राजसमंद राजस्थान के पूर्व सिंचाई राज्यमंत्री एवं कुंभलगढ़ विधायक सुरेन्द्रसिंह राठौड़ ने लॉकडाउन में अपना जन्मदिन अलग अंदाज में मनाया। राठौड़ की सोनियाणा आश्रम के गुरुजी के प्रति उनकी प्रगाढ़ आस्था रही है और वे प्रतिवर्ष की भांति इस बार भी सोनियाणा आश्रम पहुंचे, जहां गुरुजी की चरणपादुका के धोक देकर सुख, समृद्धि एवं हमेशा निरोगी रहने की कामना की। राठौड़ के साथ उनकी पत्नी भी साथ में थी। सोनियाणा आश्रम में गुरुजी के चरण पादुका का दर्शन करने के बाद कोरोना संक्रमण से जल्द आमजन को राहत मिलें, यह कामना भी की गई।

विधायक के जन्मदिन पर किया कोरोना वॉरियर्स का सम्मान

पूर्व सिंचाई राज्य मंत्री एवं कुंभलगढ़ विधायक सुरेंद्रसिंह राठौड़ का कार्यकर्ताओं ने कोरोना वॉरियर्स का सम्मान कर उन्हें प्रशस्ति पत्र, सेनेटाइजर भेंट कर मनाया। चिकित्सा विभाग के कर्मचारी, पुलिस अधिकारी तथा कार्मिकों को सम्मानित करते हुए उनको प्रशस्ति पत्र व सेनेटाइजर भेंट किए। प्रवक्ता माधवसिंह पंवार ने बताया कि क्षेत्र की विधायक सुरेंद्र सिंह राठौड़ के 58वें जन्मदिन पर नगर भाजपा अध्यक्ष सुनील गांधी, युवा मोर्चा के रमन कंसारा, पार्षद राधेश्याम खटीक, दिनेश सरनोत, राजेंद्र डांगी, रतनलाल कीर, हकीम बोहरा, रतन टेलर, ललित छाजेड़, देवीलाल जीनगर, महिला मोर्चा की निर्मला शर्मा, मंजू सरनोत, किरन पगारिया आदि कार्यकर्ताओं ने जन्मदिवस के मौके पर 108 के पायलट, नर्सिंगकर्मी, नगर पालिका अधिशासी अधिकारी प्रतापसिंह भाटी, थाना अधिकारी दलपत सिंह तथा विभिन्न वार्डों में कार्य करने वाले कोरोना वॉरियर्स को सम्मानित करते हुए उनका उपरणा ओढ़ाकर स्वागत किया।

1993 से कुंभलगढ़ क्षेत्र की राजनीति में सक्रिय राठौड़

भाजपा के सुरेन्द्रसिंह राठौड़ 1993, 2003, 2013 व 2018 में विधायक बने। 15 वीं विधानसभा में कुम्भलगढ़ से भाजपा के सुरेन्द्रसिंह राठौड़ के विधायक बनने व प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने से कुम्भलगढ़ विधायक को 51 वर्ष बाद विपक्ष में बैठना पड़ा। अब तक हुए विधानसभा के 15 चुनावों में कुम्भलगढ़ विधायक 11 बार सत्ता पक्ष एवं 4 बार विपक्ष में बैठा। यहां के मतदाताओं का सत्ता पक्ष के प्रति झुकाव कहें या संयोग, जो भी हो, लेकिन इस सीट पर जिस पार्टी का प्रत्याशी जीतता था, सरकार भी उसी की बनती आई है। अयेज दुर्ग के रूप में ख्याती प्राप्त कुम्भलगढ़ राज्य में सत्ता प्राप्त करने वाली पार्टी के लिए भी विजय की सौगात लेकर आता है। ऐसे में यह धारणा सी बन गई कि विधानसभा में सरकार बनाने का रास्ता कुम्भलगढ़ से होकर जाता है। लेकिन, इस विधानसभा चुनाव में ऐसा नहीं हो पाया। हालांकि सत्ता पक्ष में बैठने का संयोग एक दो बार नहीं, बल्कि 11 बार बन चुका है। लेकिन, लगातार 51 वर्ष के इस संयोग के बाद अब फिर यहां का विधायक विपक्ष में बैठेगा। अब तक यहां से 4 बार भाजपा, 8 बार कांग्रेस तथा एक-एक बार जनसंघ, जनता पार्टी एवं एसडब्ल्यूटी के विधायक चुने गए।

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