Khari Fider in rajsamand https://jaivardhannews.com/khari-feeder-broken-and-water-of-rajsamand-lake-closed/

राजसमंद झील को भरने वाली खारी फीडर नहर फरारा के पास रिसाव के बाद फुट गई। अचानक पानी का रिसाव होकर खेत लबालब भरने की सूचना पर जल संसाधन विभाग द्वारा तत्काल नन्दसमंद बांध से खारी फीडर के पानी को बंद कर दिया। प्रतिवर्ष इस नहर के पानी से करीब 10 फीट राजसमंद झील भरती है। अभी झील 27.60 फीट भर चुकी है और 2.40 फीट खाली है और खारी फीडर के पानी से छलकने की उम्मीद है।

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जानकारी के अनुसार नन्दसमंद से राजसमंद झील को भरने वाली खारी फीडर नहर फरारा पंचायत के मादड़ा व सूरसिंह की भागल के बीच रिसाव के बाद गहरी दरार पड़ गई। इस कारण एकाएक नहर का पानी खेतों में बह गया। खेत व आबादी क्षेत्र में पानी पहुंचने की सूचना पर जल संसाधन विभाग द्वारा तत्काल नन्दसमंद से खारी फीडर को बंद कर दिया गया है। जल संसाधन विभाग नाथद्वारा के सहायक अभियंता गौरव ने बताया कि फरारा के पास नहर में दरार पड़ने पर तत्काल पानी का बहाव रोक दिया है। अब शुक्रवार को नहर दरार को ठीक करने के बाद नहर में फिर से पानी छोड़ा जाएगा।

अभी 400 क्यूसेक पानी आता है नहर में

खारी फीडर में वर्तमान में 400 क्यूसेक पानी झील में पहुंच रहा है। इसी पानी से हर साल करीब 10 फीट तक राजसमंद झील भर रही है। प्रतिवर्ष गोमती नदी में पानी नहीं आने पर भी खारी फीडर से राजसमंद झील का गेज बढ़ रहा है और शहर व ग्रामीण क्षेत्र में पेयजल संकट से भी राहत मिल रही है। अगर पेयजल आपूर्ति से ज्यादा पानी की आवक राजसमंद झील में होने पर 40 से ज्यादा गांवों के खेतों में सिंचाई के लिए पानी छोड़ा जाता है। इस तरह नन्दसमंद से राजसमंद झील तक जल सेतू के रूप में खारी फीडर नहर है।

80 करोड़ का बजट मंजूर, अब दोगुनी होगी क्षमता

राजसमंद झील को भरने वाली खारी फीडर चाैड़ी करने के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा डीएमएफटी से 80 करोड़ का बजट स्वीकृत किया है। इससे अब खारी फीडर की क्षमता को दोगुना किया जाएगा। इससे अब फीडर में 400 क्यूसेक की क्षमता से बढ़कर अब 800 क्यूसेक पानी झील में पहुंचेगा।

1962 में हुआ था खारी फीडर का निर्माण

राजसमंद झील को भरने के लिए 61 साल पहले वर्ष 1962 में खारी फीडर का निर्माण किया गया था। 1962 में नंदसमंद से राजसमंद झील तक 36 किमी की खारी फीडर का शिलान्यास हुआ था। खारी नदी पर करीब 20 बड़े पिलर बनाकर फीडर को ऊपर से निकाला गया है। करीब 290 मीटर लम्बा एक्वाइट तैयार किया गया। फीडर निर्माण में छह साल लगे थे। खारी फीडर निर्माण कार्य वर्ष 1962 में शुरू हुआ था और 1968 में काम पूरा हुआ था। नंदसमंद बांध 1990 में ओवरफ्लो हुआ था। इससे वर्ष 1990 से 1997 तक लगातार ओवरफ्लो हुआ था। इससे राजसमंद झील में प्रतिवर्ष सात से 10 फीट पानी की आवक हुई थी। 1998 से 2000 तक कमजोर मानसून के चलते नंदसमंद बांध ओवरफ्लो नहीं हुआ। वर्ष 2006 के बाद भी लगभग हर वर्ष खारी फीडर को राजसमंद झील के लिए छोड़ा जाता है।

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