राजसमंद। लगभग 68 दिन बाद खुले कुंभलगढ़ दुर्ग पर पहले दिन 50 पर्यटक पहुंचे। दुर्ग खुलने से सभी होटलों में कमरों के लिए पर्यटकों की इंक्वायरी आने का दौर भी शुरू हो गया है। टिकिट खिड़की पर सुबह 9 बजे पूजा अर्चना की गई।
कुंभलगढ़ दुर्ग में भ्रमण के लिए किला खुलने के बाद पहले दिन 50 की संख्या में पर्यटक पहुंचे। पिछले साल भी कोरोना की लहर आ जाने के कारण जून महीने में दुर्ग बंद था। वही स्थानीय होटल इंडस्ट्री के लिए यह मानसून वीक जून-जुलाई से शुरू हो जाता है। जो दो-तीन महीने चलता है। इन महीनों में हर महीने करीब 10 हजार पर्यटक दुर्ग देखने आते हैं। वही विदेशी पर्यटक भी काफी संख्या में आते थे। लेकिन फिलहाल 2 साल में लॉकडाउन के कारण वह भी नहीं आ पा रहे।
होटलों में भी गेस्ट का टेंप्ररेचर जांचकर दे रहे एंट्री
कोरोना काल के कारण 15 महीनों में 3 बार पर्यटन स्थल बंद हो चुके हैं। इससे पुरातत्व विभाग सहित होटल व्यवसाय को नुकसान झेलना पड़ा हैं। पहली बार 19 मार्च 2020 से 06 जुलाई 2020 तक पर्यटन स्थल बंद किए गए। दूसरी बार वापस कुंभलगढ़ में गार्ड पॉजिटिव आने पर फिर से 3 अप्रैल 2021 से 13 अप्रैल 2021 तक 10 दिनों के लिए गढ़ को बंद कर दिया। इसके बाद दो दिन खुला रहने के बाद कोरोना बढऩे से 15 अप्रैल को वापस बंद हो गया। जो 60 दिनों बाद 16 जून को वापस खुला।
रामपोल पर पर्यटकों को किया सेनिटाइज, फिर दिया प्रवेश
दुर्ग पर पहुंचने वाले पर्यटकों को पहले दिन रामपोल पर सेनिटाइज किया। वहीं मास्क लगा होने के बाद ही उन्हें प्रवेश दिया गया। इसके साथ ही ऑफलाइन टिकट की बुकिंग ज्यादातर हुई। महाराणा प्रताप की जयंती के मौके पर दुर्ग पर प्रताप जन्म कक्ष में पूजा नहीं हो पाई। उस परिसर में भी पूजा की गई।