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कुंभलगढ़ फेस्टिवल : दो साल के लंबे इंतजार के बाद कुंभलगढ़ दुर्ग पर लोक संस्कृति के रंगों की मनोहारी बिखरेंगी

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कुंभलगढ़ दुर्ग पर दो साल के लम्बे अंतराल के बाद फेस्टिवल होने वाला है। पिछले दो सालों में कोरोना महामारी के कारण फेस्टिवल नहीं हो सका। तीन दिवसीय कुंभलगढ़ उत्सव 1 दिसंबर सुबह 8 बजे से महादेव पूजन के साथ यज्ञ वेदी चौक में हाे होगा।

पर्यटन विभाग के होने वाले फेस्टिवल में कई नामचीन कलाकार तीन दिन तक प्रस्तुतियाें से पावणाें का स्वागत-सत्कार करेंगे। जिला प्रशासन एवं पर्यटन विभाग के सहयोग से हाेने वाले कुंभलगढ़ फेस्टिवल में विविध गतिविधियां हाेगी। पर्यटन विभाग की उप निदेशक शिक्षा सक्सेना ने बताया कि फेस्टिवल को लेकर पर्यटक काफी उत्साहित रहते हैं।

विभाग की तरफ से होने वाले इस फेस्टिवल के पहले दिन 2010 में पद्मश्री से सम्मानित वासिफुद्दीन डागर ध्रुपद शैली में प्रस्तुतियां देंगे। वहीं दिन में लाल आंगी गैर के अलावा कई सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे। फेस्टिवल के दूसरे दिन पहली ट्रांसजेंडर कथक डांसर देविका कथक नृत्य के अलावा ओडिसी डांस परफॉर्मर किरण सेगल प्रस्तुति देगी। फेस्टिवल के अंतिम दिन तीन दिसंबर को मांगणियार में अलग नाम कमाने वाले कलाकार अनवर खां प्रस्तुति देंगे।

कलेक्टर का आह्वान-नागरिक उत्सव में भाग लेकर बढ़ाएं शोभा

कलेक्टर अरविंद पाेसवाल ने आह्वान किया कि राजसमंद के नागरिक इस उत्सव की सभी गतिविधियों में हिस्सा लेकर उनका शोभा बढ़ाएं। बुधवार सुबह 8 बजे महादेव पूजा, झंडारोहण एवं अतिथि सत्कार के साथ गढ़ की दीवार व यज्ञ वेदी चाैक पर कुंभलगढ़ फेस्टिवल का शुभारंभ होगा। सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक राजस्थानी लोक कलाकारों की प्रस्तुतियां मुख्य-मुख्य पर्यटक स्थलों पर भी हाेगी।

मनोरंजन के साथ होगी रोचक प्रतियोगिताएं

इसी दिन रस्साकसी, मूंछ प्रतियोगिता, साफा बंधन, पणिहारी दौड़, खेल संकुल में होगी। स्थानीय नागरिक एवं पर्यटक रोचक प्रतियोगिताओं में हिस्सा ले सकेंगे।

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