होगी, तब तक वह ऐसे ही रहेगा। घर पर चौबीस घंटे पुलिस का पहरा है। उन्हें कहीं भी जाना होता है, तो पुलिस से मंजूरी लेनी पड़ती है और घर की टीवी पर गलियों के सीसीटीवी फुटेज चलते हैं। कन्हैयालाल की हत्या पर मुंबई के डायरेक्टर अमित जानी ने फिल्म बनाने की इच्छा जताई है।

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