Udaipur Kanheya Murder to son government job https://jaivardhannews.com/kanheyalal-sahu-murder-in-udaipur-updates/

उदयपुर में तालिबानी हत्याकांड के शिकार हुए कन्हैयालाल तेली के दोनों बेटों को सरकारी नौकरी मिलने का रास्ता साफ हो गया है। कन्हैयालाल के दोनों बेटों को सरकारी नौकरी देने काे कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में कन्हैयालाल के दोनों बेटों को सरकारी नौकरी देने के एजेंडे को प्रमुख तौर पर रखा गया। कन्हैयालाल के बेटे यश तेली और तरूण कुमार तेली को सरकारी नौकरी देने के लिए नियम बदले जा रहे हैं।

Udaipur Live Murder 01 : तालिबानी तरीके से मर्डर, पूरे राजस्थान में इंटरनेट बंद, दोनों दरिंदे गिरफ्तार

दोनों को क्लर्क पद पर नौकरी दिया जाना तय है। कन्हैयालाल के बेटों को क्लर्क की नौकरी देने के लिए मिनिमम क्वालिफिकेशन और एज लिमिट में छूट दी जाएगी। इसके लिए राजस्थान क्लेरिकल एंड सबऑर्डिनेट सर्विस अमेंडमेंट रूल्स 2008,2009 के नियम 6 जी में संशोधन को कैबिनेट ने मंजूरी दी है। मौजूदा नियमों के हिसाब से 1992 के बाद आंतकी घटनाओं, दंगों, प्रदर्शनों-रैलियों में किसी की मौत होने पर उसके एक आश्रित को सरकारी नौकरी देने का प्रावधान था। मौजूदा नियमों के हिसाब से कन्हैयालाल के दोनों बेटों को सरकारी नौकरी नहीं मिल सकती थी इसलिए नियमों में बदलाव का फैसला किया है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 30 जून को उदयपुर में कन्हैयालाल तेली के घर जाकर परिजनों को सांत्वना दी थी। उसी दिन सीएस ने 50 लाख की सहायता का चेक देने के साथ दोनों बेटों को नौकरी देने का आश्वासन दिया था।

Udaipur Murder : कन्हैयालाल के परिजनों के लिए देश-दुनिया से मदद: 24 घंटे में ही जुटा दिए एक करोड़ रुपए

उदयपुर में स्लीपर सेल एक्टिव होने का दावा किया

जम्मू कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सतपाल मल्लिक के सुरक्षा सलाहकार रहे अभिनव पंड्या ने दावा किया कि उदयपुर में स्लीपर सेल एक्टिव है। कन्हैयालाल का केस देखा जाए तो 2014 में रियाज और गौस दोनों पाकिस्तान गए थे। उनका कई लोगों से संपर्क हुआ। उसके बाद वो लोग कई लोगों से संपर्क में थे। दावत ए इस्लामी के जुड़ाव के साथ ही यह लोग कानपुर में भी अपना नेटवर्क चला रहे थे। इस ग्रुप के क्लियर इंटरनेशनल लिंक है। पूरे राजस्थान में PFI की एक्टिविटी फैल रही है। जबकि PFI के लिंक ISIS से है।

Udaipur Murder Updates कन्हैयालाल पर हमले के वक्त भाग गए थे लोग, अकेले ईश्वर सिंह हमलावरों से भिड़े

वेबसाइट्स को मिलेंगे सरकारी विज्ञापन

कैबिनेट ने नई डिजिटल पौलिसी को मंजूरी दे दी है। नई पॉलिसी के तहत अब वेबसाइट्स को भी सरकारी विज्ञापन मिलेंगे। सरकार से विज्ञापन के लिए वेबसाइट्स को डीएवीपी से रजिस्टर्ड होना जरूरी है, वेबसाइट का 50 फीसदी न्यूज कंटेंट होना अनिवार्य होगा और उसमें से 25 फीसदी न्यूज कंटेंट राजस्थान से होना जरूरी होगा।